कहने के लिए राजधानी दून में महान विभूतियों या फिर रियल हीरोज के नाम पर कई चौक-चौराहों नामकरण किया गया है। लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार के जिम्मेदार विभाग मजाक में ले रहे हैैं। यहां तक कि शहर के ऐसे चौक-चौराहों पर विभूतियों व हीरोज के नामों की पट्टिकाओं तक की बेकद्री हो रही है।

देहरादून (ब्यूरो) दून शहर में करीब 49 चौक-चौराहे हैं। इनमें कई ऐसे चौराहे हैं, जिनका नाम महान विभूतियों, प्रतिष्ठित जनप्रतिनिधियों या फिर देश के लिए मर-मिटने वाले रियल हीरोज के नाम पर किए गए हैं। बाकायदा, इसके लिए विभागों ने मंत्री, विधायक व जनप्रतिनिधियों की नेम प्लेट लगाकर उनके नाम पर चौक-चौराहों तक का नामकरण करते हुए क्रेडिट लिया। लेकिन, ऐसा लगता है कि ये सब कुछ वोट बैंक के लिए महज औपचारिकता थी। अब सच्चाई कुछ और है। चौक-चौराहों का नामकरण कर दिया गया। लेकिन, अब इनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है। ऐसे चौक चौराहे पर नाम पट्टिकाएं धूल फांक रही हैं। कहीं पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमाया हुआ है। इनको देखने के बाद साफ महसूस हो रहा है कि ये सरासर रियल हीरोज व विभूतियां का अपमान जैसा है। जिनके नाम के चौक-चौराहों पर पट्टिकाओं लगा दी गईं और गुमनाम कर दिया गया है।

कारगी चौक
हाईवे पर मौजूद कारगी चौक पर 12 दिसंबर को तत्कालीन मेयर विनोद चमोली ने उत्तराखंड के पहले सीएम नित्यानंद स्वामी के नाम पर किसान चौक का शिलान्यास किया था। लेकिन, आप ही देखिए, इस शिलापट्ट के क्या हाल हैं। बगल में पुलिस चौकी है और अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमाया हुआ है। जबकि, जिम्मेदार नगर निगम ने इस बारे में जरा भी नहीं सोचा।

प्रिंस चौक
इस चौक को अग्रसेन चौक के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन, सामने प्रिंस होटल होने के कारण हर किसी के जुबां पर प्रिंस चौक ही सुना जाता है। इसकी वजह ये रही है कि इस चौक का प्रचार-प्रसार नहीं हो पाया। वहीं, चौक पर मौजूद प्रतिमा की साफ-सफाई भी नगर निगम या फिर एमडीडीए की तरफ से नहीं की गई। इसी कारण ये चौक अग्रसेन के नाम पर गुमनाम सा हो गया है।

वीर सावरकर चौक
सहारनपुर रोड, नियर आईएसबीटी। इस छोटे से चौक पर वीर सावरकर चौक नाम से एक फ्लेक्स देखा जा सकता है। जिसको वीर सावरकर संगठन की ओर से स्थापित किया गया है। लेकिन, यहां पर भी ये चौक असल में किस नाम से पहचान रखता है, स्थानीय लोगों को भी इसकी जानकारी नहीं है। जहां पर फ्लेक्स स्थापित किया गया है, उसके सामने टूट-फूट है।

महाराणा प्रताप की प्रतिमा बदहाल
चौक-चौराहों के साथ महान विभूतियों की प्रतिमाओं को भी जिम्मेदार मानो भूल गए हों। दून के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले आईएसबीटी के सामने महाराणा प्रताप की प्रतिमा मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की ओर से वर्षों पहले स्थापित की गई थी। हालांकि, प्रतिमा को सेफ रखने के लिए गेट पर ताला लटका हुआ है। लेकिन, जिस स्थान पर प्रतिमा है, उसके चारों ओर घास-फूस व झाडिय़ां विभाग की नजरअंदाजी को बयां करने के लिए काफी है। बताया जा रहा है कि एमडीडीए इस प्रतिमा के चारों ओर मौजूद पार्क को डेवलेप करने की तैयारी कर रहा है। जिसके लिए बजट भी आवंटित किया गया है। लेकिन, ये भी सच है कि प्राधिकरण का ये प्रोजेक्ट लंबे समय से चल रहा है और अब तक धरा पर नहीं उतर आया है।


इसकी जानकारी नगर निगम को नहीं है। इस बारे में दिखाया जाएगा। अगर, कहीं पर ऐसी समस्या या फिर अतिक्रमण किया गया तो उसको निगम की ओर से ठीक करने की कोशिश की जाएगी।
-बीर सिंह बुदियाल, अपर नगर आयुक्त

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Posted By: Inextlive