मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण एडीडीए ने दून को पहले की तरह हरा-भरा बनाने के लिए कमर कस ली है। प्राधिकरण की योजना सफल रही तो सड़कों के किनारे लोग आम लीची के साथ ही जामुन का स्वाद ले सकेंगे। एमडीडीए के वीसी बंशीधर तिवारी ने बताया कि बरसाती सीजन में शहर के अलग-अलग हिस्सों में एक लाख के करीब फलदार पौधे रोपे जाएंगे।

- एमडीडीए रोपेगा शहर में एक लाख आम, लीची और जामुन आदि फलदार पौधे
- पुराने पार्कों के सौंदर्यीकरण के साथ ही शहर में नए पार्कों का किया जाएगा निर्माण

देहरादून (ब्यूरो): ईस्ट कैनाल रोड के दोनों ओर जहां जामुन के पौधों का रोपण किया जायेगा वहीं अन्य जगहों पर आम, लीची के साथ ही जामुन आदि प्रजाति के पौधे रोपे जाएंगे। इसके अलावा शहर में पुराने पार्कों के जीर्णोद्धार के साथ ही नए पार्कों का निर्माण किया जाएगा। फिलहाल पार्कों के लिए 25 जगह आइडेंटीफाई की गई है। इन पार्कों को पूरी तरह ग्रीन फॉरेस्ट के रूप में डेवलप किया जाएगा।

एक लाख फलदार पौधों रोपे जाएंगे
एमडीडीए शहर की विभिन्न सड़कों पर एक लाख पौधा का रोपण करेगा। यह कार्य हरेला पर्व पर शुरू किया जाएगा, जो साल भर चलता रहेगा। एमडीडीए ने पहली बार इतने बड़े स्तर पर फलदार पौधे रोपने का निर्णय लिया है। पौधों का रोपण आईटी पार्क के पास स्थित पंचायती राज निदेशालय की जमीन के अलावा मोथरोवाला रोड, टीएचडीसी रोड, दून यूनिवर्सिटी रोड पर किया जाएगा ।

रोपे जाएंगे जामुन के पौधे
दून की आबोहवा पहले से ही जामुन के पेड़ों के लिए मुफीद रही है। अब एमडीडीए ने निर्णय लिया है कि शहर की ईसी रोड पर सर्वे चौक से लेकर आराघर पुलिस चौकी के पास तक सड़क के दोनों तरफ और अलावा ईस्ट कैनाल रोड के दोनों ओर जामुन के पौधों का रोपण किया जायेगा।

25 नए पार्क होंगे डेवलप
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने बताया कि शहर में 25 स्थान ऐसे चिन्हित किये गए हैं जहां पर नवीन पार्कों का निर्माण किया जाएगा। बताया कि इनकी सूची तैयार कर ली गई है और प्राधिकरण के उद्यान विभाग को इस पर कार्य के लिए निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।

सिटी पार्क का प्राकृतिक नाला संवरेगा
सहस्रधारा रोड पर हेलीपैड के ठीक सामने एमडीडीए ने अपनी महत्वकांक्षी 'सिटी पार्क योजनाÓ पर काम शुरू कर दिया है। वर्तमान में यहां सिविल के कार्य हो रहे हैं, जिसके बाद लैंडस्केप आदि के कार्य होंगे। बताया कि पार्क के बीचों-बीच एक प्राकृतिक नाला गुजर रहा है, जिसका भी सौन्दर्यकरण किया जाएगा। प्रयास है कि इस पर समान छोटे छोटे चेक डैम बनाए जाएं, जिसमें टयूबवेल के जरिये वाटर सप्लाई की जा सके। योजना को सहस्रधारा की तर्ज पर डेवलप करने की योजना है।

हरित दून का सपना हो पूरा
राजधानी दून को हरित दून के नाम से जाना जाता है, लेकिन शहर से हरियाली पूरी तरह से गायब हो गई है। यदि एमडीडीए ने हरियाली लौटने की योजना बनाई है, तो यह अच्छी पहल है।
सुभाष चंद्र चमोली, सोशल एक्टिविस्ट

पर्यावरण के लिए पेड़-पौधों का होना जरूरी है। लेकिन जिस तरह से शहर का विकास हो रहा है और पेड़ों का सफाया हो रहा है उसके अनुरूप पेड़ों का रोपण नहीं किया जा रहा है। इस मायने में एमडीडीए का यह प्रयास अच्छा है।
किशन लाल, रिटायर्ड इंजीनियर

दून को देश ही नहीं, बल्कि विदेाशें में भी जाना जाता है, लेकिन कंक्रीट के जंगल देखकर टूरिस्ट आकर मुंह मोड़ हरे हैं। ऐसे समय में एमडीडीए शहर की हरियाली लौटाने की योजना में हम सभी शहरवासी भी सहयोग करेंगे।
अनंत आकाश, सचिव कालिंदी एनक्लेव

पार्क शहर की सुंदरता होते हैं, लेकिन शहर में यह सुंदरता गायब सी है। जहां कहीं पार्क हैं भी वह मेंटेनेंस के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। पुराने पार्कों के जीर्णोद्धार और नए पार्कों के निर्माण से हरियाली फिर लौटाई जा सकती है।
मुकेश भट्ट, डायरेक्टर, देवभूमि किसान विकास निधि लिमिटेड

हरियाली के दायरे को बढ़ाने के लिए अलग-अलग योजनाएं शुरू की जा रही है। शहर भर में जहां एक लाख फलदार पौधों का रोपण किया जाएगा वहीं पुराने पार्कों के जीर्णोद्धार किया जाएगा। साथ ही नए पार्कों का निर्माण करके शहर को हरा-भरा बनाया जाएगा।
बंशीधर तिवारी, वीसी, एमडीडीए
DEHRADUN@inextco.in

Posted By: Inextlive