उत्तराखंड का पेपर लीक मामला पीआरडी से लेकर प्रिंटिंग प्रेस और यूनिवर्सिटी से लेकर पुलिस और कोर्ट कर्मचारियों तक पहुंच गया है। एसटीएफ ने मंडे सीजेएम कोर्ट नैनीताल के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया था जबकि ट्यूजडे को रामनगर स्थित एसीजेएम कोर्ट के कर्मचारी को गिरफ्तार किया है।

देहरादून ब्यूरो। एसटीएफ ने यूकेएसएससी पेपर लीक मामले में एक दिन पहले ही सीजेएम कोर्ट में जूनियर असिस्टेंट पद पर तैनात एक कर्मचारी को पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था। ट््यूजडे को नैनीताल जिले के ही रामनगर स्थिति एसीजेएम कोर्ट में जूनियर असिस्टेंट पोस्ट पर कार्यरत हिमांशु कांडपाल नामक युवक को भी गिरफ्तार कर लिया। हिमांशु कांडपाल मूल रूप से गांव कांडागूट, ब्लॉक धौलादेवी, अल्मोड़ा का रहने वाला है।

कुछ लोगों को क्लियर करवाया टेस्ट
पूछताछ में हिमांशु कांडपाल ने बताया कि उसने अपने सगे जीजा मनोज जोशी की मदद से इस मामले में आरोपी महेन्द्र चौहान और दीपक शर्मा से मिलकर कुछ कैंडीडेट्स को पेपर लीक करवाये थे और उन्हें एग्जाम क्लियर करवाया था।

अब तक 13 आरोपी अरेस्ट
एसटीएफ ने इस मामले में तेजी से काम करते हुए 24 जुलाई से लेकर अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 24 जुलाई को एक साथ 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से लगातार गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है। पकड़े गये आरोपियों से की गई पूछताछ के बाद एसटीएफ को पता चला कि कुमाऊं क्षेत्र में सबसे ज्यादा कैंडीडेट्स को पेपर उपलब्ध करवाया गया था। इसके बाद एसटीएफ ने कुमाऊं क्षेत्र में ताबड़तोड़ छापे मारे और कई लोगों को पूछताछ के लिए देहरादून ऑफिस लाया गया। पूछताछ में इन लोगों ने लगातार नये राज खुल रहे हैं। इसी के आधार पर ये गिरफ्तारियां की जा रही है।

जांच अभी जारी
एसटीएफ उत्तराखंड के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि मामले की जांच अभी जारी है। कुछ और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। हालांकि यह अभी साफ नहीं है कि कितने लोग अभी एसटीएफ की रडार पर हैं। यूकेएसएसएससी ने राज्य में विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए पिछले वर्ष 4 और 5 दिसंबर को स्नातक स्तरीय परीक्षा का आयोजन किया था। इस परीक्षा में पेपर लीक होने का आरोप लगा था और इस संबंध देहरादून के रायपुर थाने में केस दर्ज किया गया था। सीएम के आदेश पर इस मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी।

Posted By: Inextlive