अब लाल हुआ टमाटर, कर्नाटक पर डिपेंडेंसी
-पहाड़ों की अधिकतर फसल हुई खराब, कैसे हो आपूर्ति
-बारिश रही तो सैकड़ा पार कर सकता है टमाटर
तो लगाया जाएगा काउंटर
मंडी के अधिकारियों के अनुसार उम्मीद है अगले माह तक हालात सुधर जाए व कुछ सब्जियों के दाम नीचे आ जाए। इसमें टमाटर भी शामिल रहेगा। इसके बाद भी अगर टमाटर के दाम में गिरावट नहीं आती है तो मंडी की ओर से पब्लिक के लिए काउंटर लगाया जाएगा।
अब कर्नाटक का ही भरोसा
पहाड़ों में फसल बर्बाद होने के साथ ही मैदानी इलाकों में भी तूफान चलने के कारण इसका सीधा असर टमाटर पर पड़ा। हालांकि अन्य सब्जियों पर इसका सामान्य सा असर रहा लेकिन, बारिश शुरू होते ही सब्जियों के दाम बढ़े है। हालांकि टमाटर के लिए पब्लिक को कर्नाटक से ही टमाटर का ही सहारा रह गया है।
बारिश के शुरू होते ही पहाड़ों से कई माल की सप्लाई नहीं हो पा रही है। माल की सप्लाई न होने के कारण सब्जियों के दाम में बढ़ोत्तरी हुई। वहीं 20 रुपये किलो बिकने वाली लौकी के दाम भी 40 रुपये पर पहुंच गए है। ये है सब्जियों के दाम
सब्जी - 10 जून - 26 जून
भिंडी- 20 - 40
बीन्स - 40 - 80
बैंगन - 20- 40
लौकी - 20 - 40
तोरी - 20 - 40
कद्दू - 30 - 40
टमाटर - 20 - 80
प्याज - 20- 30
आलू - 20 - 30
(दाम रुपये प्रति किलो में)
वर्जन
अचानक हुई तेज बारिश के कारण दाम में उछाल आए हैं। जिससे पहाड़ की ज्यादातर फसल खराब हो गई है। ऐसे में केवल कुछ एरिया के ही टमाटर व सब्जियों का सहारा है। जिसका सीधा असर दाम पर पड़ रहा है। अगर टमाटर के दाम इसी तरह से बढ़ते रहे तो काउंटर लगाया जाएगा।
विजय थपलियाल, सचिव निरंजनपुर सब्जी मंडी
बीना देवी, निवासी पटेलनगर
हर सब्जी में डाले जाने वाले टमाटर के दाम बढऩे से थाली का स्वाद जैसे पूरी तरह बदल गया है। मंडी में जहां एक किलो टमाटर लेने पहुंची थी। अब आधा किलो ही लेकर जा रही हूं। दाम के बढऩे का असर जेब पर पड़ता है।
पूजा सिंह, निवासी सीमाद्वार दाल व अन्य वस्तुओं के दाम बढऩे से पहले ही हम परेशान थे। अब सब्जियों के दाम में भी बढ़ोत्तरी होने का असर बजट पर पड़ेगा। ऐसे समय में सरकार को चाहिए कि कुछ राहत दे। गृहिणी के लिए थाली का स्वाद बनाए रखना बड़ी चुनौती हो गया है।
मंजू जैन, निवासी गांधी रोड