दून में वर्किंग वुमेन के बच्चों की देखभाल के लिए बनाया गया एकमात्र डे केयर सेंटर तक सरकार नहीं चला पाई। दून के एकमात्र वात्सल्य डे केयर सेंटर पर ताला पड़ा हुआ है। सरकार की अनदेखी और विभागों की लापरवाही के चलते डे केयर सेंटर बंद होने के कगार पर है। सेंटर का संचालन एक कंपनी को सौंपा गया था बताया जा रहा है कि सात महीने से सेंटर के संचालन के लिए कंपनी को बजट नहीं मिला और कंपनी ने इसका संचालन छोड़ दिया।

देहरादून (ब्यूरो) कामकाजी महिलाएं जिनके घर में उनके छोटे बच्चों को संभालने के लिए कोई नहीं होता, उनके लिए स्मार्ट सिटी की ओर से सर्वे चौक पर वात्सल्य डे केयर सेंटर बनाया गया। जहां 6 महीने से 6 साल तक की उम्र के बच्चों की देख रेख की सुविधा थी। यहां बच्चों के खेलने के लिए खिलौने, झूले और सोने के लिए बेड भी लगाए गए हैं तो वहीं बच्चों को रिफ्रेशमेंट भी मुहैया कराया जाता था। कुछ बच्चे स्कूल के बाद से यहां रहते थे, उनके पैरेंट्स रात को उन्हें लेकर चले जाते थे।

खानापूर्ति के लिए आंगनबाड़ी से संचालन
संबंधित विभागीय अधिकारियों के अनुसार इन दिनों आंगनबाड़ी के कुछ बच्चों को यहां रखा जाता है। लेकिन, ये बच्चे भी कभी कभार पहुंचते हैं। जो सुबह 7 से 10 बजे तक रहते हैं।

विभाग के तर्क
टेंडर प्रक्रिया खत्म होने के विज्ञप्ति जारी की गई है। डे केयर सेंटर में वर्कर और हेल्पर नियुक्त किए जाएंगे। विभागीय बजट न होने के कारण प्रशासन की ओर से एक साल के लिए टेंपररी व्यवस्था की गई थी। लेकिन, अब नियुक्ति के बाद ही आगे का संचालन हो पाएगा। फिलहाल आंगनबाड़ी के साथ अटैचमेंट किया गया है।

अब तक यहां स्टाफ मौजूद नहीं है। स्टाफ की नियुक्ति के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। फिलहाल एक अटैचमेंट व्यवस्था की गई है। जिसके बाद वर्कर और हेल्पर नियुक्त किया जाएगा। फिर इसका संचालन सुचारू हो जाएगा। :-
जितेन्द्र कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास विभाग

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Posted By: Inextlive