प्राण साहब तुम बहुत याद आते हो
- पांच अगस्त 2014 को दुनिया को अलविदा कह गए थे प्राण
DEHRADUN : मशहूर कार्टून स्ट्रिप 'चाचा चौधरी' के जनक प्राण को मरणोपरांत वर्ष ख्0क्भ् का पदम श्री अवॉर्ड दिया गया तो करोड़ों भारतवासियों को गर्व अनुभव हुआ। प्राण के द्वारा बनाए गए कार्टून किरदार चाचा चौधरी व साबू से कौन वाकिफ नहीं होगा। इन कॉमिक्स ने हमेशा से हमारा मनोरंजन किया है और हमारे चेहरे पर एक मुस्कान दी। दून में भी हैं एक फैनवैसे तो प्राण साहब के पूरे भारत में फैन होंगे लेकिन उनका एक अनोखा फैन देहरादून में भी है, जिनका नाम शेख अमीर अहमद है। शेख बतातें हैं कि प्राण साहब जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति्व थे। वो अपने फैंस के पत्रों का जवाब खुद ही लिख दिया करते थे। उन्होंने खुद मेरी रिक्वेस्ट पर चाचा चौधरी का कार्टून बनाकर मुझे गिफ्ट किया था। शेख अमीर अहमद प्राण साहब के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताते हैं कि पाकिस्तान के 'कसूर' में जन्में प्राण साहब ने पॉलिटिक्ल साइंस और फाइन आर्ट में डिप्लोमा किया था। क्9म्0 में पॉकेट कार्टूनिष्ट के रूप में उर्दू दैनिक मिलाप से अपना करियर शुरू किया। उस समय विदेशी कॉमिक्स बहुत ही प्रसिद्ध थे। प्राण अक्सर कहा करते थे कि मैं किसी के चेहरे पर मुस्कुराहट ला सकूं तो अपने जीवन को सफल समझूंगा।
क्97क् में बनाई पहली स्ट्रिप्स प्राण साहब ने क्97क् में चाचा चौधरी पहली स्ट्रिप बनाई थी। उनकी कुछ कॉमिक स्ट्रिप आज भी द इंटरनेशनल म्यूजियम ऑफ कार्टून ऑर्ट्स यूएसएस में रखी गई हैं। सन् ख्00क् में उन्हें लाइफ टाइम अचिवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया। पांच अगस्त ख्0क्ब् को केंसर से जूझते हुए इस विलक्षण कार्टूनिष्ट ने दुनिया से विदा ले लिया।