देहरादून में मोहकमपुर रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे एक भरी-पूरी सब्जी मंडी चल रही है और इसके साथ ही खाने-पीने के कई स्टॉल भी चल रहे हैं। यह जमीन नेशनल हाईवे अथॉरिटी की है लेकिन नगर निगम का पूरा दखल है। चालान के नाम पर नगर निगम के कर्मचारी हर महीने फ्लाई ओवर के नीचे पहुंचते हैं और पॉलीथिन इस्तेमाल करने जैसे कई दूसरे मामलों में हर एक का 200 रुपये का चालान काट लेते हैं। आरोप यह भी है कि पुलिस वाले भी हर महीने यहां सब्जी या खाने-पीने की ठेली-रेहड़ी लगाने वालों से 200 रुपये वसूलती है। यहां स्टॉल और ठेली-रेहड़ी लगाने वाले लोग इस किराया मानकर चुपचाप दे देते हैं।

देहरादून ब्यूरो। आरओबी के नीचे दो दर्जन से ज्यादा सब्जी और खाने-पीने के स्टॉल लगे हुए हैं। लोगों ने अपना एक प्रधान भी बनाया है, जो नगर निगम और यहां के दुकानदारों के बीच की कड़ी का काम भी करता है। यहां दुकानें लगाने वाले लोग देश के अलग-अलग हिस्सों के रहने वाले हैं। हालांकि हाल में उन्हें बताया गया था कि यहां एमडीडीए की ओर से कुछ निर्माण होगा। इससे ये लोग चिन्तित हैं।

एक हिस्से में पार्किंग
यहां एक हिस्से में पार्किंग भी बनाई गई है। हालांकि यहां पेड पार्किंग नहीं है। अजबपुर आरओबी की तरह यहां किसी हॉस्पिटल या होटल वाले ने पार्किंग के लिए कब्जा भी नहीं किया हुआ है। वाहन चालक यहां बिना पैसा दिये पार्किंग कर सकते हैं।

कंस्ट्रक्शन मेटेरियल के भी ढेर
फ्लाईओवर के एक हिस्से में कंस्ट्रक्शन मेटेरियल भी काफी मात्रा में रखा हुआ है। बताया गया कि यह किसी सरकारी विभाग है। इसमें रेत, रोडिय़ां सडक़ पर लगाई जाने वाली टाइल्स आदि हैं। दुकानदारों ने बताया कि नगर निगम ने यहां वेंडिंग जोन बनाने के लिए एक बैनर भी लगाया था, लेकिन बाद आगे बढऩे से पहले कोविड लॉकडाउन हो गया और यह मामला आगे नहीं बढ़ पाया। हालांकि एनएचआई की जमीन में नगर निगम कैसे वेंडिंग जोन बना सकता है, यह नहीं मालूम।

क्या कहते हैं लोग
मैं यहां गन्ने की रस की रेहड़ी लगाता हूं। नगर निगम के कर्मचारी बीच-बीच में आकर साफ-सफाई रखने की हिदायत दे जाते हैं। कभी-कभी 200 रुपये का चालान भी करते हैं। यहां कोई परेशान नहीं करता।
किशोर कुमार

कुछ लोग पॉलीथिन आदि के इस्तेमाल करते हैं। कुछ और भी कमियां रहती हैं, जिसका नगर निगम वाले चालान करते हैं। हमारी मांग है कि यहां साफ-सुथरा वेंडिंग जोन बनाया जाए और हमें स्थाई लाइसेंस दिये जाएं।
-देवेन्द्र सिंह, प्रधान

फिलहाल हम लोगों के पास टेंपरेरी लाइसेंस हैं। पक्के लाइसेंस देकर हमें स्थाई स्टॉल दिये जाने चाहिए। ऐसा न होने के कारण कुछ लोग मनमानी करते हैं। कुछ लोग ने इस तरह की मनमानियों के चलते स्टॉल छोडक़र चले गये हैं। ये हम लोगों की रोजी-रोटी का सवाल है।
सुरेन्द्र सिंह खत्री

हमसे कोई पैसे नहीं लेता। कभी कभी नगर निगम वाले चालान काटते हैं। यहां हमें स्थाई रूप से स्टॉल मिलने चाहिए, ताकि निश्चिन्त होकर रोजी-रोटी की व्यवस्था कर सकें। अभी तो यही चिन्ता लगी रहती है कि पता नहीं कब हमें यहां से हटा दिया जाएगा।
ईशरो देवी

Posted By: Inextlive