इस बार लगातार आग लगने की घटनाएं हो रही है। पिछले 4 दिन में आगजनी की 9 घटनाएं सामने आ चुकी है। आज भी सिलेंडर के पाइप लगने से विकासनगर में एक रेस्टोरेंट में हादसा हो गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि फायर सीजन कब का शुरू हो गया है और विभाग आग बुझाने के लिए 90 हाइडें्रट की खरीद का प्रस्ताव शासन से अभी तक स्वीकृत नहीं हो पाया है।

- पिछले साल 17 करोड़ की संपत्ति चढ़ी थी आग की भेंट

देहरादून, 25 अप्रैल (ब्यूरो)।
कब हाइड्रेंट स्वीकृति मिलेगी और कब ये आग बुझाएंगे। यही नहीं दर्जनों जगहों पर जंगल की आग धधक रही है। शहर में आगजनी की रोजाना दो से तीन घटनाएं सामने आ रही है। ऐसे में संसाधनों और कार्मिकों की कमी से जूझ रहे फायर सर्विस विभाग आग पर कैसे काबू पाएगा यह यक्ष प्रश्न खड़ा हो गया है।

वैकल्पिक संसाधनों की बैसाखी पर सवार फायर सर्विस
जैसे-जैसे पारा बढ़ रहा है वैसे-वैसे आगजनी की घटनाएं भी बढ़ रही है। जंगलों की आग से जूझ रहे फायरमैन अब सिटी के अंदर दुकानों-कॉम्पलैक्सों में फायर एक्सीडेंट की घटनाओं से भी लडऩा पड़ रहा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो दून सिटी की 13 लाख आबादी के लिए फायर सर्विस विभाग के पास महज 67 फायरमैन व अन्य कर्मचारी हैं। फायर हाइड्रेंट भी विभाग के पास एक भी नहीं है। वैकल्पिक तौर पर जल संस्थान के 10 हाइड्रेंड को विभाग यूज कर रहा है। यहां तंग गलियां हैं, इसके लिए भी मात्र 3 मोटर साइकिल बैग पैक सेट है। डीसीपी टेंडर वाहन भी मात्र एक है। यह वाहन कहां-कहां दौड़ेगा यह किसी को पता नहीं है।

17 करोड़ की संपत्ति का नुकसान
दून में चार दिन में आगजनी की 9 घटनाओं ने फायर सर्विस के माथे पर बल डाल दिया है। आशंका है कि इस बार आगे लगने की घटनाओं में पिछले साल के मुकाबले इजाफा हो सकता है। पिछले साल दून में 642 घटनाएं हुई। जिसमें 17.29 करोड़ की संपत्ति जलकर राख हुई है। इस बार अकेले अप्रैल माह में 23 दिन में 76 जगहों पर आग लगने की घटनाएं हो चुकी है। इसमें अधिकांश वनाग्नि की घटनाएं शामिल है।

46.44 करोड़ की संपत्ति बचाई
हर साल करोड़ों की संपत्ति आग से स्वाहा हो रही है। आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले साल 2023 में ही 17 करोड़ से अधिक की क्षति हुई है। बावजूद इसके व्यवस्था चाक-चौबंद नहीं हो पा रही है। 2023 में देहरादून जिले में आगजनी की 642 घटनाएं हुई थी, जिसमें 17.29 कीमत की संपत्ति को क्षति पहुंची थी। फायर सर्विस ने त्वरित मोर्चा संभालते हुए 46.44 संपत्ति को बचाने में सफल रहा। इससे पहले 2022 में 414 घटनाएं सामने आई थी, जिसमें 108 फायर की घटनाएं शामिल थी।

4 दिन में 9 घटनाओं ने निकाला दम
वैडनसडे को विकासनगर में एक रेस्टोरेंट में सिलेंडर में आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। किसी तरह फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया। 21 अप्रैल को गढ़ी कैंट क्षेत्र में सडक़ किनारे खड़ी एक लग्जरी कार में लगी आग लगी थी। 22 अप्रैल को 4 जगहों पर आग की घटनाओं को फायर ब्रिगेड ने काबू किया। इसमें सेलाकुई में भूसा स्टोर में दो जगहों पर, विकासनगर में जंगल की आग आबादी तक पहुंची और रायपुर में गद्दा फैक्ट्री में आग की घटनाएं शामिल हैं। 23 अपैल को भी 3 जगहों ऋषिकेश कोतवाली, डोईवाला में जंगल में आबादी के बीच पहुंची आग और विकासनगर में भूसा स्टोर की आग को काबू करने में फायरमैनों के पसीने छूटे।

76
आगजनी की घटनाएं हो गई 23 दिन में
642
फायर की घटनाएं हो चुकी है इस माह अब तक
414
घटनाएं हुई थी पिछले साल
17.29
करोड़ की हुई पिछले साल क्षति
46.44
करोड़ की संपत्ति को बचाया फायर ब्रिगेड के कार्मिकों ने
112
कंट्रोल रूम
101
फायर कंट्रोल रूम

इन नंबरों पर दें तत्काल आग की सूचना
0135-2716242
फायर कंट्रोल स्टेशन, देहरादून
94565967981
चीफ फायर ऑफिसर
94565967983
फायर ऑफिसर, देहरादून
0135-2430101
फायर स्टेशन, ऋषिकेश
94565967980
फायर ऑफिसर, ऋषिकेश
0135-2984739
फायर स्टेशन, डोईवाला
94565967984
फायर ऑफिसर, मसूरी
94565967982
फायर ऑफिसर, विकासनगर
94565967985
फायर ऑफिसर, सेलाकुई

रेस्क्यू वाहन व इक्विपमेंट पर एक नजर
वाहन संख्या
डीसीपी टेंडर 01
फोम टेंडर 05
वाटर टेंडर 13
मिनी वाटर टेंडर 06
बैग पैक सेट 09
एम्बुलेंस 03
मोटर साइकिल 3
हाइड्रोलिक प्लेटफार्म 1
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स्टाफ की स्थिति
अग्निशमन अधिकारी 01
अग्निशमन वित्तीय अधिकारी 04
लीडिंग फायर मैन 23
फायर सर्विस चालक 31
दून में टोटल कार्मिक 67
जिले में फायर मैन 158

आगजनी की घटनाओं को कंट्रोल करने के लिए पर्याप्त संसाधनों की व्यवस्था की गई है। बड़ी घटना घटने पर वैकल्पिक व्यवस्था को मुस्तैद रखा गया है। 90 फायर हाइड्रेंट खरीद के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।
वंश बहादुर यादव, चीफ फायर ऑफिसर, देहरादून


हाईराइज बिल्डिंग्स भी बनेगी मददगार
चीफ फायर ऑफिसर ने बताया कि दून में हाईराइज बिल्डिंग्स से भी पानी की मदद ली जाएगी। 15 मीटर से ऊंची बिल्डिंग्स होटल में 50 हजार से लेकर 1 लाख लीटर तक के टैंक होते हैं। जरूरत पडऩे पर आस-पास के इलाकों में इनसे पानी उपलब्ध हो जाएगा। ऐसे स्थानों को भी चिन्हित किया गया है। फायर हाइड्रेंट के लिए बजट मिलते ही उनका निर्माण कराया जाएगा।
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Posted By: Inextlive