कहने के लिए कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट होने की बात कर रहा है। यहां तक बार्डर से लेकर एयरपोर्ट तक आरटीपीसीआर सैंपलिंग बढ़ाने की बात भी कह रहा है। लेकिन संडे को दून के बार्डर आशारोड़ी पर दोपहर बाद कोई सैंपलिंग नहीं देखी गई। यहां पर न वाहनों का रोका जा रहा था और न ही दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की सैंपलिंग की जा रही थी। ऐसे में ओमिक्रॉन की संभावनाओं पर कैसे कंट्रोल पाया जा सकेगा समझ से परे नजर आता है।

देहरादून (ब्यूरो)। कहने के लिए स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि फिलहाल, आशारोड़ी चैक पोस्ट और एयरपोर्ट पर आरटीपीसीआर की सैंपलिंग जारी है। सीएमओ डा। मनोज उप्रेती ने बताया कि फर्स्ट व सेकेंड वेव में निजी लैब के साथ करार था। इस बार नई गाइड लाइन नहीं आई। खुद स्वास्थ्य कर्मी सैंपलिंग कर रहे हैं। वीवीआईपी मूवमेंट कम होने के कारण सीमित संख्या में ही सैंपलिंग हो पा रही है। भविष्य में ओमिक्रॉन के केसेज सामने आते हैं तो सैंपलिंग बढ़ाए जा सकते हैं।

पुलिस कर्मी है, वह बता देंगे।
रिपोर्टर-मैडम, आज कोई सैंपलिंग हुई।
पुलिस कर्मी--मैं तो अभी आई, मालूम नहीं।

सीमित किट, सीमित सैंपलिंग
बताया गया है कि संडे को आशारोड़ी आरटीओ चैक पोस्ट पर सीमित किट होने के कारण सुबह की पाली में सीमित ही सैंपलिंग हो पाई। पुलिस कर्मियों ने बताया कि दोपहर से पहले करीब तीन दर्जन ही सैंपलिंग हो पाई।

संगठन व लोग भी फिक्रमंद दिखे
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर संगठन भी कदम बढ़ाने लगे हैं। संडे को संयुक्त नागरिक संगठन की ओर से ओमिक्रॉन के दुष्प्रभाव रोकथाम को लेकर नागरिकों की जिम्मेदारियां विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। सिटीबैंकट हाल में ब्रिगे।(रिटा।) केजी बहल की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी में सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। आम सहमति बनी कि नए म्यूटेंट को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क को लेकर बरती जा रही लापरवाही भविष्य मे घातक साबित हो सकती है। ऐसे में सभी लोगों से अपील है कि वे अपने स्तर से लोगों के बीच अवेयरनेस पर जोर दें।
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Posted By: Inextlive