सब कुछ ठीक ठाक रहा तो आने वाले दिनों में राजधानी दून में वाटर कंजरवेशन की गुमनाम हो चुकी पहल दोबारा शुरू हो सकती है। ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के वीसी कह रहे हैं।

- मुख्यमंत्री के जल संरक्षण की मुहिम को परवान चढ़ाएगा प्राधिकरण
- ग्रुप हाउसिंग, मॉल और होटलों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की होगी जांच

देहरादून (ब्यूरो): वीसी बंशीधर तिवारी के अधिकारियों को निर्देश निर्गत करने के बाद माना जा रहा है कि महज कागजों में दौड़ रही रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्कीम जमीं पर दिख सकता है। दरअसल दून समेत पूरे राज्य में लगातार वाटर लेबल गिरता जा रहा है। सीएम पुष्कर सिंह धामी भी तमाम स्तरों पर वाटर कंजरवेशन की चिंता जता चुके हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी के मंत्र पर आगे बढ़ते हुए एमडीडीए ने होटलों, मॉल, ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक का प्रावधान किया गया है या नहीं, इसकी अब मौके पर जाकर पड़ताल करने का निर्णय लिया है। ऐसा न करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई को भी चेताया गया है।

नहीं किया रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान तो होगी कार्रवाई
मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ग्रुप हाउसिंग/मॉल/होटल और अन्य व्यवसायिक निर्माणों के भवन मानचित्र स्वीकृत किये जाते हैं। प्राधिकरण उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी का कहना है कि नियमानुसार इस प्रकार के भवनों में वर्षा जल संरक्षण के उद्देश्य से रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक का प्रावधान आवश्यक है। इस सम्बन्ध में प्राधिकरण क्षेत्रान्तर्गत स्वीकृत, प्रशमित किये गये निर्मित और निर्माणाधीन भवनों में वर्षा जल भण्डारण के प्रावधान का सत्यापन किया जाना आवश्यक है।

इंजीनियर चलाएंगे सघन अभियान
एमडीडीए वीसी ने सेक्टरों के सभी अभियंताओं को निर्देशित किया है कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में सघन अभियान चलाते हुये भवन निर्माणकर्ताओं को आवश्यक रूप से विनियमानुसार वर्षा जल भण्डारण का प्रावधान कराना सुनिश्चित करें। यदि इसके पश्चात भी किसी भवन निर्माणकर्ता द्वारा प्रावधान नहीं किया जाता है तो उनके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही प्रस्तावित किया जाना सुनिश्चित करें।

रूफ टॉप पैनल का भी होगा सत्यापन
जिन भवन निर्माणकर्ताओं द्वारा स्वीकृत और प्रशमित मानचित्र में रूफ टॉप सोलर पैनल का प्रावधान किया गया है, निर्माण स्थल पर उसका भी सत्यापन किया जाएगा। इस सम्बन्ध में समस्त अभियंताओं को निर्देशित किया जाता है कि निर्माणकर्ता द्वारा मानचित्र में प्रावधानित रूफ टॉप सोलर पैनल का प्रावधान किया गया है या नहीं। यदि नहीं किया गया है तो प्रावधान कराया जाना सुनिश्चित करें। यदि इसके पश्चात भी किसी भवन निर्माणकर्ता द्वारा प्रावधान नहीं किया जाता है तो उनके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही प्रस्तावित किया जाना सुनिश्चित करें।

80 परसेंट जलापूर्ति भूजल पर निर्भर
बढ़ती आबादी के साथ दून में भूजल पर भी दबाव बढऩे लगा है। 80 परसेंट से अधिक की जलापूर्ति के लिए भूजल पर ही निर्भरता है। ऐसे में निकट भविष्य में भूजल संकट खड़ा होने की प्रबल आशंका है। इस स्थिति को देखते सीएम पुष्कर ङ्क्षसह धामी ने जल संरक्षण और संवर्धन के लिए हरसंभव प्रयास करने के निर्देश दिए हैं।

300 वर्गमीटर से अधिक के भूखंड पर बनाना होगा लॉन
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने आदेश जारी किया है कि 300 वर्गमीटर से अधिक के भूखंड पर भवन के आगे लॉन बनाना अनिवार्य होगा। वीसी के मुताबिक अक्सर यह देखने में आता है कि नागरिक भवन निर्माण के दौरान खाली जगह पर पूरी तरह से पक्का निर्माण कर देते हैं या उसे टाइल्स से कवर कर देते हैं, जिससे वर्षा के दौरान पानी भूमि के भीतर नहीं समा पता है। इसके चलते भूजल के रिचार्ज होने में व्यवधान पैदा हो जाता है। लिहाजा, तय किया गया है कि 300 वर्गमीटर से अधिक के भूखंड में नियमानुसार छोड़े जाने वाले फ्रंट सेटबैक में लान का अनिवार्य रूप से प्रविधान करना होगा। ताकि वर्षा का जल आसानी से भूगर्भ में समा सके। हालांकि, इसमें ड्राइव-वे वाला भाग शामिल नहीं रहेगा, इसे पक्का किया जा सकता है।

यूरिनल पैनल का भी होगा प्रावधान
जल संरक्षण की दिशा में एमडीडीए ने टॉयलेट में यूरिनल के रूप में पानी की बचत कराने की दिशा में भी कदम बढ़ाया है। प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने निर्देश दिए हैं कि टायलेट में यूरिनल का प्रविधान किया जाए, क्योंकि फ्लङ्क्षशग की सामान्य विधि में पानी की अधिक खपत होती है।

कुओं की मांगी जानकारी, होंगे संरक्षित
जल संरक्षण की दिशा में एमडीडीए ने एक और बड़ा कदम उठाया है। एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने देहरादून के नगर आयुक्त समेत सभी उपजिलाधिकारियों को पत्रा भेजा है। जिसमें उन्होंने संबंधित के क्षेत्राधिकार में विद्यमान कुओं की जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है, ताकि कुओं के संरक्षण की दिशा में प्रयास किए जा सकें।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग का उठाया था मामला
अब सख्ती से लागू होगी स्कीम
एमडीडीए के बाइलॉज में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का नियम वर्षों से लागू है, लेकिन इसका इम्प्लीमेंट नहीं हो रहा है। रेन वाटर कंजरवेशन के बगैर भवनों के नक्शे पास नहीं किए जाते हैं, लेकिन लागू होने के बाद भी नियम का पालन नहीं किया गया। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने 12 मार्च 2023 को तो फाइलें पी रही बारिश का पानी नाम से खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद एमडीडीए वीसी ने इस योजना को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है। वीसी बंशीधर तिवारी ने रेन वाटर कंजरवेशन को लेकर जो सक्रियता दिखाई है उससे निश्चित रूप से कहीं न कहीं वाटर कंजरवेशन को नया दिशा मिलेगी।

लगातार गिर रहा भूमिगत जल स्तर चिंता का विषय है। सीएम के निर्देशानुसार एमडीडीए सभी भवन निर्माणकर्ताओं को रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्कीम को सख्ती से लागू कराएगा। इसके लिए संबंधित इंजीनियरों को सघन अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बावजूद भी कोई हार्वेस्टिंग टैंक नहीं बनाता है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बंशीधर तिवारी, वीसी, एमडीडीए
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Posted By: Inextlive