उत्तराखंड जल संस्थान में अधिकारी बेलगाम
- मुख्यालय स्तर पर निजाम बदले के बाद अधिकारी मनमाने ढंग से ले रहे निर्णय
देहरादून, व्यूरो: मामले की जानकारी होने पर सीजीएम ने गोपेश्वर सर्किल द्वारा किए गए एक अभियंता के नियम विरुद्ध स्थानांतरण को निरस्त करने के आदेश दिए हैं। साथ ही इस संबंध में एसई का जवाब तलब भी किया है। उधर, इंजीनियर्स संघ ने विरोध जताते हुए नियम विरुद्ध किए गए स्थानांतरणों को जल्द निरस्त करने की सीजीएम से मांग की है।
जल संस्थान में मुख्यालय स्तर से प्रशासनिक नियंत्रण ढीले होने के आरोप लग रहे हैं। जल संस्थान का गोपेश्वर इसका उदाहरण है। जहां एसई गोपेश्वर सुशील सैनी ने बगैर जांच के एक कनष्ठि अभियंता को सीधे प्रशासनिक स्तर पर अनुरक्षण खंड गोपेश्वर से कर्णप्रयाग में स्थानांतरित किया है, जबकि जेई का प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरण का अधिकार सीजीएम के अलावा किसी अन्य अधिकारी को नहीं है। लेकिन बावजूद इसके एसई ने कनष्ठि अभियंता योगेंद्र प्रसाद का अन्यत्र स्थानांतरण कर दिया। आदेश में किस नियम के तहत तबादला किय ागया, इसका कहीं कोई उल्लेख नहीं है।
जीएम कुमाऊं ने भी किए 6 जेई ओर एई के तबादले
कुमाऊं के जीएम डीके सिंह ने भी 6 कनिष्ठ अभियंता, अपर सहायक अभियंता और सहायक अभियंताओं के स्थानांतरण आदेश जारी किए हैं। राज्य में लागू स्थानांतरण एक्ट की समय सीमा समाप्ति के बाद बड़े स्तर पर कि गए गए तबादले सवालों के घेरे में आ गए हैं। इसकी शासन स्तर पर शिकायत की गई है।
कनिष्ठ अभियंता योगेंद्र प्रसाद की जगह कर्णप्रयाग में उपनल के जरिए कार्यरत जेई मनमोहन सिंह को गोपेश्वर भेजा गया। लेकिन पूरे आदेश में कहीं भी उपनल को इसकी कोई सूचना नहीं दी गई है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि संबंधित अधिकारियों ने उपनल जेई को लाभ पहुंचाने के लिए पूरा खेल किया गया है, जो कर्मचारी नियमावली के विपरीत है।
नियम विरुद्ध तबादले निरस्त नहीं तो होगा आंदोलन
डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ, जल संस्थान के प्रांतीय महासचिव जयपाल सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि स्थानांतरण एक्ट की अवधि समाप्त होने के बाद अभियंताओं के स्थानांतरण नियमों के खिलाफ है। कहा कि प्रशासनिक आधार पर अभियंताओं का तबादला उत्पीडऩात्मक है। उन्होने चेतावनी दी है कि यदि नियम विरुद्ध किए गए सभी स्थानांतरण निरस्त नहीं किए गए, तो संघ आंदोलन को बाध्य होगा।
एक्सईएन की रिकमंडेशन पर स्थानांतरण किया गया है, जो नियम के अनुरुप है। किस नियम के तहत तबादला किया गया, इसका स्थानांतरण आदेश में उल्लेख करना जरूरी नहीं होता है।
सुशील सैनी
प्रभारी अधीक्षण अभियंता
यह मामला संज्ञान में आया है। एसई द्वारा किए गए स्थानांतरण निरस्त होंगे। इस संबंध में जवाब तलब किया गया है। जीएम स्तर पर किए गए स्थानांतरण की जानकारी ली जा रही है, यदि नियम विरुद्ध पाए गए, तो ये स्थानांतरण भी निरस्त किए जाएंगे।
नीलिमा गर्ग, सीजीएम, उत्तराखंड जल संस्थान