पिछले 24 घंटे के दौरान सैकड़ों सोशल मीडिया पोस्ट और ट््वीट्स और पोस्ट पर यह शब्द लिखे जा चुके हैं। मामला दरअसल एक आईएएस अधिकारी की पत्नी और डॉक्टर के बीच के विवाद और इसके बाद डॉक्टर का तुरंत प्रभाव से तबादला कर दिये जाने हैं। थर्सडे को हुई इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर डॉक्टर के पक्ष में पोस्ट की बाढ़ आ गई। नतीजा यह हुआ कि सीएम का हस्तक्षेप करके महिला डॉक्टर का तबादला रोकने और पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी गठित करने के आदेश देने पड़े।

देहरादून (ब्यूरो)। वेडनस डे को दून मेडिकल कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। निधि उनियाल ओपीडी में पेशेंट देख रही थी। उन्हें आदेश हुआ कि स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे के घर जाकर उनकी पत्नी का चेकअप करें। उन्होंने ओपीडी में पेशेंट की भीड़ बात कही, लेकिन उन्हें तुरंत जाने का कहा गया। वे एक फार्मासिस्ट और एक असिस्टेंट के साथ सचिव के घर पहुंची। उनकी पत्नी को दर्द की शिकायत की। डॉक्टर ने बीपी चेक करने की जरूरत हुई तो उन्होंने स्टाफ से कार में रखी बीपी मशीन लाने को कहा। आरोप हैं कि इस बात पर सचिव की पत्नी बिफर गई। कहासुनी हुई और डॉ। निधि बिना चेकअप लौट आई। थोड़ी देर बाद स्वास्थ्य सचिव ने उनका तबादला अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज करने के आदेश भेज दिये। इस पर डॉ। निधि ने इस्तीफा दे दिया।

सोशल मीडिया में डॉक्टर का पक्ष
इस घटना की जानकारी मिलते ही सोशल मीडिया पर लोग डॉ। निधि के पक्ष में उतर आये। उनके पक्ष में हजारों पोस्ट लिखी गई। कई लोगों ने पंकज पांडे पर लगे पुराने आरोपों भी दोहराया। गुणानंद जखमोला नामक यूजर ने फेसबुक पर लंबी पोस्ट लिखी। उन्होंने पूरे वाकये का जिक्र करते हुए लिखा, काश स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे ऐसी फुर्ती कोरोनाकाल में दिखाते। उन्होंने सवाल उठाया के प्रोटोकॉल के तहत केवल गवर्नर और सीएम के घर ही डॉक्टर भेजा जा सकता है, फिर स्वास्थ्य सचिव के घर क्यों भेजा गया।

बर्बादी की पटकथा
सरस्वती पी सती नाम के यूजर ने लिखा, इस प्रेदश की बर्बादी के लिए नेता तो जिम्मेदार हैं ही, पर बर्बादी की पटकथा तो नेता बेलगाम नौकरशाहों से लिखवाते हैं। उत्तराखंड की नौकरशाही बेहद अहंकारी, अकर्मण्य और अयोग्य सांडों का झुंड है। आप का सकलानी ने लिखा, सत्ता के विकेंद्रीकरण का मतलब स्वास्थ्य सचिव ने उदाहरण देकर समझाया। भार्गव चंदोला ने लिखा, सीएम पुष्कर सिंह धामी जी एक भ्रष्ट अधिकारी जिसे जेल में होना चाहिए था वह सचिवालय में बैठकर नागरिकों के स्वास्थ्य से खेल रहा है।

पहाड़ विरोधी मानसिकता
बहुत सारे यूजर्स ने इस विवाद को पहाड़ विरोधी मानसिकता बताया। अनिल नेगी नामक यूजर ने लिखा, माफी स्वास्थ्य सचिव की पत्नी को मांगनी चाहिए, जिन्होंने डॉक्टर से अनुचित भाषा का प्रयोग किया। ये पहाड़ विरोधी मानसिकता है।भास्कर चुग ने लिखा, मेरा समर्थन डॉ। निधि उनियाल के साथ। यशपाल नेगी ने लिखा, पहाड़ विरोधी अफसरों के नाम खुला पत्र लिखा। प्रणिता डोभाल बडोनी नामक यूजर ने लिखा, माफी मांगें स्वास्थ्य सचिव पांडे।

तबादला रोका, कमेटी गठित
फ्राइडे दोपहर इस मामले में सीएम ने हस्तक्षेप किया। डॉ। निधि उनियाल का तबादला रोकने के आदेश की साथ ही मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव को कमेटी बनाने के आदेश दिये। लेकिन, इसके बाद भी सोशल मीडिया थमा नहीं। कई यूजर्स ने इसे लीपापोती बताकर पंकज पांडे को स्वास्थ्य महकमे से हटाने, ओपीडी छोडक़र सचिव के घर जाने का आदेश देने वाले अधिकारी पर कार्रवाई करने और पंकज पांडे की पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive