प्रेमी के साथ मिलकर युवक का मर्डर
देहरादून (ब्यूरो)। बीते 20 मार्च को एक व्यक्ति ने थाना रायपुर में लिखित तहरीर दी थी कि उसकी 17 वर्षीय बहन 17 मार्च को घर से बिना बताये कहीं चली गई है। नाबालिग का मामला होने के कारण पुलिस ने दो टीमें बनाई और नाबालिग के घर के रास्ते में लगे सीसीटीवी के फुटेज खंगाले। जांच दौरान यह बात सामने आई कि लडक़ी का आकाश नाम के लडक़े के साथ अफेयर चल रहा है। आकाश के बारे में जानकारी ली गई तो पता चला कि वह भी उसी दिन से गायब है। संडे को पुलिस का सूचना मिली कि लडक़ी आकाश के साथ अपनी बहन के घर ढाकपट्टी राजपुर में है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों को उठा लिया।
मर्डर का खुलासा
पुलिस ने दोनों से पूछताछ की तो नरेन्द्र नामक युवक के मर्डर का सनसनीखेज खुलासा हुआ। लडक़ी ने बताया कि 16 मार्च को उसने और आकाश ने करनपुर निवासी नरेन्द्र उर्फ बंटी का गला दबाकर मर्डर कर दिया था और डेडबॉडी ननूरखेड़ा क्षेत्र में जंगल में दबा दी थी। नरेन्द्र के बारे में जानकारी ली गई तो पता चला कि उसकी गुमशुदगी के बारे में थाना डालनवाला में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। पुलिस ने नरेन्द्र का शव बरामद कर परिवार से शिनाख्त करवाई।
परेशान करता था नरेन्द्र
पूछताछ में 22 वर्षीय आकाश पुत्र सुरेन्द्र निवासी चावला चौक करनपुर ने बताया कि उसकी महाराणा प्रताप चौक के पास टायर सर्विस की दुकान है। लडक़ी से उसकी पहचान फेसबुक पर हुई। बाद में वे मिलने लगे और शादी करना चाहते थे। लेकिन, नरेन्द्र उर्फ बंटी पुत्र स्व। अमर सिंह निवासी नालापानी रोड लडक़ी को परेशान करता था। वह अपने मोहल्ले में लडक़ी के चरित्र को लेकर बदनामी करता था। दोनों ने नरेन्द्र को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना।
फिर रास्ते से हटा दिया
दोनों ने पुलिस का बताया कि नरेन्द्र नहीं माना तो उन्होंने उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाई। 16 मार्च को ढाकपट्टी में रहने वाली लडक़ी की बड़ी बहन मसूरी गयी थी। लडक़ी घर पर अकेली थी। शाम को लडक़ी ने आकाश को अपने कमरे में बुलाया। दोनों ने अच्छा मौका जानकर नरेन्द्र का मर्डर करने की योजना बनाई। लडक़ी ने मैसेंजर से नरेन्द्र को कॉल करके कमरे पर बुला लिया। नरेन्द्र करीब 7.30 बजे शाम को कमरे में आया और अंदर वाले कमरे मे बेड पर बैठ गया। उसके आने से पहले आकाश बेड के नीचे छिप गया। नशे में घुत आकाश बेड पर लेट गया तो आकाश ने बेल्ट से उसका गला दबा दिया। लडक़ी ने उसके हाथ पकड़ रखे थे। नरेन्द्र की नाक से खून बहने लगा। इसके बाद आकाश ने उसके मुंह पर एक मुक्का मारा। मर्डर करने के बाद शव को पैरों से मोडक़र कट्टे में रख दिया।
नरेन्द्र की डेडबॉडी कट्टे में रखने के बाद रातभर दोनों वहीं रहे। शव को जंगल में ले जाने के लिए उन्हें स्कूटी की जरूरत थी, लेकिन उनके पास बाइक थी। सुबह आकाश अपनी बहन के घर गया। वहां से स्कूटी ली और तपोवन रोड पर आमवाला ननूरखेड़ा में एनसीसी के सामने जंगल में लगभग 200-300 मीटर अंदर गया। वहां उसने झाडिय़ों के पास गड्ढा खोदा। उसके बाद स्कूटी लेकर ढाकपट्टी गया। वहां से कट्टे में रखी नरेन्द्र की डेडबॉडी स्कूटी पर रखी और कट्टे के ऊपर पैर रखकर उसी जगह पहुंचा जहां गड्डा खोदा था और शव को गढढे मे दबा दिया। वह एक बार फिर वापस कमरे में पहुंचा और लडक़ी को लेकर शव दबाने वाली जगह उसे दिखाई।
दिल्ली और असम भागे
पकड़े जाने के डर से दोनों कुछ सामान और रुपये लेकर बस से हरिद्वार गये। एक दिन वहां रुक कर ट्रेन से दिल्ली गये और वहां से आसाम चले गये। जब उन्हें लगा कि किसी को पता नहीं चला है तो दोनों वापस देहरादून आ गये। इस बीच पुलिस को दोनों के वापस आने की सूचना मिल गई। आकाश की निशानदेही पर पुलिस ने ननूरखेड़ा के जंगल से नरेन्द्र का शव बरामद कर लिया। नरेन्द्र के परिवार वालों को बुलाकर शव की शिनाख्त करवाई गई है।