सीएम ने कहा कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की तकनीकी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में उत्तराखंड राज्य में बेस लोड की अनुपलब्धता स्वीकार करते हुए कोयला आधारित संयत्रों से अतिरिक्त 400 मेगावाट उपलब्धता सुनिश्चित करने की स्वीकृति दी है। जिस पर केंद्रीय मंत्री ने सहमति व्यक्त की है।

-सीएम ने नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से की भेंट

देहरादून, 22 अगस्त (ब्यूरो)। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से भेंट कर उत्तराखंड को कोयला आधारित संयंत्रों से 400-450 मेगावाट स्थायी आवंटन किए जाने का अनुरोध किया। सीएम ने कहा कि राज्य की ऊर्जा सुरक्षा के दृष्टिगत बेस लोड सुरक्षित किये जाने और राज्य को व्यापक विद्युत कटौती से मुक्त रखे जाने के लिए उत्तराखंड राज्य को कोयला आधारित संयंत्रों से 400 मेगा वाट स्थायी आवंटन किया जाना जरूरी है।

-आपदा के कारण क्षतिग्रस्त हुई विद्युत लाइनों की क्षतिपूर्ति करेगी केंद्र सरकार
-राज्य के बॉर्डर एरिया में विद्युत लाइनें व विद्युत संयंत्र स्थापित करने का आश्वाशन
-उत्तराखंड को कोयला आधारित संयंत्रों से 400 मेगावाट स्थाई आवंटन किए जाने का अनुरोध

सीएम का केंद्र से आग्रह
सीएम ने आपदा के कारण क्षतिग्रस्त हुई विद्युत लाइनों व टावरों को पुर्नविस्थापित करने के लिए केंद्र सरकार से सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि क्षतिग्रस्त लाइनों की क्षतिपूर्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी। कहा, क्षतिग्रस्त विद्युत टावरों का सर्वे कराकर इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाए। इसका परीक्षण कराकर प्रतिपूर्ति पर विचार किया जायेगा। सीएम ने बॉर्डर एरिया में विद्युत लाइनें व विद्युत संयंत्र शीघ्र स्थापित करने का आग्रह किया। जिसके लिए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहाड़ी राज्यों के लिए मानक अलग से निर्धारित कर शीघ्र बॉर्डर एरिया में विद्युत लाइनें व विद्युत संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।

पावर प्रोडक्शन के लिए दीर्घकालिक योजना
सीएम ने राज्य सरकार को केंद्रीय पूल से अतिरिक्त विद्युत उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने इस पर सहमति प्रदान की। सीएम ने कहा कि राज्य में सोलर ऊर्जा, हाइड्रो पावर व कोयला से पावर प्रोडक्शन के लिए दीर्घकालिक योजना पर कार्य किया जा रहा है। सीएम ने माह अप्रैल से सितंबर 2023 तक औसतन 300 मेगा वाट विद्युत प्रतिमाह अनएलोकेटेड कोटा से उपलब्ध कराए जाने के लिए केंद्रीय मंत्री का आभार जताया। कहा, उत्तराखंड में ऊर्जा की कुल उपलब्धता में 60 परसेंट से ज्यादा जल ऊर्जा संयंत्रों से है। जिसमें मौसमी परिवर्तन के साथ उपलब्धता में व्यापक उतार-चढ़ाव होता है। जबकि, ठंड में प्रोडक्शन करीब एक तिहाई रह जाता है।

DEHRADUN@Inext.co.in

Posted By: Inextlive