आरटीओ की नसीहत भी हवा मेंएक दिन पूर्व ही आरटीओ एनफोर्समेंट शैलेश तिवारी ने सिटी बसों के संचालन की व्यवस्था को परखने के लिए निरीक्षण किया था आरटीओ ने पैसेंजर बनकर सिटी बस से ट्रैवल किया। टिकट कटवाया लेकिन पैसे लेने के बाद भी कंडक्टर ने उन्हें टिकट काटकर नहीं दिया। जिस पर आरटीओ ने चेतावनी दी। लेकिन 24 घंटे बाद भी सिटी बस संचालकों ने टिकट की व्यवस्था नहीं की।

-सिटी बस स्टाफ ने दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट को बताईं अजब-गजब वजहें

-रियलिटी चेक में दिखाई दिए वही पुराने हालात, 24 घंटे बाद भी नहीं दिखा कोई सुधार

देहरादून (ब्यूरो):
दून में परिवहन अधिकारियों की छापेमारी के बाद भी सिटी बसों की मनमानी नहीं रुक रही है। सिटी बसों में आज भी पहले के ही दिनों की भांति नियमों की धज्जियां उड़ती दिखीं। चैकिंग के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी सिटी बस संचालक नहीं सुधरे। ट्यूजडे को दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने जब सिटी बसों का रियलिटी चेक किया तो खुलासा हुआ। बसों में न तो ड्राइवर, कंडक्टर यूनिफॉर्म में थे। हद तो ये है कि अब भी पैसेंजर को टिकट भी नहीं दिया जा रहा। टिकट मांगने पर कहा कि टिकट बनने गए हैं, कुछ दिनों में आ जायेंगे तब टिकट मिलना शुरू होंगे।

इन रूट्स पर की पड़ताल
राजपुर रोड
सहस्रधारा रोड
आईटी पार्क
परेड ग्राउंड
दर्शनलाल चौक
प्रिंस चौक
सहारनपुर चौक
दिलाराम चौक

मिली ये कमियां
-ड्राइवर व कंडक्टर ने नहीं पहनी थी यूनिफॉर्म।
-पैसेंजर्स को मांगने के बाद भी नहीं दिया जा रहा था टिकट।
-महिला सीट पर बैठे मिले पुरुष।
-पैनिक बटन व सुरक्षा के नहीं मिले इंतजाम।

यह दिया गया तर्क
दोपहर 3 बजे
टीम आईएसबीटी से परेड ग्राउंड की ओर आने वाली सिटी बस में चढ़ी। यहां सबसे पहले बस में ड्राइवर कंडक्टर बिना यूनिफॉर्म के मिले। जब ड्राइवर व कंडक्टर से यूनिफॉर्म के विषय में जानकारी ली तो ड्राइवर ने यूनिफॉर्म दिखाते हुए कहा कि गंदी है। ऐसे में इसे कैसे पहनें। दून की सड़कों पर अलग-अलग रूट पर जा रही करीब 12 बसों में जब टीम ने जाकर पड़ताल की, तो कोई भी ड्राइवर व कंडक्टर यूनिफॉर्म में नहीं मिला।

जल्द प्रिंट होकर आएंगे टिकट!
3 बजकर 40 मिनट पर आईएसबीटी से राजपुर जा रही बस में टीम पहुंची। यहां बस में सवारियों ने टिकट न मिलने पर नाराजगी जताई। पैसेंजर्स का कहना था कि रोडवेज की बसों में तो टिकट मिलता है। लेकिन, ये लोग कई बार मांगने पर भी टिकट नहीं देते। जबकि, इलेक्ट्रिक बस में टिकट मिल जाता है। इस पर जब कंडक्टर से पूछा तो जवाब में कहा कि टिकट तैयार होने गए हैं, जल्द ही प्रिंट होकर आ जाएंगे। टिकट नहीं हो की बात कहकर पैसेंजर से मनमाने पैसे वसूल जा रहे हैं।

मेंटेनेंस की भी कमी
सिटी बसों का रियलिटी चेक किया तो इस दौरान कई सिटी बसों की बैक लाइट व ब्रेक लाइट खराब या टूटी मिलीं। जिससे जाम की स्थिति में बसों में ब्रेक लगाने की स्थिति में पीछे के वाहन चालक को पता नहीं चल पाता।

हमारे पास यूनिफॉर्म तो है लेकिन, देखिए ये गंदी पड़ी है। ऐसे में इसे कैसे पहनें। इसके अलावा दूसरे ड्राइवर व कंडक्टर भी ड्रेस नहीं पहनते हैं, इसलिए भी जरूरी नहीं लगा।
पप्पू, ड्राइवर

सिटी में संचालित हो रही नीले रंग प्राइवेट बसें पैसे लेने के बाद टिकट नहीं देते है। जबकि इलेक्ट्रिक बसों व अन्य बसों में तो टिकट मिलता है।
रामगोपाल ठाकुर, पैसेंजर

प्राइवेट बस संचालकों को भी टिकट देना चाहिए। जबकि, ये लोग पैसे तो लेते है। लेकिन, टिकट नहीं देते। एक ही रूट पर अलग-अलग किराया वसूलते हैं।
सुभाष, पैसेंजर

शुरुआत में यह रेंडम चैकिंग थी। इसके बाद भी अगर पब्लिक ट्रांसपोट्र्स में व्यवस्थाएं नहीं सुधरती हैं, तो सख्त कार्रवाई करते हुए चालान काटा जाएगा व गाड़ी भी सीज की जाएगी।
शैलेश तिवारी, आरटीओ एनफोर्समेंट

बॉक्स
अब चार चौराहों पर रहेगी आरटीओ की नजर
दून में पब्लिक ट्रांसपोट्र्स की मनमानी को देखते हुए आरटीओ ने अब चार चौराहों पर टीम तैनात कर नजर रखने की तैयारी की हंै। आरटीओ को मिली शिकायत के अनुसार इन चार चौराहों पर लगातार पब्लिक ट्रांसपोट्र्स मनमाने तरीके से पार्किंग के अलावा डग्गामारी पर नकेल कसने की तैयारी की जाएगी।

यहां रहेगी विभाग की नजर
आईएसबीटी
सर्वे चौक
परेड ग्राउंड
रिस्पना

डग्गामारी को रोकना बना चुनौती
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार रोडवेज के साथ पब्लिक से जल्दी पहुंचाने के नाम पर डग्गामारी कर प्राइवेट ट्रांसपोट्र्स मनमाना किराया वसूल रहे है। जिसका भार अक्सर पब्लिक की जेब पर पड़ता है और रोडवेज की आमदनी पर भी असर पड़ता है। इन डग्गामारों पर नकेल कसने के लिए आरटीओ की टीम आईएसबीटी में भी तैनात रहेगी।

Posted By: Inextlive