गांधी रोड यानी क्लॉक टावर से प्रिंस चौक तक. दून की यह रोड सबसे व्यस्त और सबसे ज्यादा ट्रैफिक वाली रोड कही जा सकती है. इस रोड पर कितना प्रेशर रहता है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दून से मसूरी की तरफ चलाई जाने वाली रोडवेज बस प्रिंस चौक से क्लॉक टावर की तरफ भेजने की बजाय आराघर चौक की तरफ भेज दी जाती हैं. करीब 2 किमी के इस व्यस्त रोड का लोड कम करने के लिए रोडवेज बसों को 6 किमी चलना पड़ता है. फिलहाल यह व्यस्ततम रोड स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के हवाले है और लोग किसी तरह इस रोड पर चल रहे हैं.


देहरादून (ब्यूरो)। इस रोड पर दर्शनलाल चौक से करीब डेढ़ वर्ष पहले सीवरेज लाइन डालने का काम शुरू किया गया था। इसके लिए रोड थोड़ी-थोड़ी दूरी में बड़े-बड़े गड्ढे खोदे गये। एक गड््ढे का काम पूरा करने में कई-कई महीने का समय लगा। इस दौरान या तो इस रोड को सिंगल लेन कर दिया गया या इस पर ट्रैफिक पूरी तरह बंद कर दिया गया। डेढ़ वर्ष में करीब डेढ़ किमी सीवर लाइन डाली गई है और यह काम अब प्रिंस चौक से सहारनपुर रोड पर चल रहा है. खुदाई के बाद रिपेयर नहीं सीवर लाइन के लिए कुछ कुछ मीटर की दूरी पर रोड की कई जगह खुदाई की गई। काम पूरा होने के बाद गड्ढे तो भर दिये गये, लेकिन रोड रिपेयर नहीं की गई। अब प्रिंस चौक से दर्शनलाल चौक के बीच गांधी रोड बुरी तरह से अस्त-व्यस्त है। बारिश होते ही गड्ढों में पानी भर जाता है और चारों तरफ कीचड़ भर जाती है, जबकि बाकी समय में चारों तरफ धूल का गुबार छाया रहता है। कलेक्ट्रेट से कुछ मीटर दूर खास बात यह है कि यह रोड कलेक्ट्रेट परिसर से मात्र 100 मीटर की दूरी पर है। डीएम देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड की सीईओ भी हैं। वे समय-समय पर स्मार्ट सिटी के कामों का निरीक्षण भी करते हैं, लेकिन उनके ऑफिस से कुछ मीटर दूर गांधी रोड पर डेढ़ वर्षों बदहाल है। नहीं होता छिड़काव डीएम और सीईओ स्मार्ट सिटी की ओर से सख्त आदेश दिये गये हैं कि स्मार्ट सिटी को कार्यों के दौरान जहां भी धूल उड़ने की संभावना हो, वहां पानी का छिड़काव किया जाए। लेकिन, ऐसा कहीं नहीं हो रहा है। गांधी रोड पर जहां काम पूरा होने के बाद रोड का डामरीकरण या पेचवर्क नहीं हुआ है, वहां वाहनों की आवाजाही से धूल का गुबार उड़ता रहता है। रोड के किनारे चलने वाले रेस्टोरेंट मालिक खुद टैंकर मंगवाकर छिड़काव करते हैं. dehradun@inext.co.in Posted By: Inextlive