जोशीमठ आपदा प्रभावितों में से 130 परिवारों का सरकार ने पीपलकोटी में स्थायी तौर पर पुनर्वास करने का निर्णय लिया है। प्रभावितों ने इसमें रुचि दिखाई है। भाारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पीपलकोटी को भूगर्भीय दृष्टि से उपयुक्त पाया है। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान सीबीआरआई के निर्देशन में मशीनों का सीमित यूज करते हुए यहां आपदा प्रभावितों के लिए घरों का निर्माण कराया जाएगा। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ। रंजीत कुमार सिन्हा ने ट्यूजडे को जोशीमठ में चल रहे कार्यों की ब्रीङ्क्षफग के दौरान यह जानकारी दी।

-जोशीमठ आपदा प्रभावित 130 परिवारों का होगा स्थायी पुनर्वास, सीबीआरआई के निर्देशन में बनेंगे घर

देहरादून (ब्यूरो)।

डॉ। सिन्हा ने यह भी बताया कि जोशीमठ में 849 परिवारों को अस्थायी राहत कैंप में ठहराया गया है। अनसेफ हो चुके भवनों से परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का क्रम जारी है। दरारों के कारण जेपी कॉलोनी के 15 भवनों को तोडऩे की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। कहा, आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए पीपलकोटी, कोटीफार्म, एचआरडीआई की भूमि व ग्राम ढाक की भूमि को भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने भूगर्भीय ²ष्टि से उपयुक्त पाया है। प्रभावित परिवारों ने उन्हें पीपलकोटी में विस्थापित करने की इच्छा जताई है। पीपलकोटी में पुनर्वास के लिए दो हेक्टेयर भूमि चिह्नित की गई है। इसमें 130 परिवारों के लिए घर बनाए जा सकते हैं। इस पर तत्काल कार्रवाई शुरू की जाएगी। ग्राम गौख-सेलंग को पुनर्वास के लिए जीएसआई ने उपयुक्त नहीं पाया है।

प्वाइंटर्स::
-आज से सीबीआरआई के निर्देशन में बनेंगे प्री-फेब्रिकेटेड घरों के मॉडल।
-टीसीपी तिराहे के पास हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट के 1 से 3 बीएचके के बनेंगे मॉडल।
-सीबीआरआई द्वारा चयनित एजेंसी वेडनसडे को पहुंचेगी जोशीमठ।
-चमोली में बदरीनाथ हाईवे पर अलकनंदा के किनारे बसा है पीपलकोटी।
-ये एरिया जोशीमठ से 36 किमी की दूरी पर है स्थित।
-पीपलकोटी में प्रभावितों के पुनर्वास के लिए दो हेक्टेयर भूमि का चयन
-इस स्थान की समुद्रतल से ऊंचाई 1260 मीटर

घट रहा है डराने वाला जलप्रवाह
जोशीमठ में जेपी कॉलोनी में फूटी जलधारा से प्रवाह लगातार कम हो रहा है। इस पर शासन प्रशासन ने राहत की सांस ली है। जबकि, बीती दो जनवरी को जल प्रवाह 540 एलपीएम दर्ज किया गया था, जबकि मंडे को 163 एलपीएम पर आ गया। ट्यूजडे को इसका लेवल 123 एलपीएम रिकॉर्ड हुआ।

बॉक्स
स्टडी रिपोर्ट के लिए तय की समयसीमा
बताया गया है कि केंद्र सरकार के लेवल पर केंद्र के टेक्नीकल इंस्टीट्यूशंस को जोशीमठ के आपदाग्रस्त क्षेत्र की स्टडी रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए टाइमलाइन दी गई है। सीबीआरआई के 10 साइंटिस्ट को तीन सप्ताह, एनजीआरआई को प्रारंभिक रिपोर्ट के लिए दो सप्ताह व फाइनल रिपोर्ट के लिए तीन सप्ताह, वाडिया इंस्टीट्यूट के 7 साइंटिस्ट को प्राइमरी रिपोर्ट के लिए 2 सप्ताह व फाइनल के लिए दो माह की समय सीमा तय की गई है। इसी प्रकार से जीएसआई को दो सप्ताह से लेकर दो माह, सीजीडब्ल्यूबी को दो से तीन सप्ताह व आईआईआरएस को शुरुआती रिपोर्ट के लिए एक सप्ताह और फाइनल रिपोर्ट के लिए तीन माह का वक्त दिया गया है।

भवन निर्माण को मिले चार लाख रुपये
जोशीमठ के तहत ग्राम उर्गम के तल्ला बड़ङ्क्षगडा तोक के 41 प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए प्रति परिवार भवन निर्माण को चार लाख रुपये की राहत राशि भेजी गई है। वर्ष 2013 में आई आपदा व भूधंसाव से तल्ला बड़ङ्क्षगडा तोक के 41 परिवार प्रभावित हुए थे। विगत वर्ष तक भी यह क्षेत्र भूधंसाव प्रभावित रहा। जबकि, चमोली के तहसील नंदानगर (घाट) के तहत ग्राम धुर्मा में दैवीय आपदा से प्रभावित पांच परिवारों को उनकी निजी भूमि पर विस्थापन को शासन ने 21.25 लाख की धनराशि अवमुक्त की है।

50 प्रभावितों को पशुओं के लिए वितरित किया चारा
आपदा प्रभावित पशुपालकों को पशुचारे के लिए कांपैक्ट फीड ब्लॉक और साइलेज का वितरण किया गया। सचिव पशुपालन वीवीआर पुरुषोत्तम के निर्देशानुसार जोशीमठ में ट्यूजडे को सीडीओ डॉ। ललित नारायण मिश्र, एडी पशुपालन डॉ। अशोक कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
dehradun@inext.co.in

Posted By: Inextlive