उत्तराखंड के लिए वर्ष 2023 एक बड़ी सौगात लेकर आया है. मार्च तक प्रदेश के सभी गांव सड़क मार्ग से जुड़ जाएंगे. 250 आबादी तक के केवल 36 गांव ही सड़क मार्ग से जुडऩे शेष रह गए हैं. वह भी मार्च 2023 तक सड़क से जुड़ जाएंगे.

- मार्च 2023 के बाद सड़क से वंचित नहीं रह पाएगा राज्य का एक भी गांव

देहरादून (ब्यूरो): दुर्गम से अति दुर्गम गांवों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राज्य में 15241 गांव हैं, जिसमें लगभग 15205 गांव दिसंबर 2022 तक सड़क मार्ग से जुड़ गए हैं। पीएमजीएसवाई ने अब तक प्रदेश में रिकार्ड 19150 किमी। सड़क का निर्माण गांव-कस्बों को सड़क सुविधा से जोड़ा है। खास बात यह है कि पीएमजीएसवाई के तहत अब तक 1866 गांवों को सड़क पहुंचाने की स्वीकृति मिली थी, जिसमेें से 1830 गांवों में दिसंबर 2022 तक सड़क पहुंचाई दी गई है। केवल 36 गांव ही सड़क मार्ग से वंचित रह गए हैं। इन गांवों के लिए सड़क स्वीकृत है, जिन पर कार्य चल रहा है।

पिथौरागढ़ जनपद ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) में शानदार काम किया है। केंद्र सरकार ने पीएमजीएसवाई की वर्ष 2021-22 की जारी की गई देश की टॉप 30 जिलों की प्रगति सूची में उत्तराखंड के तीन जिलों ने जगह बनाई है, जिसमें पिथौरागढ़ तीसरे स्थान पर है, जबकि अल्मोड़ा 10वें और चमोली जिले ने 22वें नंबर पर जगह बनाई है। जम्मू कश्मीर के ऊधमपुर जनपद 644.05 किमी। सड़क निर्मा के साथ देश में पहले स्थान पर रहा है।

एक साल में बनी तीन जिलों में रिकार्ड सड़कें
पिथौरागढ़ 363 किमी।
अल्मोड़ा 321.87 किमी।
चमोली 237.348 किमी।
अब तक बनी कुल सड़कें 19150 किमी। सड़कें
अब तक जोड़े 1830 गांव

2282 सड़कें कंपलीट
पीएमजीएसवाई के चीफ इंजीनियर रवि प्रताप सिंह ने बताया कि गांवों को सड़क सुविधा से जोडऩे के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 2778 सड़कें स्वीकृत हुई थी, जिसमें से 2282 सड़कें कंपलीट चुकी हैं। शेष 496 सड़कों का काम भी तेज गति से चल रहा है। अवशेष कार्यों को मार्च तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

पीएमजीएसवाई की जिलेवार बनाई गई रोड
जिला विलेज, बैलेंस
1 अल्मोड़ा 269 3
2 बागेश्वर 127 -
3 चमोली 212 2
4 चंपावत 97 2
5 देहरादून 94 2
6 पौड़ी 19 -
7 हरिद्वार 112 1
8 नैनीताल 205 -
9 पिथौरागढ 156 11
10 रुद्रप्रयाग 133 3
11 टिहरी 263 2
12 यूएसनगर 28 0
13 उत्तरकाशी 115 10
कुल 1830 36

दिसंबर 2000 में हुई पीएमजीएसवाई की शुरूआत
9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड राज्य के अस्तिव में आने के करीब एक माह बाद दिसंबर 2000 में केंद्र सरकार ने पीएमजीएसवाई योजना की शुरूआत की, जिसका उद्येश्य सड़कों का जाल बिछाने के लिए किया गया, जिसमें उच्च तकनीकी और प्रबंधन मानकों को स्थापित करने और राज्य-स्तरीय नीति विकास और योजना को सुगम बनाना है, ताकि ग्रामीण सड़क नेटवर्क से जुड़ सके। यह योजना 250 आबादी तक के गांवों को सड़क से जोडऩे का काम करती है। योजना पर 90 फीसदी बजट केंद्र और 10 फीसदी राज्य सरकर खर्च करती है।

1150 किमी। सड़कों की होगी मरम्मत
पीएमजीएसवाई की बहुत सारी सड़कें पुरानी हो चुकी हैं, जिनका लंबे समय से मेंटेनेंस नहीं हुआ है। केंद्र सरकार ने 10 साल पुरानी करीब 1150 किमी। सड़कों की मरम्मत के लिए राजय ने डीपीआर केंद्र को भेजी गई है। इसके लिए केंद्रीय अगले 15 दिन में केंद्र की टीम राज्य में विजिट पूरा करेगी।

पीएमजीएसवाई को गांवों में सड़क निर्माण का जो लक्ष्य दिया गया था उसे मार्च तक हर हाल में पूरा कर दिया जाएगा। अब तक 1866 गांव-बसावटों में से 1830 सड़क सुविधा से जोड़ दिया गया है। जर्जर हो चुकी पुरानी सड़कों का भी मेंटेनेंस कार्य जल्द शुरू किया जाएगा।
उदयराज सिंह, अपर सचिव, पीएमजीएसवाई

Posted By: Inextlive