राजधानी के बीचोंबीच स्थित प्रिंस चौक या फिर अग्रसेन चौक। यहां से लेकर सहारनपुर चौक तक की दूरी तकरीबन 500 मीटर है। लेकिन सड़क के दाएं और बाईं ओर करीब एक दर्जन से अधिक गड्ढे आपको दिख जाएंगे। यहां हर मिनट में सैकड़ों वाहन गुजरते हैं। अब आप ही अंदाजा लगा सकतेे हैं कि शहर के बाकी इलाकों की सड़कों का क्या हाल होगा।

देहरादून (ब्यूरो) बेशक, मानसून सीजन में बारिश से सड़कों की दिशा व दशा बिगाड़ दी है। लेकिन, अब लगभग मानसून की विदाई तय मानी जा रही है। बावजूद इसके सड़कों की हालत सुधारने के लिए संबंधित विभागों की ओर से कोई प्रयास नजर नहीं आ रहा है। कम से कम राजधानी में तो यही हाल नजर आ रहे हैं। प्रिंस चौक से लेकर सहारनपुर चौक तक 500 मीटर के दायरे में दोपहिया से लेकर चार पहिया वाहन हिचकोले खाते हुए गुजर रहे हैं। जबकि, प्रिंस चौक वाली सड़क को सड़कों का आइना माना जाता है। हमारा भी फोकस यही है कि जब शहर के बीचोंबीच वाली सड़क के ये हाल हैं तो बाकी सड़कों पर क्या उम्मीद की जाती है।

बदहाल सड़कों के साइड इफेक्ट
-धूल-मिट्टी से एलर्जी व दमा की दिक्कत।
-वाहनों के शॉकर व अलाइनमेंट की प्रॉब्लम।
-वाहनों के टायर फटने की भी आ रही समस्या।
-वाहन वर्कशॉप वालों की चांदी।
-कमर दर्द व स्लिप डिस्क की समस्या।

सभी सड़कें 15 अक्टूबर तक गड्ढा मुक्त हों
सभी सड़कें 15 अक्टूबर तक गड्ढा मुक्त की जाएं। स्टेट में अतिवृष्टि से प्रभावित सभी क्षेत्रों में स्थिति सामान्य करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य हों। सचिव, विभागाध्यक्ष व सभी डीएम पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा करें। जो सड़कें अभी बंद हैं, उन्हें जल्द सुचारू किया जाए। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्यूजडे को ये निर्देश आपदा प्रबंधन व पुनर्वास विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिए। कहा, आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में सभी स्थितियां सामान्य बनाई जाएं।

dehradun@inext.co.in

Posted By: Inextlive