6 महीने से चोरी 15 लाख के मोबाइल बरामद
देहरादून ब्यूरो। दून के विभिन्न थानों में अक्सर मोबाइल खो जाने या चोरी हो जाने की शिकायतें दर्ज की जाती हैं। ऐसे सभी मामलों को पुलिस के साइबर क्राइम सेल को सौंप दिया जाता है। पिछले छह महीने के दौरान साइबर क्राइम सेल ने देहरादून में खोये गये मोबाइल फोन को रिकवर करने के बड़ी सफलता हासिल की। साइबर क्राइम सेल ने खोये हुए फोन सर्विलांस के माध्यम से, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड आदि राज्यों से 82 स्मार्ट मोबाइल फोन बरामद किये।
मालिकों को सौंपे फोनथर्सडे को एसएसपी देहरादून ने बरामद किये गये फोन उनके मालिक को सौंपे। संजय कुमार बडोनी, बनी राय, साहिल चौहान, अमित कैन्तुरा, राकेश और दिलखुश कुमार इस मौके पर अपने फोन लेने के लिए मौजूद थे। अपने खोये मोबाइल फोन वापस पाने पर सभी ने पुलिस टीम आभार जताया। बरामदगी : 82 स्मार्ट फोन
कीमत : 14,73,432 रुपये
फोन खरीदें तो रसीद रखें सुरक्षित
यदि आप स्मार्ट फोन खरीदते हैं और वह खो जाता है या चोरी हो जाता है तो ऐसी स्थिति पुलिस पुलिस केवल ऐसी स्थिति में मदद कर सकती है, जबकि आपके पास फोन का आईएमईआई नंबर उपलब्ध है। साइबर क्राइम सेल आईएमईआई नंबर को सर्विलांस पर लगा देती है। जब भी कोई व्यक्ति इस फोन पर कोई भी सिम लगाकर फोन चालू करता है कि सिम का नंबर ओर लोकेशन ट्रेस हो जाता है, फिर फोन चाहे कहीं भी हो। नंबर और लोकेशन ट्रेस होने के बाद पुलिस फोन को रिकवर कर लेती है।
एसएसपी ने कहा कि मोबाइल की रिकवरी के लिए पुलिस की साइबर क्राइम सेल में जो भी सूचनाएं मिलती हैं, पुलिस उन पर तत्परता से कार्रवाई करके मोबाइल जल्द से जल्द रिकवर करने का प्रयास करती है। पहले भी साइबर क्राइम सेल की टीम देहरादून ने गुम हुए मोबाइल फोन रिकवर कर उनके मालिक तक पहुंचा चुकी है।
अनजान से न खरीदें सेकेंड हैंड
एसएसपी ने कहा कि आमतौर पर कुछ लोग फोन चोरी करके या किसी का छूटा हुआ फोन अपनी कोई मजबूरी बताकर उस फोन को औने-पौने दाम पर किसी अनजान व्यक्ति को बेच देता है। ऐेसे में जब सर्विलांस के माध्यम से फोन ट्रेस होता है तो वह व्यक्ति फंसता है, जिसने सस्ते के लालच में फोन खरीदा था। एसएसपी ने लोगों को आगाह किया कि वे सस्ते के लालच में कभी भी किसी अनजान व्यक्ति से कोई मोबाइल फोन न खरीदें। कभी भी फोन खरीदना हो तो फोन को बिल और बेचने वाले की आईडी जरूरी अपने पास रख लें, ताकि फोन ट्रेस होने की स्थिति में असली अपराधी तक पहुंचा जा सके।