- पुलिस अधिकारी ने पकड़ा गला, वायरल हुआ फोटो

- तीन दिन पहले यूथ कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान का फोटो

देहरादून

प्रदर्शन के दौरान एक पुलिस अधिकारी द्वारा एक व्यक्ति का गला दबाने का एक फोटो संडे को दूनाइट्स के बीच सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इस दर्जनों यूजर्स ने पोस्ट किया और सैकड़ों यूजर्स ने इस पर पुलिस के खिलाफ अथवा पुलिस के पक्ष में कंमेंट लिखे।

तीन दिन पहले का फोटो

फोटो तीन दिन पहले का बताया जा रहा है। बताया गया कि यह यूथ कांग्रेस के विधानसभा कूच के दौरान का फोटो है। जब प्रदर्शनकारियों को रोकते हुए एक पुलिस अधिकारी ने एक कार्यकर्ता का गला पकड़ लिया। इस फोटो के वायरल होने के साथ ही बड़ी संख्या में यूजर्स पुलिस के पक्ष में और पुलिस के खिलाफ सोशल मीडिया पर भिड़ गये।

क्या यह तरीका सही है

एक सोशल मीडिया यूजर अखिलेश डिमरी ने फोटो पोस्ट करके लिखा कि क्या यह तरीका सही है, उन्होंने आगे लिखा, माफ करें डीजीपी साहब एक नसीहतें सोशल मीडिया तक ही सीमित हैं। इस पोस्ट पर दर्जनों लोगों ने कमेंट लिखे। राधे बिष्ट ने कहा कि जो इंसानों की रक्षा के लिए रखे हैं वही ऐसा कर रहे हैं। ब्रिजेश मैठानी ने लिख्श मित्र पुलिस द्वार अपनाई गई मित्रता का उदाहरण। भार्गव चंदोला ने इसे गला पकड़कर हत्या का प्रयास बताया। प्रमिला रावत ने लिखा, यह अपराध है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। शीशपाल गुसाई ने लिखा, यह तरीका गलत है, अभिनव थापर अपराधी नहीं है।

पुलिस के पक्ष में भी दलील

इस फोटो के एक दर्जन से ज्यादा यूजर्स ने पोस्ट किया। पोस्ट करने वाले ज्यादातर लोगों ने इसे पुलिस के खिलाफ टिप्पणी लिख कर पोस्ट किया, लेकिन कई यूजर्स पुलिस के पक्ष में भी खड़े हो गये। एक पोस्ट पर सुशील शुक्ला ने कमेंट लिखा, सुना है इन महोदय ने इस फोटो से पहले पुलिस इंस्पेक्टर को बहुत जोरदार थप्पड़ जड़ा था। अरविंद हटवाल ने लिखा, भाई इंस्पेक्टर होशियार सिंह पर जब थप्पड़ लगी तक इंस्पेक्टर रितेश शाह ने एक्शन लिया। हिमांशु कुमार ने पुलिस पक्ष लेते हुए लिखा, जिन एसएचओ रितेश शाह की ये पिक चलाई जा रही है वो बेहतर और बेदाग पुलिस अफसर हैं। सचिन चमोली ने लिखा, सच झूठ जाए भाड़ में आओ पुलिस का गरियाएं। उन्होंने लिख कि पुलिस का गाली देनी वाली यह वही जनता है जो कल तक अपने मुर्दो में हॉस्पिटल में छोड़कर भाग रही थी और यही खाकी पीपीई किट पहन श्मशान ले जाकर मुर्दे फूंक रही थी।

खाकी में इंसान पर टिप्पणी

एक अन्य यूजर ने डीजीपी अशोक कुमार की पुस्तक के टाइटल और पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पर बार-बार इस्तेमाल किये जाने वाले वाक्य खाकी में इंसान के साथ फोटो पोस्ट की। रतन नेगी नामक यूजर ने लिखा कि इस तरह की तस्वीर कहीं न कहीं लोकप्रिय डीजीपी सर को निराश करती है, इसलिए पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए। फोटो साथ कई यूजर्स ने सिर्फ मित्र पुलिस लिखा। सुमित थपलियाल ने क्या गला पकड़ते हो साहब, आपको साउथ का हीरो होना चाहिए।

Posted By: Inextlive