22 साल में सिर्फ 340 मेगावाट सोलर इनर्जी
- 20 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता है राज्य की
देहरादून, ब्यूरो: राज्य में करीब 20 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा की क्षमता है, लेकिन पिछले 22 वर्षों में सोलर पावर प्लांटों से महज 340 मेगावाट बिजली का ही उत्पादन हो रहा है। सौर ऊर्जा का यह आंकड़ा चिंताजनक है।
बांधों का विरोध, सोलर बेहतर विकल्प
बड़े बांधों के विरोध के चलते देशभर में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में संभावनाएं तलाशी जा रही है, लेकिन राज्य में यह संभावनाएं दूर-दूर तक कहीं दिखाई नहीं दे रही है। 2012 तक राज्य में 5 मेगावाट सोलर इनर्जी उत्पादित की जा रही थी, 2012 से 2015 तक इसमें एक मेगावाट का भी इजाफा नहीं हुआ। 2016 में केंद्र की रूफ टॉप स्कीम के बाद इसमें बड़ा उछाल आया, लेकिन योजना में भारी धांधली के चलते तीन साल में स्कीम बंद करनी पड़ी। उसके बाद राज्य में सोलर इनर्जी का प्रोडक्शन जहां का तहां अटका हुआ है।
यूपीसीएल को सोलर पावर खरीदना अनिवार्य
उत्तराखंड में लगभग बीस हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता बताई जा रही है, यदि इसका बेहतर उपयोग किया जा सका तो जल विद्युत उत्पादन में हुए नुकसान की भरपाई सौर ऊर्जा उत्पादन से की जा सकती है। उत्तराखंड में सौर ऊर्जा उत्पादन की संभावनाओं के साथ केंद्र सरकार रूफ -टॉप और स्माल सोलर प्लांट के लिए 70 प्रतिशत अनुदान देती है। यूपीसीएल को हर साल 400-450 मेगावाट बिजली सोलर प्लांट से खरीदना अनिवार्य किया गया है। इन हालात में पिछले तीन सालों में उत्तराखंड में एक भी नया भी नया प्रोजेक्ट नहीं लगा। उत्पादन कम होने से ऊर्जा निगम निर्धारित खरीद नहीं कर पा रहा है।
सरकार पर्वतीय क्षेत्र में वहां के मूल निवासियों के लिए 5 मेगावाट तक की क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना लेकर आई थी, योजना बनाने वालों को जमीनी ज्ञान न होने की वजह से इसमें कई तरह की खामियां हैं, इसके बाद भी न तो उन्हें दूर करने की पहल की गई और न योजना को आगे बढ़ाया गया।
रूफ टॉप स्कीम घपले ने रोकी रफ्तार
केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में राज्य में रूफ टॉप सोलर स्कमी के तहत करीब 100 करोड़ के ऊर्जा प्लांट लगाने की स्वीकृति दी, लेकिन उरेडा के अधिकारियों ने इसमें भारी धांधली की। योजना के तहत लाभार्थियों को छतों पर 500 किलोवाट क्षमता तक के पावर प्लांट लगाने थे। इसमें लाभार्थियों को 70 फीसदी सब्सिडी थी, लेकिन अधिकारियों ने मिलीभगत करके चहेतों के नाम पर फर्जी प्लांट दिखाकर करोड़ों की सब्सिडी डकारी। जांच के बाद मामला सामने आने पर केंद्र ने 2019 में केंद्र सरकार ने योजना को बंद कर दिया। तब से लेकर आज एक भी नया पावर प्लांट नहीं लगा।
वर्ष ग्राउंड माउंटेड रूफ टॉप
2015-16 30.00 4.46
2016-17 181.40 4.85
2017-18 20.00 7.73
2019-22 81.35 3.85
(उत्पादन मेगावाट में)
सौर ऊर्जा को लेकर योजनाएं बनाई जा रही है। केंद्र द्वारा रूफ टॉप स्कमी पर रोक लगाई गई है, लेकिन अब रोक हट गई है। जल्द ही सब्सिडीयुक्त सोलर स्कीम लॉच की जाएगी।
डिप्टी सीपीओ, उरेडा, देहरादून