...मेरे हिस्से का पानी कहीं ठहरा हुआ होगा
- एक दशक पुरानी बस्तियों को भी पानी नहीं मयस्सर
- दर्जन भर इलाकों तक नहीं पहुंच पाया सरकारी पानी
जमीन खोदकर पी रहे पानी
जल संस्थान का पानी जिन इलाकों तक नहीं पहुंचा है वे लोग भी पानी तो पी रहे हैैं लेकिन ये पानी उन्हें लाखों रुपए खर्च कर बोरिंग के जरिये मिल रहा है। एक परिवार को एक से ढाई लाख रुपए तक पानी की बोरिंग में खर्च करना पड़ रहा है। शहर में ऐसे दर्जनभर इलाके हैैं। ऐसा भी नहीं है कि ये इलाके अचानक बसे गए हों, यहां लोग दो-दो दशक से रह रहे हैैं। नगर निगम के वार्ड 98, 99 और 100 में ऐसे कई इलाके हैं जहां बोरिंग का पानी ही लोगों की प्यास बुझा रहा है।
12 लाख है शहर की आबादी
दून सिटी में 100 वार्ड हैं। इसमें से 40 वार्ड पुराने हैं, जबकि 60 नए वार्ड बने हैं। सिटी के सभी वार्डों की अनुमानित आबादी 12 लाख से ज्यादा है। इसमें से करीब एक चौथाई एरिया सरकारी पेयजल लाइन से नहीं जुड़ा है। जल संस्थान के इंजीनियर यहां तक नहीं पहुंच पाए हैैं।
नकरौंदा
बालावाला
नथुवावाला
शिव शक्ति कॉलोनी
आनंद विहार
देवीपुरा
बद्रीपुर विहार
बद्री-केदार एन्क्लेव
बिष्ट मोहल्ला
घोड़ा फैक्ट्री कॉलोनी
शांति कुंज
गुरुनानक नगर एक किमी लाइन बिछानी छोड़ दी
वार्ड 99 के नकरौंदा में जीरो प्वाइंट तक तीन साल पहले पानी की नई मेन लाइन बिछी। इसके बाद करीब एक किलोमीटर एरिया को छोड़ दिया गया। क्षेत्रवासियों का कहना है कि लगातार कहने के बाद भी पेयजल लाइन नहीं बिछाई गई, जिससे उन्हें भारी भरकम रकम खर्च करके मशीन से पानी की बोरिंग करानी पड़ रही है। 1.64 लाख कंज्यूमर्स हैं सिटी में
सिटी की कुल आबादी 12 लाख के करीब है, लेकिन पेयजल कंज्यूमर्स की संख्या 1.64 लाख है। जानकारों के अनुसार जो छूटे हुए इलाकों में भी पेयजल लाइन बिछाई जाए, तो सिटी में कंज्यूमर्स की संख्या सवा दो लाख से डेढ़ लाख तक पहुंच जाएगी। इससे जल संस्थान को बड़ा राजस्व मिल सकता है।
ये 4 डिविजन करा रहे वाटर सप्लाई
साउथ
नॉर्थ
रायपुर
पित्थूवाला
कंज्यूमर्स पर एक नजर
साउथ - 49610
नॉर्थ- 36142
रायपुर- 42276
पित्थूवाला- 32348
करण सिंह महर, शिव शक्ति कॉलोनी मैं मकान बना रहा हूं। पानी की लाइन न होने से मुझे 1.10 लाख रुपए खर्च कर बोरिंग करानी पड़ी। लाइन बिछी होती तो मेरा काम कनेक्शन लेकर महज 7 हजार में हो जाता।
सुरेंद्र शर्मा, बद्री केदार एनक्लेव आम पब्लिक का नहीं बिल्डरों का विकास हो रहा है। कॉलोनियां काटकर बेची जा रही हैं। बाद में सुविधाएं जुटाने के लिए पब्लिक को एडिय़ां रगडऩी पड़ती हैं।
आशीष कुमार, बालाजी एन्क्लेव कई बार क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से गुहार लगाई है, लेकिन आज तक पानी की पाइप लाइन नहीं बिछी, जिससे क्षेत्रवासियों को भारी असुविधाएं उठानी पड़ रही हैं।
जितेंद्र रावत, राजेश्वरी एन्क्लेव
शहर में कई जगहों पर नई कॉलोनियां बस रही हैं। जहां मांग की जा रही है वहां पर पानी की लाइन बिछाई जा रही है। ऐसे इलाकों को चिन्हित कर प्राथमिकता से पेयजल लाइन बिछाई जाएगी।
वीसी रमोला, एसई, जल संस्थान, देहरादून