गिरफ्तार छात्रों को जमानत नहीं, 64 पर केस
देहरादून (ब्यूरो)। शहीद स्थल के गेट मंडे को आखिरकार खोल दिया गया। 10 फरवरी के दिन भारी संख्या में भीड़ उमडऩे के बाद पुलिस ने शहीद स्थल के गेट बंद कर दिया था। किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही थी। मंडे को यूकेडी कार्यकर्ता पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट के नेतृत्व में शहीद स्थल पर पहुंचे। वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका तो कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। बात ज्यादा बढऩे की आशंका के चलते प्रशासन ने गेट खुलवा दिये। इसके बाद सभी को शहीद स्थल पर जाने की छूट दे दी गई।
64 छात्र 10 फरवरी से धरने पर
लाठीचार्ज के विरोध में 10 फरवरी को छात्र, एक्टिविस्ट, सामाजिक कार्यकर्ता और विपक्षी राजनीतिक दलों के लोग विरोध जताने के लिए शहीद स्थल पर जमा हुए थे। प्रशासन के साथ हुई बातचीत के बाद शाम को छात्रों के एक वर्ग ने एक दिन के लिए धरना स्थगित कर दिया था, जबकि 100 से ज्यादा छात्रों ने यह कहकर धरनास्थल छोडऩे के लिए मना कर दिया था कि जब तक गिरफ्तार छात्रों को जमानत नहीं मिलती, तब तक वे यहीं रहेंगे। 61 छात्र-छात्राएं तब से वहीं जमे हुए हैं।
कचहरी के बाहर भी धरना
10 फरवरी के शाम को धरना खत्म कर चुके छात्रों ने 11 फरवरी को गिरफ्तार छात्रों को जमानत न मिलने के कारण फिर से शहीदस्थल पर धरने में जाने का प्रयास किया तो पुलिस ने उन्हें नहीं जाने दिया। ऐसे में इन छात्रों ने कचहरी परिसर के बाहर जिला जज के के गेट पर धरना शुरू कर दिया। अब करीब 60 छात्र शहीद स्थल पर और सौ से ज्यादा कचहरी परिसर के बाहर धरने में डटे हुए हैं।
कचहरी परिसर के शहीद स्थल पर चार दिन से धरने पर बैठे 64 बेरोजगारों पर पुलिस ने धारा 144 के उल्लंघन के केस दर्ज किया है। धारा चौकी इंचार्ज विवेक राठी की तहरीर पर यह मुकदमा दर्ज किया गया है। कहा गया है कि शहीद स्थल पर उत्तराखंड बेरोजगार संघ के 64 सदस्य धरना दे रहे हैं, जबकि पूरे शहरी क्षेत्र में धारा 144 लागू है। भर्ती परीक्षाओं में धांधली के विरोध में आंदोलन कर रहे बेरोजगार संघ के कार्यकर्ताओं के खिलाफ अब तक 5 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। इस मामले में संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार सहित 13 लोग जेल में बंद हैं।
जमानत पर सुनवाई जारी रहेगी
जेल में बंद 13 युवकों की जमानत पर मंडे को सुनवाई हुई। लेकिन सरकारी वकील में एविडेंस कलेक्ट करने के लिए 5 दिन का वक्त मांगा। कोर्ट ने 5 दिन देने से इंकार किया और एक दिन का समय दिया। कोर्ट ने ट्यूजडे को 11 बजे इस मसले पर फिर से सुनवाई करने का आदेश दिया है। पुलिस से कहा गया है कि तब तक उन्हें जो भी एविडेंस कलेक्ट करने हैं, कर लें।
छात्रों पर लाठीचार्ज के बाद राज्य सरकार ने आनन-फानन में नकल अध्यादेश तो जारी कर दिया, लेकिन इसमें पहला केस एक छात्र के खिलाफ ही दर्ज किया गया। दरअसल संडे को हुई पटवारी-लेखपाल परीक्षा देने वाले उत्तरकाशी के अरुण कुमार नामक छात्र ने शिकायत की थी कि उसे जो पेपर मिला, उसकी सील टूटी हुई थी। यूके लोक सेवा आयोग ने ट्रांसपोर्ट के दौरान सील टूटने की आशंका जताई, साथ ही पेपर लीक होने के अफवाह फैलाने के आरोप में अभ्यर्थी के खिलाफ केस दर्ज कर दिया। इस बात को लेकर आंदोलनकारी और उन्हें समर्थन देने वाले लोग नाराज हैं।