एसडीआरएफ और इंडियन रेस्क्यू एकेडमी आइटस ग्रुप महाराष्ट्र के बीच आपदा प्रबंधन ट्रेनिंग प्रोग्राम्स संचालन को लेकर एमओयू साइन हुआ. समझौते के तहत एसडीआरएफ के जवानों को मॉडर्न व टेक्निकल स्किल ट्रेनिंग मिल सकेगी.


देहरादून, (ब्यूरो): एसडीआरएफ और इंडियन रेस्क्यू एकेडमी (आइटस ग्रुप महाराष्ट्र) के बीच आपदा प्रबंधन ट्रेनिंग प्रोग्राम्स संचालन को लेकर एमओयू साइन हुआ। समझौते के तहत एसडीआरएफ के जवानों को मॉडर्न व टेक्निकल स्किल ट्रेनिंग मिल सकेगी। जिससे राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमताओं में सुधार हो सकेगा और एसडीआरएफ रेस्क्यू दल ज्यादा प्रभावी तरीके से करेगा काम। इस मौके पर एसडीआरएफ की ओर से कमांडेंट अर्पण यदुवंशी और इंडियन रेस्क्यू एकेडमी की ओर से निदेशक अंकित वाघ ने साइन किए। दावा है कि एमओयू से डिजास्टर मैनेजमेंट में रफ्तार मिलेगी और तत्काल आपदा के वक्त लोगों को प्रभावी हेल्प मिलेगी।मिल सकेगी डिटेल ट्रेनिंग


आईजी एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने बताया कि एमओयू के अनुसार संबंधित ट्रेंनिग एजेंसी एसडीआरएफ के जवानों के लिए स्पेशल ट्रेनिंग आयोजित की जाएगी। इसमें मेडिकल फस्र्ट रिस्पांडर से लेकर फ्लड रेस्क्यू, ध्वस्त हो चुकी इमारतों में खोज और बचाव (सर्च एंड रेस्क्यू) जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (सीबीआरएन) के खतरों से बचाव के लिए भी जवानों को आधारभूत ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही सीबीआरएन उपकरणों की मरम्मत व रखरखाव के लिए डिटेल ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी।जवानों को बनाएंगे मास्टर ट्रेनर

आईजी रिधिम अग्रवाल ने बताया कि ट्रेनिंग ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स (टीओटी) मॉडल पर आधारित होगी। जिसमें फस्र्ट फेज में एसडीआरएफ के जवानों को ट्रेनर के तौर पर तैयार किया जाएगा। इसके इन ट्रेनर को मास्टर ट्रेनर की ट्रेनिंग दी जाएगी, जो आगे अपनी टीमों को ट्रेंड करेंगे। वहीं, एजेंसी की ओर से तीन दिवसीय मनोवैज्ञानिक देखभाल और परामर्श कोर्स भी आयोजित किए जायेंगे। जिसमें आपदा के दौरान रेस्क्यू दल के साथ ही आपदा पीडि़तों की मानसिक और भावनात्मक देखभाल के लिए जवानों को ट्रेंड किया जाएगा।ट्रेंनिग के जरिये राजस्व सृजन का मॉडल-एमओयू से डिजास्टर मैनजमेंट ट्रेनिंग में मिलेगा सुधार।-ये राजस्व सृजन मॉडल के तौर पर भी साबित होगा।-एसडीआरएफ के साथ अन्य राज्यों के प्रतिभागियों के लिए भी ट्रेनिंग प्रोग्राम चलेंगे।-इससे राज्य में आपदा प्रबंधन को और मजबूती मिलेगी।-एसडीआरएफ की ट्रेनिंग क्षमता बढ़ेगी।-इससे भविष्य में भी इस मॉडल से लाभ उठाया जा सकेगा।

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Posted By: Inextlive