दून में बिजली की लाइनें अंडरग्राउंड होंगी सड़कों से बिजली के तारों का जाल हट जाएगा। शहर की सूरत बदल जाएगी। बिजली व्यवस्थाएं चाक-चौबंद होंगी यह सब सुनते-सुनते करीब 8 साल बीत गए हैं आज भी शहर में जहां-तहां बिजली की तारें झूल रही है। वर्ष 2014 में उत्तराखंड पावर कारपोरेशन ने अंडर ग्राउंड केबलिंग की योजना बनाई थी तब से यह योजना परवान नहीं चढ। पाई। इसके पीछे मुख्य वजह बजट की स्वीकृति न मिलना बताया जा रहा है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि जब बजट ही नहीं मिलना है तो कागजों पर योजनाएं बनाकर किस काम की हैं?

देहरादून (ब्यूरो)। देहरादून शहर के मुख्य मार्गों से बिजली की लाइनें हटाने के लिए 863 करोड़ रुपये का एस्टीमेट बनाया गया है। योजना के तहत शहर की मुख्य सड़कों से बिजली की 11 केवी और 33 केवी की लाइनें भुमिगत की जानी हैं, इसके अलावा घरेलू एलटी लाइनों को भी भुमिगत किए जाने का प्रस्ताव है, साथ ही कुछ नए बिजली घर भी बनाए जाने हैं। यह प्रस्ताव अभी शासन के पास है। वित्त विभाग की मंजूरी मिलने के बाद ही प्रोजेक्ट आगे बढ़ पाएगा।

पहले फेज में यहां काम
राजपुर रोड
चकराता रोड
ईसी रोड
गांधी रोड
घंटाघर से रिस्पना
सुभाष रोड
कांवली रोड

और शहरों का भी प्लान
देहरादून के अलावा राज्य के बड़े शहरों में बिजली की तारें अंडरग्राउंड करने का प्रस्ताव है, राहत वाली बात यह है कि देहरादून स्थित घंटाघर में बिजली की तार अंडरग्राउंड की जा चुकी है। लेकिन इसके बाद यह योजना आगे नहीं बढ़ पाई है। योजना के लिए लगातार बजट की मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक सरकार कहीं से बजट नहीं जुटा पाई है।

एडीबी से फंडिंग की हो रही तैयारी
अंडरग्राउंड केबलिंग के लिए एडीबी से फंड जुटाने की तैयारी चल रही है। यदि एडीबी ने लोन देने से हाथ खड़े कर दिए, तो प्रोजेक्ट फिर लटक सकता है। देहरादून के अलावा हल्द्वानी, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर आदि जगहों पर बिजली की तारें भूमिगत किए जाने के लिए केंद्र सरकार से बजट की मांग की गई है।

ऊर्जा निगम शहर की विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए लगातार प्रयासरत है। बिजली की लाइनों को भूमिगत किए जाने के लिए प्रोजेक्ट शासन को भेजा गया है, यदि बजट मिल जाता है, तो योजना पर शीघ्र कार्य शुरू किया जाएगा। इससे शहर की बिजली व्यवस्था ही नहीं सुधरेगी, बल्कि, यातायात संचालन में भी बड़ी मदद मिलेगी।
- शैलेंद्र सिंह, एसई, यूपीसीएल

Posted By: Inextlive