तमाम भर्ती परीक्षाओं में धांधली की बात सामने आने के बाद अब देहरादून में आईलेट्स आईईएलटीएस एग्जाम में भी घपला होने की बात सामने आई है। आईलेट्स एक इंग्लिश एजीबिलिटी टेस्ट है जो विदेश में एजुकेशन अथवा वर्क बीजा पर जाने वालों को अनिवार्य रूप से पास करनी होती है। एसटीएफ ने इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।

देहरादून ब्यूरो। एसटीएफ के अनुसार इसी वर्ष 25 फरवरी को दून के रिस्पना स्थित होटल एमजे पोर्टिगो में आइलेट्स एग्जाम हुआ था। इस एग्जाम में 171 कैंडीडेट्स ने हिस्सा लिया था। बाद में कुछ कैंडीडेट्स ने उनकी आंसरशीट बदले जाने की शिकायत की थी। यह मामला जांच के लिए एसटीएफ को सौंपा गया। शुरुआती जांच में पता चला कि एग्जाम होने के बाद ओएमआर शीट को सूटकेस में सील कर आईडीपी ऑफिस गुडग़ांव में डिलीवर करने के लिए ब्लूडॉट कुरियर सर्विस पटेलनगर देहरादून को दिया गया था। इसी रात सूटकेस अन्य पार्सल के साथ कंटेनर में रखकर, डिजिटल लॉक लगाकर दिल्ली भेज दिया था। वहां से ब्लू डार्ट के वाहन द्वारा उस सूटकेस को आईडीपी के गुडग़ांव ऑफिस में डिलीवर कर दिया गया। जांच में यह भी पता चला कि इस इसी बीच कोरियर कम्पनी को इस वाहन के डिजीटल लॉक में छेड़छाड़ होने की सूचना मिली थी। यह जानकारी आईडीपी कंपनी को भी दी गई, लेकिन दोनों कंपनियों ने एक दूसरे के जिम्मेदारी बताकर कोई कार्रवाई नहीं की।

ड्राइवर के खाते में आई थी रकम
जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि 25 फरवरी की रात को कंटेनर के ड्राइवर जितेन्द्र के खाते में कुछ रकम यूपीआई के माध्यम से जमा करायी गयी थी। यह रकम लुधियाना से एक व्यक्ति समिन्दर मंडी ने जमा करवाई थी। समिन्दर मंडी का पिछले कुछ सालों से आईलेट्स की परीक्षा की तिथियों में देहरादून आने और लोकल ट्रांसपोर्टर्स से सम्पर्क कर वाहनों को किराये पर लेने की बात सामने आई।

15 कैंडीडेट्स की शीट में छेड़छाड़
एसटीएफ ने एग्जाम कराने वाली कम्पनी आईडीपी के हेड क्वालिटी एंड कंप्लायंस ऑफिसर जयदीप सिंह ने पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि ब्लू डार्ट से लॉक टैम्परिंग की मेल मिलने के बाद उनकी इन्वेस्टीगेशन टीम ने 171 में से 15 कैंडीडेट्स की आंसर शीट में टैम्परिंग पायी थी। पता चला कि ये 15 कैंडीडेट्स 4 अलग-अलग इंस्टीट्यूट संचालकों के सम्पर्क में थे।

ड्राइवर से 3 लाख में सौदा
लॉक टेंपरिंग और आंसरशीट्स में छेड़छाड़ के साथ ही कंटेनर ड्राइवर के खाते में रकम आने की जानकारी मिलने के बाद एसटीएफ ने कंटेनर ड्राइवर हरदोई यूपी निवासी जितेन्द्र सिंह से पूछताछ की। उसने बताया कि एग्जाम से कुछ रोज पहले समिन्दर मंडी, साहिल कुमार और एक अन्य व्यक्ति ने उससे संपर्क करके 25 फरवरी और 11 मार्च को होने वाले आईलेट्स एग्जाम की ओएमआर शीट कुछ देर के लिए उन्हें सुपुर्द करने की एवज में 3 लाख रुपये देने की बात कही थी। लालच में आकर उसने इस ब्लू डार्ट कंपनी के मैनेजर शब्बीर खान को भी साथ में मिला लिया था।

मोहंड के पास तोड़ा लॉक
ब्लू डार्ट कोरियर के कंटेनर ड्राइवर के अनुसार तय योजना के अनुसार 25 फरवरी की रात मोहंड का जंगल पार करके उसने गाड़ी साइड में रोकी। समिन्दर मंडी और साहिल वहां पहुंचे। उन्होंने कंटेनर का लॉक पेचकस के खोलकर आंसरशीट का सूटकेस कब्जे में ले लिया। उसे आगे-आगे चलकर दिल्ली बार्डर पर मिलने को कहा। दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचने पर समिंदर मंडी और साहिल ने ओएमआर शीट वाला सूटकेस फिर कंटेनर में रखकर लॉक लगा दिया।

साहिल ने भी खोले राज
इस मामले में पकड़े गये लुधियाना निवासी साहिल पुत्र सतीश कुमार ने बताया कि समिंदर मंडी उसका जीजा है। 25 फरवरी की रात को वह और उसका जीजा कुछ कंडीडेट्स को लेकर मौके पर था। आंसरशीट निकालने के बाद कैंडीडेट्स को उनकी आंसरशीट दी गई और आंसर सही करवाये गये। जो कैंडीडेट्स जो उनके साथ नहीं आये थे उनकी आंसर शीट अन्य कैंडीडेट्स की आंसर शीट से चेंज करवाई गई। इस काम के लिए ब्ल्यू डार्ट के मैनेजर शब्बीर खान 50 हजार रुपये और ड्राइवर जितेन्द्र ने 3 लाख रुपए लिये थे। जिन कैंडीडेट्स की आंसर शीट ठीक करवाई गई, उनसे 2 से 3 लाख रुपये कोचिंग सेंटर वाले लेते थे। आरोपी ये काम 2021 से कर रहे थे और अब तक 6 से 7 बार ऐसा कर चुके हैं। एसटीएफ ने ड्राइवर जितेन्द्र, सह आरोपी साहिल और ब्ल्यू डार्ट के मैनेजर शब्बीर खाने को गिरफ्तार कर लिया है।

Posted By: Inextlive