दून में फिर महामारी को न्यौता
- आईएसबीटी आने वाले 5 परसेंट का भी नहीं हो रहा टेस्ट
- उत्तराखंड, यूपी और हरियाणा रोडवेज बाहर ही उतार देती हैं सवारियां - 5 हफ्तों से लगातार टेस्ट की संख्या में आ रही गिरावट देहरादून, देश के कई हिस्सों में कोविड के फिर से बढ़ रहे मामलों और उत्तराखंड में में गाहे-बगाहे चिंताजनक खबरें आने के बावजूद में दून में सतर्कता के नाम पर सिर्फ औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। बसों से बिना रोक-टोक हर दिन हजारों लोग दून पहुंच रहे हैं, आईएसबीटी पहुंचने वाले 5 परसेंट से कम लोगों का ही एंटीजन टेस्ट हो पा रहा है। 12 हजार पैसेंजर्स, 700 टेस्टरोडवेज के अधिकारियों की माने तो देहरादून आईएसबीटी पर हर रोज 12 हजार से ज्यादा पैसेंजर्स विभिन्न राज्यों से पहुुंचते हैं। यहां कोविड टेस्ट के लिए 3 स्टॉल लगाये गये हैं, लेकिन हर रोज एवरेज 700 टेस्ट ही हो पा रहे हैं। यानी कि बसों के जरिये दून पहुंच रहे केवल 5 परसेंट लोगों का ही एंटीजन टेस्ट हो पा रहा है।
बाहर उतारे जा रहे पैसेंजरदैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने संडे को आईएसबीटी में एंटीजन टेस्ट के स्टॉल का रियलिटी चेक किया। यहां टेस्ट करने का काम एक प्राइवेट लैब को दिया गया है। लैब ने मुख्य स्टॉल आईएसबीटी के उस गेट पर लगाया है, जहां से बसें आईएसबीटी परिसर में दाखिल होती हैं। एक घंटे में विभिन्न जगहों से आई 2़ बसें आईएसबीटी में दाखिल होती हैं। ये बसें उत्तराखंड, यूपी, पंजाब और हरियाणा की हैं। इनमें से केवल 2 बसों में पैसेंजर हैं। दोनों बसें हरिद्वार से आई हैं। दिल्ली, हरियाणा और पंजाब से आई बसों के साथ ही उत्तराखंड रोडवेज की ज्यादातर बसें खाली आईएसबीटी में पहुंची हैं।
बाहर ही उतार रहे पैसेंजस आईएसबीटी परिसर से बाहर मेन रोड पर 20 मिनट में छह बसें पहुंचती हैं। इनमें तीन बस उत्तराखंड रोडवेज की, दो यूपी की और एक हरियाणा रोडवेज की है। सभी बसों में सवारियां हैं। बसें बाहर रोड पर रुक जाती हैं और यहीं पैसेंजर्स को उतार दिया जाता है। बसों के ड्राइवर-कंडक्टर्स से पूछा जाता है कि अंदर कोरोना टेस्ट होना है, पैसेंजर बाहर क्यों उतार दिये तो कोई जवाब नहीं मिल पाता। हरियाणा रोडवेज के कंडक्टर का जवाब था कि हमें नहीं मालूम, जबकि उत्तराखंड और यूपी के बसों के ड्राइवर व कंडक्टर ने कोई जवाब नहीं दिया। पैसेंजर्स ने बोला झूठइन बसों से आने वाले पैसेंजर्स में कोविड टेस्ट के मामले में झूठ बोलते रहे। एक पैसेंजर ने कहा कि आशारोड़ी पर टेस्ट हो गया है, जबकि उसी बस में आये एक अन्य पैसेंजर का कहना था कि आशारोड़ी पर टेस्ट नहीं हुआ। कुछ पैसेंजर्स का जवाब था कि उन्होंने टीका लगा दिया है अब टेस्ट की जरूरत नहीं।
टेस्ट के लिए झगड़ते हैं लोग आईएसबीटी पर टेस्ट स्टॉल के प्रभारी रेखा ने माना कि आईएसबीटी पहुंचने वाली ज्यादातर बसें खाली आती हैं। बस वाले बाहर ही पैसेंजर्स को उतार देते हैं। रेखा के अनुसार स्टॉल पर संडे शाम 4 बजे तक मात्र 530 एंटीजन टेस्ट किये गये, जबकि सैटरडे को कुल 740 टेस्ट किये गये थे। टारगेट से 62 परसेंट कम टेस्ट इस बीच एसडीसी फाउंडेशन राज्यभर में कोविड टेस्ट संबंधी एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 22 से 28 अगस्त के बीच राज्य में केवल 1,06,756 टेस्ट किये गये, जबकि हर रोज 40 हजार टेस्ट प्रतिदिन के टारगेट के अनुसर इस दौरान 2 लाख 80 हजार टेस्ट होने चाहिए थे। यानी कि टारगेट से 62 परसेंट कम टेस्ट किये गये। ऐसे घटे टेस्ट परियड टेस्ट 25-31 जुलाई 1,83,31001-07 अगस्त 1,68,085
08-14 अगस्त 1,41,223
15-21 अगस्त 1,15,415 22-28 अगस्त 1,06,756