अब वॉलिंटियर्स लाएंगे ट्रैफिक को ट्रैक पर
देहरादून ब्यूरो। देहरादून जिले में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की जा रही वॉलेंटियर्स स्कीम के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन एप्लीकेशंस मंगवाई गई थी। दोनों माध्यमों से अब तक 167 वॉलेंटियर्स ने यातायात निदेशालय में अपना पंजीकरण करवाया है। ट्रैफिक निदेशालय के सूत्रों के अनुसार इन वॉलेंटियर्स को ट्रेनिंग देने के बाद ट्रैफिक कंट्रोल के लिए इनसे मदद ली जाएगी। यह ट्रैनिंग दो दिन की होगी। मंडे को योजना शुरू होने के साथ ही वॉलेंटियर्स की ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी। अप्लाई करने वाले सभी वॉलेंटियर्स को मंडे सुबह रिजर्व पुलिस लाइन रेसकोर्स पहुंचने के लिए कहा गया है।
ट्रैफिक ऐप भी होगा लॉन्चउत्तराखंड वॉलेंटियर्स स्कीम की उदघाटन के लिए आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड ट्रैफिक आईस ऐप भी लॉन्च किया जाएगा। इसके साथ ही ई-चालान का प्रयोग कैसे करें, इस बारे में बने ब्रोसर का विमोचन भी मुख्य अतिथि अशोक कुमार द्वारा किया जाएगा।
दो दिन की ट्रेनिंग
उत्तराखंड वॉलेंटियर्स स्कीम के तहत जिन 167 लोगों से अप्लाई किया है उनकी दो दिन की ट्रेनिंग की शुरुआत भी मंडे को होगी। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 11 बजे होगी। ट्रैफिक निदेशालय ने अप्लाई करने वाले सभी वॉलेंटियर्स से मंडे को समय पर रिजर्व पुलिस लाइन पहुंचने के लिए कहा है।
ट्रैफिक पुलिस में मैनपावर की कमी
दरअसल पिछले कुछ सालों में दून की सड़कों पर व्हीकल्स की संख्या में कई गुना बढ़ोत्तरी हुई है। इस ट्रैफिक को कंट्रोल के करने के ट्रैफिक पुलिस के साथ ही विभिन्न थानों की पुलिस भी मदद करती है, लेकिन शहरभर में इसके बावजूद ट्रैफिक संबंधी अव्यवस्था देखी जा सकती है। ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी बार-बार इस बात को इंगित करते हैं कि उनके पास जरूरत से बहुत कम स्टाफ है। ऐसे में 167 वॉलेंटियर्स ट्रैफिक पुलिस के काम को कुछ हल्का कर सकते हैं।
ट्रैफिक पुलिस के पास स्टाफ कम होने के कारण दून में ट्रैफिक वॉयलेशन आम बात है। हालांकि दावा किया जाता है कि शहरभर में सीसीटीवी कैमरे लगे होने के कारण ट्रैफिक रूल्स का वॉयलेशन करने वालों का चालान घर पहुंचा दिया जाता है और इससे ट्रैफिक वॉयलेशन कम हुआ है। लेकिन, दून में अब भी ट्रैफिक वॉयलेशन आम बात है। ओवर स्पीड हो या फिर रेड लाइट जंप करना, ज्यादातर लोग इसकी परवाह नहीं करते।
जेब्रा क्रॉसिंग नहीं मामूम
दून के विभिन्न चौक-चौराहों पर जेब्रा क्रॉसिंग बने हैं, लेकिन ज्यादातर वाहन चालकों को या तो मालूम नहीं कि जेब्रा क्रॉसिंग क्यों बनाये जाते हैं, या फिर वे निश्चिन्त होते हैं कि रेड लाइट होने पर जेब्रा क्रासिंग पार करने के बाद भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने वाली है। दून के किसी भी चौक-चौराहे पर रेड लाइट होने पर व्हीकल्स को जेब्रा क्रॉसिंग या जेब्रा क्रॉसिंग से आगे खड़ा देखा जा सकता है।