राजधानी दून में पिछले साल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान दीवारों पर उकेरी गई म्यूराल आर्ट अब बदइंतजामाी का शिकार नहीं होगी. इसका अब प्रॉपर मेंटनेंस होगा. एमडीडीए ने अब ठेका कंपनी को ही इसके मेंटनेंस का जिम्मा सौंपा है.


देहरादून, ब्यूरो: राजधानी दून में पिछले साल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान दीवारों पर उकेरी गई म्यूराल आर्ट अब बदइंतजामाी का शिकार नहीं होगी। इसका अब प्रॉपर मेंटनेंस होगा। एमडीडीए ने अब ठेका कंपनी को ही इसके मेंटनेंस का जिम्मा सौंपा है। इसके लिए टेंडर में प्रावधान जोड़ दिया गया है। पहले मेंटनेंस को लेकर कोई नियम-शर्तें नहीं थी। पूरे शहर में मेन रोड के साथ ही इंटरनल सड़कों के किनारे दीवारों पर उकेरी गई आट्र्स कई जगह खराब होने से बदसूरत लग रही है। पब्लिक ने भी इस पर सवाल उठाए। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने भी बदहाली को लेकर कैंपेन चलाया। जिसके बाद करोड़ों के सौंदर्यीकरण के कार्यों का मेंटनेंस करके इनका संरक्षण किया जाएगा।
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से चलाए गए मेक ओवर इज ओवर अभियान में सौदर्यीकरण कार्यों के संरक्षण को लेकर पब्लिक ने एमडीडीए से सवाल पूछे, जिसका एमडीडीए के वीसी बंशीधर तिवारी ने बेबाकी से उत्तर दिया। प्रश्न: इन्वेस्टर्स समिट के दौरान करोड़ों रुपए से शहर का सौंदर्यीकरण किया गया। क्या यह धन की बर्बादी नहीं है। उत्तर: नहीं, जिस तरह व्यक्ति का अच्छे कपड़े पहनने से सुंदर दिखता है उसी तरह प्रकृति भी श्रृंगार से खूबसूरत दिखती है।


प्रश्न: दीवारों पर म्यूराल आर्ट बहुती सुंदर लग रही है, बरसात के बाद कई पेंटिंग्स उखड़ गई है। उत्तर: यह स्वाभाविक सी बात है। यह अस्थाई प्रकृति के कार्य हैं। यह कार्य छत के नीचे नहीं खुले आसमान के नीचे है, जो बारिश व धूप से प्रभावित होंगे ही। प्रश्न: म्यूराल आट्र््स का शहर के विकास में क्या योगदान है। उत्तर: सुंदरता हर किसी को आकर्षित करती है। पहली बार दून का मेकओवर किया गया। दीवारों पर उकेरी गई उत्तराखंड की कला संस्कृति से देश-विदेश के मेहमान भी आकर्षित हुए।प्रश्न: कई पेंटिंग्स खराब हो गई है। क्या इसके मेंटनेंस की व्यवस्था है। उत्तर: इन्वेस्टर्स समिट के दौरान समय कम मिलने के कारण कई कार्य जल्दबादी में कराए। समिट के बाद इंटरनल सड़कों पर पेंटिंग्स की गई। अब इनके मेंटनेंस के लिए कान्ट्रेक्टर को जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रश्न: क्या इस तरह के सौंदर्यीकरण कार्य भविष्य में भी होंगे। उत्तर: जी हां, एमडीडीए हर साल बड़ी संख्या में पौधरोपण व फुलवारी के काम करता है। मेनरोड के अलावा इंटरनल सड़कों पर भी पेंटिंग्स करके खूबसूरत बनाने का काम चल रहा है।प्रश्न: कई जगहों पर हरियाली के लिए प्लांट््स लगाए गए वह सूखने लगे हैं।

उत्तर: प्लांट्स की प्रॉपर निगरानी रखी जा रही है। जहां पर पेड़ों के सूखने की कम्प्लेन आ रही है वहां पर तत्काल नए प्लांट्स लगाकर हरियाली बचाई जा रही है। प्रश्न: क्या सौंदर्यीकरण कार्यों का संरक्षण होगा। उत्तर: एमडीडीए का कार्य योजना बनाना है। योजना बनने के बाद नगर निगम व अन्य संबंधित विभागों को हस्तांतरित कर दी जाती है। कॉन्ट्रेक्टर ही करेगा रखरखाव शहरवासियों का कहना है कि करोड़ों रुपए खर्च कर दून में पिछले साल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान किए गए सौंदर्यीकरण कार्य बदइंतजामी के चलते बदसूरत लग रहा हैं। उचित रखरखाव न होने से शहर का ब्यूटीफिकेशन बिगड़ रहा है। इस मामले में एमडीडीए के वीसी बंशीधर तिवारी ने बताया कि शहर में हो रहे विकास कार्यों को संरक्षित रखना दायित्व यहां रहे हर व्यक्ति है। कोई यदि कोई नुकसान पहुंचा रहा है, तो इसकी कंप्लेन करनी चाहिए। पुलिस-प्रशासन इसका संज्ञान लेता है। विकास कार्यों की हो प्रॉपर मॉनिटिरिंग इन्वेस्टर्स समिट पर करोड़ रुपए खर्च किए फ्लावरिंग से लेकर प्लांटेशन, दीवारों पर उत्तराखंड कला संस्कृति से लेकर जमाम म्यूराल आटर््स से दीवारों पर उकेरी गई। लेकिन संरक्षण के प्रयास धरातल पर नहीं दिख रहे।दीपक मलिक
सरकार को चाहिए कि जब भी इस तरह के अस्थाई प्रकृति के कार्य होते हैं, तो इसके लिए जिला प्रशासन के नेतृत्व में निगरानी टीम बनाई जाए। जो इसकी नियमित निगरानी करके खराब होने पर इन्हें ठीक कराए। अनूप पयाल यह पब्लिक का पैसा है इसकी बर्बादी नहीं होनी चाहिए। सौंदर्यीकरण कार्य बहुत अच्छा कदम है, लेकिन इसे लंबे समय तक बरकरार रखना चुनौती का काम है। मेंटेनेंस पर भी खर्च का प्रावधान होना चाहिए।इंद्रेश कुमार बरसात से बाद कई पेंटिंग्स का कलर धुल गया है। जबकि कई जगहों पर कूड़ा-कचर रखने से वह खराब हो रही है। इसका संज्ञान लिया जाना चाहिए। यदि इनका संरक्षण नहीं हुआ तो यह धन की ही बर्बादी होगी। अभिषेक सिंह ये किए गए ब्यूटीफिकेशन कार्य इन्वेस्टर्स समिट के दौरान शहर की सड़कों को खूबसूरत बनाने के लिए डिवाइडरों के बीच में हरियाली के लिए फूलों के साथ ही फलदार पौधे लगाए गए थे। सड़कों पर ब्लैक टॉप किया गया था। दुकानों को एक रूप देने के लिए फसाड के तहत एक जैसे बोर्ड लगाए। सड़कों पर लैंडस्केपिंग से लेकर वॉल पेंटिंग, कलरफुल पेंटिंग्स की गई। दीवारों पर म्यूराल आट्र्स के जरिए उत्तराखंंड की विरासतों को उकेरा गया।

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Posted By: Inextlive