हर क्षेत्र में अब टेक्नॉलाजी का इस्तेमाल किया जाने लगा है. सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण पर भी अब सरकार डिजिटल तकनीक के जरिए पल-पल नजर रखने जा रही है. सरकारी जमीनों का सेटेलाइट के जरिए रिकार्ड रखने का काम शुरू हो गया है.

- सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करना अब नहीं होगा आसान
- अतिक्रमणकारियों पर नकेल कसने के लिए तैयार किया जा रहा पोर्टल

देहरादून (ब्यूरो): जैसे ही कोई सरकारी संपत्ति और जमीन पर अतिक्रमण करेगा, इसका सेटेलाइट के थ्रो पता चल जाएगा और तत्काल अवैध अतिक्रमण और निर्माण को कब्जामुक्त किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर यूसैक के वैज्ञानिकों ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है। इसका शासनादेश भी जारी हो गया है। शासनादेश के जरिए सभी विभागों को अपनी-अपनी जमीनों के रजिस्टर और डिजिटल इन्वेंटरी तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इन सभी डिजिटल इन्वेंटरियों को पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। हर महीने इन्वेटरियों की सेटेलाइट इमेजरी से मॉनिटरिंग की जाएगी।

सीएम की है कड़ी नजर
सीएम पुष्कर सिंह धामी कुछ समय से सरकारी जमीनों को कब्जाने को लेकर बेहद सख्त रूख अपनाए हुए हैं। उनके निर्देश के बाद दून समेत कई जिलों में हजारों बीघा सरकारी जमीनों को अतिक्रमणमुक्त किया गया है। कई जगहों से सरकारी जमीनों पर निर्मार्णों को तोड़ा गया है। उन्होंने सभी विभागों को की जमीनों से अवैध कब्जे हटाने के सेटेलाइट का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद मुख्य सचिव बड़े पैमाने पर सरकारी जमीनों को अवैध कब्जों से बचाने के लिए शासनादेश जारी किया। सीएम के आदेश के बाद मुख्य सचिव ने आईटीडीए और यूसैक को जमीनों पर सेटेलाइट के थ्रो नजर रखने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए, जिसके बाद यूसैक के वैज्ञानिक इस कार्य में जुट गए हैं।

सीएस को दिया प्रजेंटेंशन
ट्यूजडे को उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने सेटेलाइट इमेजनरी प्रोजेक्ट को लेकर सीएस को प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल के जरिए सरकारी जमीनों पर नजर कड़ी नजर रखी जाएगी। इससे जहां अतिक्रमणकारियों पर नकेल कसेगी वहीं सरकारी संपत्ति खुद-बुर्द होने से भी बच जाएगी। कब्जे का अलर्ट मिलते ही संबंधित विभाग को मैसेज भेजा जाएगा। विभाग तत्काल संंबंधित इलाके में जाकर कार्रवाई करेगा। इसके बाद भी विभाग यदि कार्रवाई न करता है, तो उच्च अधिकारी इसका संज्ञान लेंगे, जिसके बाद विभागीय अधिकारियों के खिलाफ एक्शन होगा।

समितियां करेंगे मॉनिटरिंग
सीएम के निर्देश के बाद राजस्व परिषद के अध्यक्ष की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय और सभी जिलो के डीएम की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियों का गठन किया गया है। ये समितियां अतिक्रमण पर नियमित रूप से मॉनिटरिंग करेंगे।

कब्जा होती ही सॉफ्टवेयर करेगा अलर्ट मैसेज जारी
यूसैक के वैज्ञानिक एक ऐसा पोर्टल तैयार कर रहे हैं, जो हर माह प्रदेश की सभी सरकारी जमीनों का सेटेलाइट डाटा लेगी, जिसका वेबसाइट में फीड विभागों के जमीनों के सेटेलाइट इमेज के जरिए मिलान किया जाएगा। जरा सी भी चैंजिंग का सेटेलाइट इमेजनरी से पता चल जाएगा। जहां कहीं भी अवैध कब्जे होंगे वहां के लिए यह सॉफ्टवेयर अलर्ट मैसेज जारी कर देगा। इस अलर्ट के हिसाब से संबंधित जिले की टीम अवैध कब्जे कटाकर उसी वेबसाइट पर रिपोर्ट देगी।

दून में सड़क-फुटपाथ पर अतिक्रमण की कार्रवाई पर एक नजर
60.08 लाख के चालान काटकर संयुक्त टीम ने की कार्रवाई
1230 जगहों पर हटाया गया अतिक्रमण
4962 चालान किए गए हैं अब तक
2069 चालान किए नगर निगम ने
1691 चालान किए आरटीओ ने
1290 चालान किए पुलिस टीम ने

सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के लगातार मामले बढ़ रहे हैं, जिस पर नकेल कसने के लिए सरकार ने सेटेलाइट इमेजनरी के जरिए नजर रखने के निर्देश दिए हैं। इस पर काम करते हुए पोर्टल तैयार किया जा रहा है। जल्द सरकारी जमीनों की यूनिक आईडी तैयार की जाएगी। ट््यूजडे को शासन को प्रजेंटेंशन दिया गय है। अगले दो माह में पोर्टल को बनकर तैयार हो जाएगा।
नितिका खंडेलवाल, निदेशक यूसैक
dehradun@inext.co.in

Posted By: Inextlive