जीएमवीएन को करोड़ों का घाटा, टूरिस्ट को अटै्रक्ट करने का प्लान स्टार्ट
- जीएमवीएन को इस सीजन में अब तक लग चुकी है 25 करोड़ की चपत
- टूरिस्ट्स को अट्रैक्ट करने को जीएमवीएन तैयार कर रहा वर्कप्लान >DEHRADUN: कोरोना महामारी की मार हर तरफ पड़ी है। गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएनन) भी इससे अछूता नहीं रहा। पीक टूरिस्ट सीजन में अब तक निगम को करीब 25 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। ऐसे में अब इस घाटे से कैसे उभरा जाए, इसके लिए नई स्ट्रेटजी प्लान की जा रही है। जीएमवीएन कोशिश में जुटा हुआ है कि जैसे ही कोरोना संकट से छुटकारा मिलेगा, टूरिस्ट्स को अपनी ओर अट्रैक्ट किया जाएगा। इसके लिए बकायदा अभी से वर्कप्लान भी स्टार्ट कर दिया गया है.2013 के बाद पहली बार ऐसी मार टूरिस्ट व यात्रा सीजन में जीएमवीएन यात्रियों और टूरिस्ट्स के लिए एकोमोडेशन के हिसाब से सबसे ज्यादा भरोसेमंद माना जाता रहा है, यही वजह रही है कि हर साल निगम करोड़ों की कमाई भी करता है। पूरे प्रदेश में निगम के 98 होटल, टूरिस्ट रेस्ट हाउस व बंग्लो हैं, लेकिन इस बार कोरोना की मार के कारण जीएमवीएन को बड़ा नुकसान हो रहा है। न यात्रा शुरू हो पाई और न टूरिस्ट सीजन शुरू हो पाया। इसके बावजूद अब तक स्थिति साफ नहीं है कि कब तक शुरुआत होगी। जीएमवीएन के अधिकारियों के मुताबिक इस सीजन में अब तक 25 करोड़ रुपए तक का नुकसान हो चुका है। दावा है कि निगम को वर्ष 2013 की आपदा के बाद इस बार इतनी बड़ी मार झेलनी पड़ रही है। फिलहाल, कोरोना से हुए करोड़ों के नुकसान से उबरने के लिए निगम ने वर्कप्लान स्टार्ट कर दिया है। कोरोना संक्रमण खत्म और यात्रा व टूरिस्ट सीजन स्टार्ट होने के बाद टूरिस्ट्स को अट्रैक्ट किया जाएगा।
ये होगा घाटे को पाटने का प्लान - टूरिस्ट को किया जाएगा अट्रैक्ट। - पैकेज ऑफर दिए जाएंगे। - ट्रैवल व टूरिस्ट एजेंसीज से होगा संपर्क। - खनन पर किया जाएगा फोकस। - ट्रैकिंग पर दिया जाएगा जोर। इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन बन रहे सहाराकोरोना संक्रमण में सरकार ने जीएमवीएन के करीब गढ़वाल मंडल में मौजूद 25 होटल व गेस्ट हाउसेज को तमाम डिस्ट्रिक्ट में इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन के तौर पर अक्वायर किया हुआ है। इनमें से दून में द्रोण होटल, डाकपत्थर, ऋषिकेश व मसूरी के होटल शामिल हैं। निगम के जीएम जितेंद्र सिंह ने बताया कि होटल व गेस्ट हाउसेज में 950 प्रति रूम व 150 रुपए में खाना निगम की ओर से उपलब्ध कराया जा रहा है। इनमें से बनाए गए कुछ क्वारंटीन सेंटर्स की आधी धनराशि निगम को मुहैया कराई जा चुकी है।
इंटरनेशनल टूरिस्ट्स को अट्रैक्ट करने के लिए स्ट्रेटजी तैयार की जा रही है। करोड़ों के नुकसान को देखते हुए भविष्य में निगम की आमदनी को बढ़ाने के प्रयास शुरू किए जा रहे हैं। - जितेंद्र सिंह, जीएम, जीएमवीएन।