मानसून करीब, नालियों की सफाई दूर
- बरसात सिर पर है, नगर निगम नींद में है, बरसात में होगी फजीहत
- मानसून आने की उल्टी गिनती शुरू, सफाई का कहीं अता-पता नहीं
10 दिन में कैसे होगी सफाई
शहर में 100 वार्ड हैं। यहां 350 के लगभग छोटी-बड़ी नालियां बहती हैं। कहीं पक्के तो कहीं कच्चे नाले हैं। मानसून आने ही वाला है और सभी वार्डों में नालियां बजबजा रही है। इससे बारिश के दौरान पानी की निकासी कैसे होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। बारिश में नाले चोक होने पर एक्सीडेंट का खतरा रहता है। जरा भी ध्यान हटा तो सीधे नाले में चले जाएंगे। बीते कुछ वर्षों में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिससे नाले में बहने से किसी व्यक्ति या बच्चे की मौत हो गई हो। इसके बावजूद नगर निगम नालियों की नियमित सफाई को लेकर गंभीर नहीं है।
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत ईसी रोड, राजपुर रोड, सुभाष रोड, चकराता रोड, घंटाघर क्षेत्र में नालियों का निर्माण किया जा रहा है। नगर निगम का आरोप है कि सड़क किनारे बनाई जा रही नालियां सड़क से अधिक ऊंचाई पर हैं और ऊपर से स्लैब डालकर पूरी तरह ढक दी गई हैं। ऐसे में वर्षा जल की निकासी संभव नहीं है। बारिश का पानी सड़कों पर जमा होने की आशंका है। करोड़ों खर्च, नालियों की सफाई 50 परसेंट भी नहीं
राजधानी दून में नालियों की सफाई को लेकर नगर निगम बड़े-बड़े दावे करता रहा है। अलग-अलग फेज में छोटे बड़े नालों और नालियों की सफाई की बात कही गई, लेकिन ग्राउंड रियलिटी जीरो है। नगर निगम हर साल करीब तीन करोड़ रुपये खर्च कर दिए, लेकिन नालियों की सफाई 50 फीसदी भी पूरा नहीं हुआ। कुछ दिन हल्की बारिश में ही जलभराव की समस्या खड़ी हो गई थी। हर वार्ड में 10 से 15 हजार लोग रहते हैं।
चोक नालियों से सड़क पर बहता गंदा पानी
नालियों की सफाई नियमित रूप से होनी चाहिए। लेकिन बरसात के मौसम से पहले नालियों की सफाई आवश्यक है। नालियां चोक होने से सड़क पर गंदा पानी बहता है, जिससे बरसात में पैदल चलना दूभर हो जाता है।
धर्मिष्ठा भट्ट, सोशल एक्टिविस्ट
नरेश कुमार राठौर, व्यापारी सफाई के नाम पर पब्लिक को लूटा जा रहा है। टैक्स वसूली करके निगम लोगों से मोटा पैसा वसूलता है, लेकिन उसके अनुरूप पब्लिक को सुविधाएं नहीं दी जाती है। इसकी जांच की जानी चाहिए।
आरएस रौतेला, रिटायर्ड इंजीनियर बरसात में नालियां सिरदर्द बन जाती है। पिछली बार भी नालियों की सफाई न होने से कीचड़ सड़क पर बहा था, जिससे पैदल आवाजाही करनी मुश्किल हो जाती है। पब्लिक की सुविधाओं को निगम कतई गंभीर नहीं है।
संगीता देवी, गृहणी
शहर पर एक नजर
12 लाख के लगभग है दून की आबादी
280 के करीब है ड्रेनेज नालियां
55 छोटे-बड़े नाले हैं दून में
18 बड़े नाले रिस्पना, बिंदाल से जुड़े
40 लोग नाला गैंग में
100 वार्ड हैं दून नगर निगम में
15 हजार के लगभग रहते हैं हर वार्ड में लोग
500 मीटर के दायरे में कर्मचारी व्यवस्था फेल
03 करोड़ से अधिक नालियों की सफाई पर खर्च
मनुज गोयल, नगर आयुक्त
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