दून में सबसे ज्यादा एक्टिव केस, तीन जिलों में जीरो
देहरादून ब्यूरो। भले ही कोरोना संक्रमण की स्थिति वर्तमान में चिंताजनक न हो, लेकिन, पिछले एक सप्ताह से राज्य में कोरोना के मामलों में आंशिक तौर पर लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। आंकड़े बताते हैं कि राज्य में रोजाना आजकल 20 से लेकर 27 तक कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। इसमें दून में सबसे सबसे आगे है।
दून में पिछले दिनों कोरोना की स्थिति-8 जून--18
-10 जून---9
-11 जून---9
-12 जून---4
-13 जून---15
-14 जून---22 -8 जून--27
-10 जून---21
-11 जून---19
-12 जून---10
-13 जून---26
-14 जून---25 जिलेवार एक्टिव केस
दून---91
अल्मोड़ा--4
बागेश्वर--0
चमोली--5
चंपावत--0
हरिद्वार--7
नैनीताल--6
पौड़ी---3
पिथौरागढ़--0
रुद्रप्रयाग--3
टिहरी---4
यूएसनगर--8
उत्तरकाशी---12 एक नजर
-कुल पॉजिटिव--93058
-कुल ठीक हुए--89368
-वर्तमान में कुल एक्टिव--127
-कुल मौत---275
-कुल माइग्रेटेड पॉजिटिव केस--3288
-कुल निगेटिव--1369409
-कुल सैंपल---1462138 जिलेवार संक्रमितों की संख्या
अल्मोड़ा---4534
बागेश्वर---2089
चमोली---3209
चंपावत--1912
देहरादून--33323
हरिद्वार--13157
नैनीताल--11381
पौड़ी--5282
पिथौरागढ़--2560
रुद्रप्रयाग--2715
टिहरी---2381
यूएसनगर--8820
उत्तरकाशी--1670
जिलेवार मृतकों की संख्या
अल्मोड़ा---4
बागेश्वर---0
चमोली---3
चंपावत--1
देहरादून--174
हरिद्वार--25
नैनीताल--29
पौड़ी--18
पिथौरागढ़--4
रुद्रप्रयाग--2
टिहरी---5
यूएसनगर--5
उत्तरकाशी--5
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न मास्क, न सोशल डिस्टेंसिंग, न सेनेटाइजेशन
ऐसा लग लग रहा है कि अब लोग कोरोना को लेकर ब्रेफिक हो गए हैं। यही वजह है कि लोगों ने मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजेशन जैसे एहतियात बरतने से परहेज करना शुरू कर दिया है। घर से लेकर बाजारों और ऑफिसों तक कोरोना बचाव को लेकर किसी प्रकार की सावधानियां नहीं बरती जा रही हैं। सबसे ज्यादा बाजारों व पब्लिक प्लेसेस पर स्थिति देखी जा सकती है। जहां कोरोनो प्रोटोकॉल का पालन करना दूनाइट्स ने छोड़ दिया है। जानकारों के मुताबिक अब मास्क पहनने वाले लोगों की संख्या 5 परसेंट तक ही रह गई है। जबकि, सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजेशन तो भूल ही गए। खुद विभाग भी इस पर इनिसिएटिव नहीं ले रहे हैं। यहां तक कि अब तो सैंपलिंग सेंटर्स भी एकाध अस्पतालों को छोड़ दिया जाए तो बाकी लगभग बंद हो गए हैं।
अब कोरोना कम हो गया है। गर्मी ज्यादा होने के कारण मास्क पहनने में भी दिक्कत महसूस हो रही है। पहले चालान होते थे, मास्क पहनना जरूरी था। वैसे भी अब कोरोना वैक्सीनेशन करवा दिया गया है।
-पंकज भट्ट, स्टूडेंट हां, कोरोना केस कम हो गए हैं। लेकिन, मास्क इसलिए भी पहनने की कोशिश रहती है, क्योंकि धूल, पोल्यूशन से बचा जा सकता है।
-सूरज जोशी, स्टूडेंट
अब बाजार भी जाओ, कोई भी मास्क यूज करते हुए नहीं दिखता है। ऐसा लगता है कि अब कोरोना चला गया है। जिन शहरों में नए केस आ रहे हैं, वहां मास्क पर सख्ताई होनी चाहिए।
-संगीता, हाउस वाइफ