अब ऑपरेशन वन दारोगा
देहरादून ब्यूरो। वन दरोगा के 316 पदों के लिए पिछले वर्ष 21 से 25 सितंबर के बीच 18 शिफ्ट में ऑनलाइट एग्जाम करवाया गया था। इस परीक्षा में कुछ गड़बडिय़ां होने का मामले सामने आया था। खासकर 8 ऐसे कैंडीडेट थे, जिनके माक्र्स काफी ज्यादा आये थे। कुछ ऐसे कैंडिडेट्स की भी पहचान हुई थी, जिनको चार अलग-अलग डेट में एग्जाम देने के एक ही आईपी अलॉट की गई थी। सीएम के आदेश पर इस मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी।
सैटरडे को दर्ज हुआ था केस
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह के अनुसार वन दारोगा ऑनलाइन एग्जाम में नकल करवाये जाने की पुष्टि होने के बाद संडे को साइबर क्राइम थाने में एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में अनुज कुमार रुड़की, दीक्षित कुमार ज्वालापुर, हरिद्वार, मो। जीशान, लक्सर, हरिद्वार, मो। मजीद, मंगलौर हरिद्वार, सचिन कुमार कलियर सरीफ और शेखर कुमार लक्सर हरिद्वार को नामजद किया गया है।
पूछताछ शुरू
एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज होने के बाद ऑनलाइन वन दरोगा भर्ती परीक्षा में प्रथम दृष्टया संदिग्ध पाए गए कैंडीडेट्स से पूछताछ करनी शुरू कर दी। शुरुआती पूछताछ से साफ हो गया है कि इस भर्ती परीक्षा के दौरान सुनियोजित तरीके से एक गिरोह ने अनुचित साधनों से कैंडीडेट्स को एग्जाम में नकल करवाई थी।
एसटीएफ ने इस भर्ती परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह के 2 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें प्रशांत कुमार पुत्र बाबूराम उम्र 28 निवासी ग्राम खानपुर, हरिद्वार और रविंद्र सिंह पुत्र योगेंद्र सिंह उम्र 27 निवासी वार्ड नं 11, लक्सरी, थाना लक्सर, हरिद्वार शामिल हैं।
यूकेएसएसएससी मामले में जांच जारी
एसटीएफ ने अब वन दरोगा भर्ती ऑनलाइन एग्जाम में आरोपियों की कुंडली खंगाने के साथ गिरफ्तारियों का सिलसिला भी शुरू कर दिया है। लेकिन यूकेएसएसएससी मामले में भी जांच लगातार जारी रखने का दावा किया गया है। इस मामले में मंडे को कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। अब तक कुल 34 आरोपी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किये जा चुके हैं। एसटीएफ ने इस मामले में सादिक मूसा नाम के किसी व्यक्ति को गैंग का सरगना होने का दावा किया है, लेकिन उस तक अभी पहुंचना संभव नहीं हो पाया है। एसटीएफ ने मूसा के एक गुर्गे को जरूर गिरफ्तार किया है, एसटीएफ अब उसके माध्यम से मूसा तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। लेकिन, इसमें सफलता मिलने की कितनी संभावना है, इस बारे में अभी तक एसटीएफ ने कोई दावा नहीं किया है। पहले गिरफ्तार आरोपियों में से कोई भी सादिक मूसा से कभी नहीं मिला है, ऐसा बताया जा रहा है।