वीएलटीडी नहीं कैसे होगी यात्रा में वाहनों की मॉनिटरिंग
31 मई के बाद ही सभी वाहनों की हो पाएगी मॉनिटरिंग
परिवहन आयुक्त कार्यालय से होगी सभी वाहनों की मॉनिटरिंग
खर्च बचाने के लिए ट्रांसपोर्टर्स वीएलटीडी लगाने से बच रहे
देहरादून, 19 अप्रैल (ब्यूरो)। व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइज (वीएलटीडी) व्हीकल को आसानी से ट्रैक करने वाला डिवाइस हैं। इसके उपयोग को सॉफ्टवेयर के साथ जोड़ती है, जो व्हीकल के लोकेशन की जानकारी देती है। इससे आधुनिक वाहन ट्रैकिंग सिस्टम में व्हीकल का पता लगाने के लिए जीपीएस या ग्लोनास तकनीक का उपयोग किया जाता हैैं। अन्य प्रकार की स्वचालित वाहन स्थान तकनीक का भी उपयोग किया जा सकता है। वाहन की जानकारी इंटरनेट या विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक मैप पर देखी जा सकती है।
ये होता है लाभ
इससे व्हीकल की ईंधन की मात्रा, इंजन का ट्रेम्प्रेचर, रिवर्स जियोकोडिंग, दरवाजा खुला/बंद, टायर का प्रेशर, हेड-टेल लाइट चालू करना, बैटरी की स्थिति समेत प्रॉपर लोकेशन की जानकारी मिलती हैं। किसी दुर्घटना की स्थिति में भी लोकेशन को ट्रेस किया जा सकता हैं।
अक्टूबर में की थी तैयारी
परिवहन विभाग ने वीएलटीडी डिवाइज लगाने की अक्टूबर में ही तैयारी कर ली। इसकी मॉनिटरिंग के लिए कंट्रोल रुम भी परिवहन आयुक्त कार्यालय में तैयार किया गया। लेकिन, इस बीच कॉमर्शियल ट्रांसपोट्र्स की मनमानी के कारण इन्हें वाहनों में लगाया नहीं जा सका। जबकि उम्मीद थी कि इस डिवाइज को शुरुआती फेज में सभी कॉमर्शियल वाहन में लगा दिया जाएगा। जबकि, इसके विपरीत यात्रा सीजन शुरू होने को है। लेकिन, इसे अब तक वाहनों में नहीं लगाया जा सका।
खर्च को टालने की कोशिश
चारधाम यात्रा में जाने वाले वाहनों में जीपीएस अनिवार्य किया गया था। लेकिन, खर्च बढ़ता देख अधिकतर ट्रांसपोर्टर्स ने इसका विरोध शुरू कर दिया। ट्रांसपोर्टर्स के अनुसार इस वक्त खर्च अधिक होने के कारण उन्होंने जीपीएस लगाने की छूट मांगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई ट्रांसपोर्टर्स वाहनों में खर्च कम करने के लिए छूट का प्रयास करते है। ये इसी कड़ी का हिस्सा रहा।
ट्रांसपोर्टर्स के अनुसार सरकार इस दौरान करोड़ों रुपये व्यवस्था में खर्च कर रही हैं। इस बीच सरकार चाहती तो वे चारधाम यात्रा में जाने वाले वाहनों की सुरक्षा व व्यवस्था के लिए वाहनों में जीपीएस स्पॉन्सर करा सकती थी। जिस जीपीएस को लगाने का खर्च उन्हें 6500 रुपये तक का पड़ रहा है वह सरकार को साढ़े चार से पांच हजार तक का पड़ जाता।
गाड़ी में 15 से 20 दिन में जीपीएस लगाए जाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन, अगर सरकार चाहती तो इसे स्पॉन्सर कर सकती थी। ताकि ट्रांसपोर्टर्स को इसमें मदद मिल जाती और सभी वाहनों में ब्लैक बॉक्स लग जाते और यात्रा के शुरूआत में ही वीएलटीटी एक्टिव हो जाता।
जितेन्द्र नेगी, चेयरमैन टीजीएमओ
अरविंद सिंह हृयांकी, परिवहन सचिव
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सुबह 4 से रात 11 बजे तक ही चलेंगी यात्रा मार्गों पर वाहन -हाईटेक चेकपोस्ट पर यात्रा मार्ग पर गुजरने वाले सभी वाहनों का रिकॉर्ड रहेगा
देहरादून, सैटरडे से शुरू हो रहे वल्र्डफेम चारधाम यात्रा को लेकर परिवहन विभाग भी अलर्ट हो गया है। बाकायदा, विभाग फ्राइडे से चेकपोस्ट सुचारू कर देगा। चारधाम यात्रा मार्ग पर चार अस्थायी चेकपोस्ट को इस बार कंप्यूटराइज्ड और सीसी कैमरे से लैस किया जा रहा। यात्रा के नोडल अधिकारी आरटीओ (प्रशासन) सुनील शर्मा के अनुसार जरूरत होगी तो बदरीनाथ व केदारनाथ मार्ग पर भी चेकपोस्ट खोली जाएगी। बताया गया है कि इन चेकपोस्टों पर राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों के वाहनों के दस्तावेजों की जांच होगी। जरूरत पडऩे पर इन्हें तत्काल हेल्प भी मुहैया कराई जाएगी।
इन इलाकों में होंगे चेकपोस्ट-भद्रकाली
-तपोवन
-कुठालगेट
-डामटा तीन घंटे की अवधि बढ़ाई गई
यात्रा को देखते हुए परिवहन विभाग ने 3 अप्रैल से कॉमर्शियल वाहनों के ग्रीन कार्ड व ट्रिप कार्ड बनाने का काम शुरू किया था। दोनों कार्ड ऑनलाइन बनाए जा रहे है। आवेदक परिवहन विभाग की वेबसाइट पर इन कार्ड के लिए आवेदन कर रहे और फिजिकल एग्जामिन के बाद कॉमर्शियल वाहनों को ग्रीन कार्ड जारी किया जा रहा। इधर, यात्रा मार्गों पर इस बार वाहन संचालन का समय तीन घंटे बढ़ाया गया है। अब वाहन सुबह 4 बजे से रात 11 बजे तक संचालित हो सकेंगे, जबकि रात 11 बजे से सुबह चार बजे तक वाहन चलाना प्रतिबंधित किया गया है। हाईटेक चेकपोस्ट पर यात्रा मार्ग पर गुजरने वाले सभी वाहनों का रिकॉर्ड रहेगा।
सेफ्टी सबसे बड़ा कंसर्न
-सुरक्षा को लेकर वाहनों में एलपीजी सिलंडर रखने पर रोक
-ऐसे वाहनों की चेकपोस्ट पर होगी चेकिंग, मिलने पर ग्रीन कार्ड हो जाएगा कैंसिल।
-रात के समय वाहनों का संचालन रोकने को चेकपोस्ट पर कर्मचारी रहेंगे तैनात
-चेकपोस्ट पर ग्रीन कार्ड की भी जांच की जाएगी।