ऋषिकेश से नीलकंठ अब सिर्फ 17 मिनट दूर
- एशिया की सबसे लंबे इस रोप-वे की लंबाई है साढ़े 6 किमी।
- यूकेएमआरसी ने जारी किए रोपवे प्रोजेक्ट््स के लिए टेंडर
नीलकंठ महादेव के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की राह भविष्य में आसान होने वाली है। अगले तीन साल में यह रोपवे बनकर तैयार हो जाएगा। एशिया का सबसे बड़े इस रोपवे पर तकरीबन 465 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह रोपवे ऋषिकेश आईएसबीटी से त्रिवेणी घाट, नीलकंठ महादेव मंदिर और पार्वती माता मंदिर तक बनेगा, जिसकी लंबाई करीब साढ़े छह किमी। होगी।
35 किमी। की दूरी महज 17 मिनट में
ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव की सड़क से दूरी करीब 35 किमी। है। पूरा मार्ग पहाड़ी है। ऋषिकेश से नीलकंठ पहुंचने में डेढ़ से दो घंटे लग जाते हैं। स्वर्गाश्रम से पैदल पहुंचने के लिए सात से आठ किमी। खड़ी चढ़ाई है। करीब 5 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर के दर्शन श्रद्धालुओं को साल पर होते हैं। रोपवे बन जाने के बाद श्रद्धालु महज 17 मिनट में ऋषिकेश से नीलकंठ पहुंच सकते हैं।
एशिया का अब तक का सबसे लंबे रोपवे परियोजना की कार्रवाई तेजी से चल रही है। उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूकेएमआरसी) ने रोपवे परियोजना के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि टेंडर में कई अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां प्रतिभाग कर रही है। अगले माह 6 जून को टेंडर की प्रि-बिड कान्फ्रेंस होगी। रोपवे में 143 केबिन कार होंगी
रोपवे का निर्माण मोनो केबल डिटैचेबल गोनडोला सिस्टम तकनीक से होगी, जिसमें 143 केबिन कार होंगी, जिसमें प्रति केबिन कार की क्षमता 10 व्यक्तियों की है। इसके अलावा रोपवे में 4 स्टेशन होंगे, जिसमें 36 टावर का निर्माण किया जाएगा। परियोजना के लिए 4.237 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। इसमें 2.277 हेक्टेयर सरकारी और 1.960 हेक्टेयर निजी भूमि शामिल है। गुलमर्ग में सबसे लंबा रोपवे
भारत में अभी तक कश्मीर के गुलमर्ग में है, जिसकी लंबाई 4.2 किमी। है। इसके बाद उत्तराखंड के स्कीइंग स्थल औली में भी 4.1 किमी। लंबा रोपवे है, लेकिन अब इनसे भी लंबा रोपवे तीर्थनगरी ऋषिकेश में बनने जा रहा है।
ऋषिकेश से अनुमानित किराया
स्टेशन का नाम वन वे टू वे
आईएसबीटी से त्रिवेणी घाट 35 60
त्रिवेणी घाट से नीलकंठ 230 415
नीलकंठ से पार्वती मंदिर 65 120
तीनों रूट््स का सफर 330 590
465 करोड़ से होगा रोपवे का निर्माण
6.500 किमी। है कुल लंबाई
17 मिनट का होगा नीलकंठ का सफर
143 केबिन कार होंगे रोपवे में
10 व्यक्तियों की क्षमता है प्रति केबिन कार में
36 टावर होंगे पूरे प्रोजेक्ट्स में
4.300 हेक्टेयर टोटल भूमि की जा रही अधिग्रहित
2.250 हेक्टेयर भूमि सरकारी
2.050 हेक्टयेर प्राईवेट लैंड रोपवे के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। जुलाई में टेंडर खोले जाएंगे। टेंडर खोलने के बाद क्वालीफाइड कंपनी को कार्य अवार्ड किया जाएगा, जिसके बाद कार्य शुरू किया जाएगा। कार्य को निर्धारित अवधि के भीतर पूरा करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।
जितेंद्र सिंह त्यागी, एमडी, यूकेएमआरसी
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