दून को डेंगू से निजात दिलाने के लिए कई इलाकों में फॉगिंग अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन इस दौरान फॉगिंग में जुटे कर्मचारियों की सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जा रहा। मामला सोशल मीडिया के जरिये मानवाधिकार आयोग के पास पहुंचा है। आयोग ने इस मामले में नगर निगम को पत्र भेज कर जबाव-तलब किया गया है। इसके साथ ही पर्यावरण मित्रों की ओर से कराई गई फॉगिंग का ब्योरा भी मांगा है।

देहरादून (ब्यूरो) नगर निगम पिछले तीन महीनों से सभी 100 वार्डों में पर्यावरण मित्रों के जरिए डेंगू की रोकथाम के लिए फॉगिंग करवा रहा है। इस दौरान फॉगिंग करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा का ध्यान नहीं रखने के आरोप सामने आए हैैं। जानकारों के अनुसार फॉगिंग करने वाले कर्मचारियों को अच्छी क्वालिटी के मास्क लगाना जरूरी है। क्योंकि, फॉगिंग के धुंए से फेफड़ों पर बुरा असर पड़ सकता है। फॉगिंग करने वाले कर्मचारियों के पास न तो मास्क उपलब्ध हैैं, न ही ग्लब्ज।

डॉक्टर्स ने माना अनसेफ है बिना मास्क फॉगिंग
सरकारी हॉस्पिटल के डॉक्टरों के अनुसार धुंए में ज्यादा देर तक रहने की वजह से इन लोगों को सांस लेने में तकलीफ व फेफड़े संबंधी कई बीमारी होने का खतरा है। यहीं नहीं आम नागरिक को भी चाहिए कि फॉगिंग के दौरान लोग कपड़े से अपना मुंह ढक लें।

वेतन कम और बीमारी का खतरा
पर्यावरण मित्र कर्मचारियों को बहुत कम वेतन मिलता है। इस दौरान मानवाधिकार आयोग को शिकायत पत्र मिला। जिसके बाद मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ने नगर आयुक्त से इस विषय में जवाब तलब मांगा गया। बताया गया है कि बीते 10 अक्टूबर को आयोग की ओर से नगर निगम को लेटर भेजा गया, जिसमें फॉगिंग का पूरा ब्योरा भी तलब किया गया है।

Posted By: Inextlive