ओटीएस स्कीम बंद होने के बाद एमडीडीए ने शमन कैंप लगाकर नक्शे स्वीकृत करने की जो स्कीम चलाई है। उससे जहां लोगों को राहत मिल रही है वहीं एमडीडीए को भी शमन शुल्क के रुप में बड़ी आय हो रही है।

- 5 शमन कैंप किए गए हैं अब तक आयोजित
- ओटीएस स्कीम बंद होने के बाद शमन कैंप पहुंचा रहे लोगों को बड़ी राहत

देहरादून (ब्यूरो): प्रत्येक शनिवार को एमडीडीए में लगने वाले शमन कैंप में आवासीय और गैर आवासीय सभी तरह के नक्शे स्वीकृत किए जा रहे हैं। खास बात यह है कि अब तक महज 5 शमन कैंप आयोजित किए गए हैं, जिसमें 12.25 करोड़ रुपये बतौर शुल्क के रुप में एमडीडीए को मिला है। इससे पहले एमडीडीए को कभी इतना राजस्व किसी भी स्कीम में नहीं मिला है। कैंप की खासियत यह है कि इसमें जेई से लेकर सचिव और वीसी तक सबके सब मौजूद रहने से लोगों को हाथों-हाथ नक्शा पास करने की सुविधा मिल रही है।

नए सर्किल रेट पर नक्शे स्वीकृत
शमन कैंप में हर तरह के नक्शे स्वीकृत हो रहे हैं। घरेलू हो या कॉमर्शियल भवन, सभी तरह के नक्शों को शमन कैंप में माध्यम से निस्तारित किया जा रहा है। नए नियमों के तहत ही नक्शे पास किए जा रहे हैं। इसमें नियमों में शिथिलीकरण की कोई गुंजाइश नहीं है। नए सर्किल रेट पर सेटलमेंट किया जा रहा है।

घर बैठे भी नक्शा पास करने की सुविधा
शमन कैंप में आप यदि एमडीडीए दफ्तर नहीं पहुंच सकते हैं तो आप आर्किटेक्ट के माध्यम से ऑनलाइन आावेदन कर सकते हैं। इसके बाद भूमि के लैंडयूज आदि की जांच करके आपको फोन और ई-मेल के जरिए पैसा जमा करने के लिए इनफॉरमेशन भेजेगा। जिसे ऑन लाइन ट्रांजेक्टशन के साथ ही आरटीजीएस या डीडी के माध्मय से एमडीडीए के खाते में जमा करा सकते हैं। इसके बाद तत्काल नक्शा पास हो जाएगा।

ऋषिकेश और विकासनगर में लगेंगे कैंप
नक्शों के त्वरित निस्तारण के लिए एमडीडीए के वीसी बंशीधर तिवारी के निर्देश पर हर सैटरडे को शमन कैंप जोन वाइज लगाए जा रहे हैं, दून के सभी 12 सेक्टरों में कैंप में शामिल हो गए हैं। अब विकासनगर और ऋषिकेश में कैंप आयोजित किए जाएंगे, ताकि लोगों को परेशानी न उठानी पड़े।

150 से ज्यादा मामले निस्तारित
अब तक 150 से अधिक नक्शों को शमन कैंप के माध्मय से निस्तारित किया गया है। ये नक्शे लंबे समय से विभिन्न काराणों के चलते रुके हुए थे। एक कैंप में करीब 20 से 30 नक्शे पास किए जा रहे हैं। जिनमें प्रत्येक कैंप में एक करोड़ से ऊपर का राजस्व एमडीडीए को मिल रहा है। अब तक 4 कैंप लग चुके हैं, जिसमें आवेदकों से 5 करोड़ रुपये से अधिक बतौर शुल्क के रूप में एमडीडीए को मिले हैं। बीते शनिवार के कैंप में अभी तक सबसे अधिक 7.25 करोड़ रुपये बतौर शुल्क के रुप में एमडीडीए को मिला।

वीसी के निर्णय ने दी एमडीडीए को नई उड़ान
एमडीडीए ने पिछले साल दो माह के लिए वन टाइम सेटलमेंट ।ओटीएस) स्कीम लागू की थी। इसमें नियम शिथिलीकरण किया गया था। पुराने सर्किल रेट पर नक्शों का सेटलमेंट किया जाता था। इसमें अपनाई जा रही प्रक्रिया में काफी वक्त भी लगता था। सितंबर 2022 में ओटीएस स्कीम बंद कर दी गई। जिसके बाद एडीडीए के पास कोई योजना नहीं थी। नए वीसी बंशीधर तिवारी ने आते ही शमन कैंप लगाकर नक्शे पास करने का जो निर्णय लिया, वह न केवल पब्लिक को राहत पहुंचा रहा है, बल्कि एमडीडीए के राजस्व को भी नई ऊंचाई दे रहा है।

12.25 करोड़ मिला 5 शमन कैंपों में बतौर शुल्क
- 1.60 करोड़ राजस्व मिला पहले कैंप में
- 1.20 करोड़ दूसरे कैंप में
- 1.08 करोड़ तीसरे और
- 1.12 करोड़ चौथे कैंप में
- 7.25 करोड़ मिले पांचवें कैंप में

वर्तमान में एमडीडीए के पास कोई स्कीम नहीं थी। लोग नक्शे पास कराने को लंबे समय से दफ्तर के चक्कर लगा रहे थे। तब हमने शमन कैंप लगाने का निर्णय लिया। इससे जहां लोगों को तत्काल नक्शे पास कराने की सुविधा मिल रही है वहीं एमडीडीए को भी शुल्क के रूप में बड़ा राजस्व मिल रहा है।
बंशीधर तिवारी, वीसी, एमडीडीए
dehradun@inext.co.in

Posted By: Inextlive