Dehradun News: जनवरी से अब तक 143 करोड़ गंवाए
देहरादून,ब्यूरो: अब इसको ज्ञान का अभाव कहें या फिर लालच बुरी बला। खैर जो भी हो, लेकिन उत्तराखंड जैसे देवभूमि के लोग भी साइबर फ्रॉड के फेर में लगातार फंसते जा रहे हैं। अंदाजा इस बात से आप लगा सकते हैं कि इस वर्ष जनवरी से लेकर 11 नवंबर तक दून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर और नैनीताल जनपद के लोगों ने साइबर फ्रॉड के चक्कर में करीब 143 करोड़ रुपए गंवा दिए हैं। सुरक्षा एजेंसियों की आशंका ये है कि कहीं ये आंकड़ा डेढ़ करोड़ का रिकॉर्ड पार न कर दे। यही कारण है कि ऐसे फ्रॉड को लेकर एसटीएफ के साइबर थाने, पुलिस की साइबर सेल लोगों से बार-बार अपील कर रही है। वे साइबर फ्रॉड के चक्कर में फंसने से पहले भलीभांति जांख परख लें। यही नहीं, अब तो डिजिटल युग में डिजिटल अरेस्टिंग भी सामने आ रहा है। जिसमें अब तक करीब 11 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
कुछ तो चुप्पी साध लेते हैैं
कहते हैं कि आंकड़े कभी झूट नहीं बोलते। इस वर्ष जहां अब तक 143 करोड़ रुपए का साइबर फ्रॉड सामने आया है। वहीं, ये आंकड़े केवल वही दर्ज हैं, जो एसटीएफ के पास 10 लाख से ऊपर के पहुंचे हैं। बात जब छोटी अमाउंट की करें या फिर स्थानीय पुलिस के पास पहुंचने वाली शिकायतों की करें तो शायद साइबर फ्रॉड का आंकड़ा सबको चौंका सकता है। जानकार तो ये भी बताते हैं कि कई ऐसे छोटे मामले होते हैं। जिनकी शिकायत पुलिस या फिर एसटीएफ तक भी नहीं पहुंची। इसकी भी वजह है कि कुछ लोग पुलिस के चक्कर में नहीं पड़ते और कुछ बदनामी के डर से चुप्पी साधने में ही भलाई समझते हैं।मिडिल एज के लोग फिलहाल सेफएसटीएफ और पुलिस पहले ही साफ कर चुकी है कि साइबर फ्रॉड के चक्कर में फंसने वालों की संख्या सबसे ज्यादा 20 से 25 वर्ष, रिटायर्ड सीनियर सिटीजन और कुछ बिजनेसमैन शामिल होते हैं। मिडिल एज ग्रुप के लोग अपने करियर की तलाश में ऐसे चक्कर में पडऩे से बचती है।सवा 10 महीने, 2.11 लाख से ज्यादा क्वेरीज
साइबर फ्रॉड के मामले में हमने आपको गंवाए जा चुके रकम की जानकारी दे दी है। लेकिन, अब हम एसटीएफ को 1930 पर प्राप्त होने वाले फोन कॉल्स के बारे बात करते हैं। आंकड़ों के मुताबिक करीब सवा 10 महीनों के दौरान 2 लाख 11 हजार 290 फोन कॉल्स क्वेरीज से संबंधित प्राप्त हुईं। इनमें भी अगस्त व अक्टूबर महीने ऐसे माह रहे। जिनमें में क्रमश: 2200 से ज्यादा फोन एसटीएफ को प्राप्त हुईं। ऐसे ही जुलाई में 2175, जनवरी में 2058 और सितंबर महीने में 2059 फोन कॉल्स एक्सेप्ट की गईं।साइबर फ्रॉड पर एक नजरवर्ष 2024-211290कॉल्स रिसीव-20390शिकायतें डिस्पोज-143करोड़ साइबर फ्रॉड में गंवाए-25.40करोड़ किए जा सके रिकवर-117करोड़ रुपए अभी भी फंसे(ये आंकड़ा जनवरी से नवंबर 11 तक का शामिल.)सितंबर में 30 करोड़ गवांएबात जब साइबर फ्रॉड की हो तो एसटीएफ साइबर थानों को प्राप्त शिकायतों में जनवरी से लेकर 11 नवंबर तक करीब 143 करोड़ साइबर फ्रॉड के चक्कर में गंवाने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसमें सबसे ज्यादा सितंबर महीने में पूरे स्टेट में 30 करोड़ रुपए लोगों ने गंवाए। जबकि, मई में 14, अक्टूबर में भी 14 और अगस्त महीने में भी लोगों ने अपने 14 करोड़ गंवाए हैं। हां, जनवरी व फरवरी के महीने में क्रमश: 9 व 7 करोड़ रुपए लोगों ने गंवाए।महीना--फोन कॉल्स--पैसे गंवाए--रिकवरजनवरी--2058--9 करोड़--89 लाखफरवरी--1952--7--75 लाखमार्च--1789--12--1.2 करोड़अप्रैल--1412--7--88 लाखमई--1999--14--1.3 करोड़जून--1808--11--6.59 करोड़जुलाई--2175--15--1.66 करोड़अगस्त--2226--14--1.44 करोड़सितंबर--2059--30--8.61 करोड़अक्टूबर--2226--14--1.70 करोड़नवंबर--686--4--50 लाखटॉप-4 महीने, जब लोगों ने गंवाए करोड़ोंसितंबर --30 करोड़मई--14 करोड़अगस्त--14 करोड़अक्टूबर--14 करोड़टॉप-बॉटम महीनेजनवरी--9 करोड़फरवरी--7 करोड़अप्रैल--7 करोड़
जून--11 करोड़10 से 20 लाख तक के सबसे ज्यादा केसबेशक, दून समेत उत्तराखंड में साइबर फ्रॉड के केस बढ़ रहे हैं और ये फ्रॉड अब 3 करोड़ तक पहुंच चुका है। लेकिन, एसटीएफ के आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष सबसे ज्यादा 25 मामले 10 से 20 लाख तक के सामने आए हैं। ऐसे ही 20 से लेकर 30 लाख तक के 19 और 30 से लेकर 40 लाख तक के 17 मामले सामने आए हैं। जानकारों का ये भी तर्क है कि लोग ऐसे मामलों में रिस्क उठाने से डरते तक नहीं हैं।जिनके साथ ऐसी घटना होती है। वे डिप्रेशन में जाते हैं। ऐसा ही घटना जोशीमठ के एक परिवार के साथ भी हुआ है। उनके 10 लाख साफ कर दिए गए। मामला राजपुर रोड का है। हमारी सभी साइबर फ्रॉड के विक्टिम से अपील है कि हम उनकी फ्री काउंसिलिंग करेंगे कि उनको पुलिस से भी मदद मिले।-डॉ। मुकुल शर्मा, वरिष्ठ मनोचिकित्सक.
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