फिर 'झटकाÓ देने की तैयारी में बिजली
- 650 करोड़ के घाटे का दिया ऊर्जा निगम ने हवाला
- ऊर्जा निगम की बोर्ड बैठक में 7.7 प्रतिशत बिजली की दरें बढ़ाने पर लगी मुहर
घाटे का दिया हवाला
ऊर्जा निगम ने करोड़ों के घाटे की भरपाई को बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव तैयार किया है। नियामक आयोग के निर्णय के बाद ही प्रस्ताव लागू हो सकेगा। ऊर्जा निगम के अफसरों ने बताया कि ऊर्जा निगम ने अपने तमाम खर्चे खुद वहन करते हुए प्रदेश में निर्बाध आपूर्ति को हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, बीते पांच साल में निगम को 620 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। महंगी बिजली खरीद के कारण निगम पर वित्तीय भार भी खासा बढ़ा है।
पिछले साल हुई थी 2.68 प्रतिशत बढ़ोत्तरी
वित्तीय वर्ष 2022-23 में बिजली के बिल में तीसरी बार इजाफा होने जा रहा है। हर वर्ष की भांति अप्रैल में भी ऊर्जा निगम ने दर में इजाफा किया था। तब नियामक आयोग ने बिल में 6.65 प्रतिशत की वृद्धि की थी। इसके बाद बीते सितंबर माह में ऊर्जा निगम के 13 प्रतिशत की वृद्धि की याचिका का अध्ययन कर आयोग ने 3. 85 प्रतिशत सरचार्ज वृद्धि की अनुमति दी थी।
यदि टैरिफ मे वृद्धि होती है, तो बिजली के बिल में घरेलू उपभोक्ताओं को एक वर्ष के भीतर 40 से 70 पैसे तक प्रति यूनिट अधिक देने होंगे। इससे प्रदेश के करीब 24 लाख उपभोक्ता प्रभावित होंगे। इस साल 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने वालों पर 26 पैसे प्रति यूनिट का भार बढा, जबकि 200 यूनिट वालों को 51 पैसे, 400 यूनिट वालों को 71 पैसे, कॉमर्शियल को 1.02 रुपये, एलटी उद्योग को 96 पैसे, एचटी उद्योग को 1.11 रुपये प्रति यूनिट अतिरिक्त भार बढा है।
प्रस्ताव पर ऐसे होगी कार्रवाई
-अभी दरें बढऩे में साढ़े तीन महीने का है वक्त, 1 अप्रैल से होंगी नई दरें लागू
-ऊर्जा निगम से प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को भेजा जाएगा
-प्रस्तावित दरों पर ऊर्जा निगम नियामक आयोग के सम्मुख रखेगा पक्ष
-दरें बढ़ाने से पूर्व बिजली उपभोक्ताओं की राय लेगा यूईआरसी
-जन सुनवाई के बाद यूईआरसी लेगा अंतिम फैसला
-गढ़वाल और कुमाऊं के क्षेत्रों में लगाए जाएंगे सुनवाई के लिए कैंप
-1 अप्रैल 2023 से लागू होंगी बिजली बढ़ोत्तरी की दरें
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तो व्यापारी करेंगे सरकार का विरोध
महानगर व्यापार प्रकोष्ठ की बैठक में निर्णय लिया कि यदि प्रदेश में आगे बिजली के रेट बढ़े तो व्यापारी इसका कड़ा विरोध करेंगे। मंगलवार को प्रकोष्ठ की बैठक डिस्पेंसरी रोड स्थित कार्यालय में हुई। व्यापारियों ने कहा कि बिजली के रेट करीब आठ फीसदी बढ़ाने के प्रस्ताव की जानकारी मिल रही है। जो छोटे व्यापारियों पर और आर्थिक बोझ डालने जैसा निर्णय है। प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुनील कुमार बांगा ने कहा कि व्यापारियों में आक्रोश है कि बिजली के रेट बढऩे से महंगाई और बढ़ जाएगी। आमजन के घरों व दुकानों की बिजली महंगी हो जाएगी। पहले ही व्यापारी अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए मुश्किलों का सामना कर रहा है। बिजली के रेट बढऩे पर बैटरी से चलने वाले सार्वजनिक वाहनों का किराया भी बढ़ जाएगा। व्यापारी और आम जनता पर इसका असर पड़ेगा। बैठक में व्यापारी शेखर कपूर, राम कपूर, अजीत ङ्क्षसह, परवीन बांगा, राहुल कुमार, सुरेश गुप्ता, मनोज मेहंदी, अरुण कोहली, राजेंद्र ङ्क्षसह नेगी, राजेंद्र ङ्क्षसह घई, इमरान, विशाल, चमन लाल मौजूद रहे।
बिजली बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को निगम बोर्ड की बैठक में रखा गया। बीओडी के मिनट्स आने के बाद भी इस बारे में स्पष्ट जानकारी दे पाएंगे। अभी कोई दाम नहीं बढ़ रहे हैं। यूईआरसी को इस पर निर्णय लेना है।
अजय अग्रवाल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर एवं मीडिया प्रभारी, ऊर्जा निगम
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