अब कनेक्शन के साथ ही लगेगा पानी का मीटर
- पानी की खपत में भी आ रही कमी, पानी के अनावश्यक खर्च पर लग रही रोक
- पानी का सीमित उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को मिली राहत, अधिकांश के बिल पहले से हो गए आधे
नई योजना पर मीटर अनिवार्य
वल्र्ड बैंक से बनने वाली पेयजल स्कीमों से दिए जाने वाले कनेक्शनों पर मीटर अनिवार्य कर दिया गया है। इसके पीछे सरकार का मकसद पानी की बर्बादी को रोकना है। पहाड़ों में पेयजल स्रोत लगातार सूखते जा रहें हैं। मैदानी क्षेत्रों में में जल स्तर लगातार गिर रहा है। इसलिए पानी के दोहन को कम करने के लिए सरकार कड़े कदम उठा रही है। इसमें खर्चा अधिक आ रहा है, लेकिन सरकार खर्च से नहीं डर रही है।
मीटर लगाने पर सरकार बड़ा खर्च कर रही है। एक मीटर का मूल्य 6 से 8 हजार रुपये तक है। ये सभी मीटर हाईटेक हैं। मीटर पूरी तरह मुफ्त में लगाया जा रहा है। इसका कंज्यूमर्स से कोई चार्ज नहीं लिया जा रहा है। पुरानी योजनाओं पर मीटर अनिवार्य नहीं किए गए हैं, लेकिन सरकार पानी की बर्बादी को रोकने के लिए वल्र्ड बैंक के अलावा दूसरी पेयजल योजनाओं पर भी मीटर को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है। 70 परसेंट कंज्यूमर्स के बिल आधे
दून के नथुवावाला क्षेत्र में वल्र्ड बैंक से बनाई गई स्कीम के तहत अब तक 4300 परिवारों को कनेक्शन दिए गए हैं। जल संस्थान के सहायक अभियंता जगदीश पंवार ने बताया कि नथुवावाला में कई उपभोक्ताओं के बिल चार माह में 780 रुपये तक आ रहा था उनका बिल मीटर लगने के बाद 390 रुपये तक आ रहा है। ऐसे कंज्यूमर्स की संख्या एक-दो नहीं 70 फीसदी तक है।
पब्लिक को कर रहे अवेयर
पानी के मीटर के लिए पब्लिक को अवेयर भी किया जा रहा है। जल संस्थान के सहायक अभियंता अनूप सेमवाल ने बताया कि नत्थनपुर पेयजल योजना के तहत आने वाले सभी कंज्यूमर्स को पानी के मीटर लगाने से होने वाले लाभ से अवगत कराया जा रहा है। शिकायत निवारण समिति की बैठक में हर महीने लोगों को पानी के उपयोग को लेकर जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि नत्थनपुर में 8500 मीटर लगने हैं, जिसमें 6000 मीटर लग चुके हैं। इनमें से 2000 घरों को मीटर से पानी मुहैया कराया जा रहा है। परिणामस्वरूप 1200 तक बिल देने वालों के बिल 700 और 800 तक आ रहा है।
जिन इलाकों में पानी के मीटर लगाए जा रहे हैं, उन क्षेत्रों में पानी की खपत काफी कम हो गई है। मीटर से 40 हजार लीटर तक 390 रुपये बतौर शुल्क लिया जा रहा है। इसके बाद 12 पैसे प्रति लीटर के हिसाब से चार्ज किया जा रहा है। कम खपत करने वालों के बिल आधा हो गए। जबकि अधिक खर्च करने वाले भी दुरुपयोग नहीं कर पा रहे हैं। इन इलाकों में लगे पानी के मीटर
नथुवावाला
नत्थनपुर
ऋषि विहार
मेंहूवाला
आरकेडिया
गोरखपुर
बनियावाला
चंद्रबनी
शिमला बाईपास
मीटर लगने के बाद पानी के दुरुपयोग पर काफी हद तक रोक लग गई है। खपत के अनुरूप बिल आने से लोग पानी का दुरुपयोग कम करने लगे हैं। इससे पानी की खपत भी काफी कम हो गई है। सबसे अहम बात यह है अब लोग पीने के पानी को सिंचाई आदि के काम में प्रयोग नहीं कर रहे हैं।
वीसी रमोला, एसई, जल संस्थान, देहरादून
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