यदि सब योजनागत तरीके से चला तो आने वाले समय में राजधानी दून ही नहीं पूरे प्रदेश में प्लास्टिक कचरा नजर नहीं आएगा. दरसअल ङ्क्षसगल यूज प्लास्टिक कचरे के निस्तारण पर केंद्र सरकार का विशेष फोकस है.


देहरादून, (ब्यूरो): यदि सब योजनागत तरीके से चला तो आने वाले समय में राजधानी दून ही नहीं पूरे प्रदेश में प्लास्टिक कचरा नजर नहीं आएगा। दरसअल, ङ्क्षसगल यूज प्लास्टिक कचरे के निस्तारण पर केंद्र सरकार का विशेष फोकस है। इसी कड़ी में उत्तराखंड पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अंतर्गत प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन के लिए डीडीआरएस (डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम) की शुरुआत की गई है। सीएम पुष्कर ङ्क्षसह धामी ने वेडनैसडे को सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में इसकी लांङ्क्षचग की। बार कोड स्कैन कर लिया डिजिटल पेमेंटलॉचिंग के दौरान सीएम सीएम ने स्वयं प्लास्टिक की बोतल को बार कोड से स्कैन कर डिजिटल पेमेंट प्राप्त किया। इसके साथ ही उत्तराखंड यह पहल करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। अगले चार माह में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इसके लिए पूरा सेटअप तैयार करेगा। 1 जनवरी, 2025 से राज्य में डीडीआरएस पूरी तरह लागू होगा।


रोजगार के भी खुलेंगे अवसर

डीडीआरएस से प्लास्टिक कचरे का एकत्रीकरण सुगम होने के साथ ही इसे रिसाइकिल कर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। डीआरएस के तहत पानी, कोल्ड ङ्क्षड्रक की प्लास्टिक बोतलों, चिप्स आदि के पैकेट पर संबंधित कंपनियां क्यूआर कोड अंकित करेंगी। इनकी खरीद पर उपभोक्ता से निश्चित राशि ली जाएगी, जो प्लास्टिक बोतल व रैपर को दुकानदार को वापस करने पर उसे इस डिजिटल माध्यम से लौटाई जाएगी। एकत्रित प्लास्टिक कचरे को रिसाइकिल कर अन्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे। चारधाम में इस पहल के बेहतर परिणाम आए थे।राज्य को ग्रीन व क्लीन बनाने में मिलेगी मददसीएम धामी ने कहा कि प्लास्टिक कचरा संपूर्ण विश्व के लिए चुनौती है। इसके समाधान को सरकार कदम उठा रही है। राज्य को ग्रीन व क्लीन बनाने की दिशा में डीडीआरएस महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि दो साल पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में केदारनाथ में यह प्रयोग किया गया। इसके सफल संचालन के लिए रुद्रप्रयाग जिले को वर्ष 2022 में डिजिटल इंडिया अवार्ड भी मिल चुका है।सभी से सक्रिय भागीदारी निभाने की अपीलधरोहरों को प्लास्टिक के खतरों से बचाने के लिए सभी को सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, विशेष सचवि सीएम व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ। पराग मधुकर धकाते, वन विभाग के मुखिया डॉ। धनंजय मोहन के साथ ही सभी जिलों के डीएम वर्चुअली कार्यक्रम से जुड़े। खास बातें- यूपीपीसीबी के अंतर्गत डिजिटल डिपाजिट रिफंड सिस्टम का सीएम ने किया शुभारंभ।- प्लास्टिक कचरे से मुक्त होगा देवभूमि उत्तराखंड।

- प्लास्टिक बोतल व अन्य वस्तु देने पर क्यूआर कोड के जरिए डिजिटली मिलेगा पैसा।- 1 जनवरी, 2025 से राज्य में डीडीआरएस पूरी तरह होगा राज्य में लागू।- डीडीआरएस प्लास्टिक कचरे को साफ करने के साथ ही पर्यावरण को भी शुद्ध रखने में करेगा मदद।- चारधाम यात्रा के दौरान भारी मात्रा में एकत्रित होता है प्लास्टिक कचरा - 2 साल पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में केदारनाथ में यह किया गया था प्रयोग।- सफल संचालन के लिए रुद्रप्रयाग जिले को 2022 में मिल चुका डिजिटल इंडिया अवार्ड।

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Posted By: Inextlive