-कोरोना संक्रमित पेशेंट ठीक होकर दे रहे प्लाज्मा

-अब तक कई कोरोना संक्रमित की बचा चुके जान

देहरादून,

कोरोना संक्रमण की पीड़ा झेलने के बाद दूसरे को इस तकलीफ से बचाने की भावना से कई कोरोना संक्रमण की जंग जीत चुके कोरोना वॉरियर दूसरों की भी जान बचा रहे हैं। दून हॉस्पिटल में अब तक 44 लोगों ने प्लाज्मा डोनेट किया है। यह वह लोग है जो स्वयं यहां पहुंचे तो कुछ वॉलिंटियर हैं, जो खुद दो बार प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं और साथ ही अन्य लोगों को भी प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित कर हॉस्पिटल में लेकर पहुंच रहे। प्लाज्मा डोनेट करने वाले इन लोगों से जब दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने बात की तो उन्होंने बताया कि वह प्लाज्मा डोनेट करने के बाद भी स्वयं को चुस्त महसूस कर रहे हैं।

इनका लिया जा रहा प्लाज्मा

कोरोना संक्रमण से ठीक होकर लौटे लोगों में एंटीबॉडी तैयार होती है तो उनका प्लाज्मा कोरोना संक्रमित पेशेंट के लिए इम्युनिटी डेवलप करने का काम करता है। ऐसे में कोरोना संक्रमण से ठीक हुए पेशेंट्स को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए कहा जा रहा हैं।

एक साल तक रहता है सुरक्षित

किसी भी व्यक्ति से लिया गया प्लाज्मा एक साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है। हालांकि इस समय जिन लोगों का प्लाज्मा लिया। उनके प्लाज्मा का इस्तेमाल किया जा चुका है।

कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों को चाहिए कि वह अपने एंटीबॉडी की जांच कराये। अगर उनमें एंटीबॉडी तैयार हुई है तो उन्हें अवश्य ही प्लाज्मा डोनेट करना चाहिए। क्योंकि प्लाज्मा खरीदा नहीं जा सकता। प्लाज्मा डोनेट करने से कोई नुकसान नहीं होता।

डॉ। साक्षी उप्रेती, लैब इंचार्ज दून हॉस्पिटल

यह हैैं प्लाज्मा डोनेटर

सुरेन्द्र सिंह सामंत

दो अगस्त को कोरोना संक्रमित थे। इसके बाद 10 दिन तक कोविड केयर सेंटर में भर्ती रहने के बाद 14 दिन तक होम आइसोलेशन में घर पर ही रहे। एक अक्टूबर को वह जांच के लिए दून हॉस्पिटल पहुंचे, जहां उनके प्लाज्मा को उपयुक्त पाया गया। इसके बाद दो अक्टूबर को उन्होंने प्लाज्मा डोनेट किया। सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि प्लाज्मा डोनेट करने से कोई नुकसान नहीं हुआ। यह केवल एक ब्लड डोनेट करने जैसा है।

2- विवेक सिंह चौहान

एक अगस्त को कोरोना पॉजिटिव हुए थे। इसके बाद कई दिन क्वांरटीन रहने के बाद जब वह ठीक हुए थे तो जब वह ठीक हुए, तो उन्होंने 15 सितम्बर को अपनी एंटीबॉडी जांच कराई तो उन्हें प्लाज्मा डोनेशन के लिए बताया गया। इसके बाद इन्होंने अपना प्लाज्मा डोनेट किया। विवेक के अनुसार जो कोरोना संक्रमित होकर ठीक हुए हैं, उन्हें अवश्य ही प्लाज्मा डोनेट करना चाहिए।

इन लोगों ने भी दिया योगदान

अंशुल शर्मा

सुरेन्द्र कश्यप

Posted By: Inextlive