राजधानी दून व आस-पास के क्षेत्रों में जमीनों के धोखाधड़ी के सैकड़ों मामले हैं. यहां सरकारी ही नहीं प्राइवेट लैंड भी माफिया आसानी से कब्जा रहे हैं. ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. दून-पांवटा हाइवे का चौड़ीकरण की प्रोसेसिंग चल रही है.

देहरादून, (ब्यूरो): राजधानी दून व आस-पास के क्षेत्रों में जमीनों के धोखाधड़ी के सैकड़ों मामले हैं। यहां सरकारी ही नहीं प्राइवेट लैंड भी माफिया आसानी से कब्जा रहे हैं। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दून-पांवटा हाइवे का चौड़ीकरण की प्रोसेसिंग चल रही है। कई माफिया ग्राम समाज की भूमि पर प्लॉटिंग कर जमीन खुर्द-बुर्द करने में जुटे हैं। कई खसरा नंबर बदल कर दूसरी जगह कब्जा दे देते हैं और भोले-भाले लोग फंस जाते हैं। शीशबाड़ा में माफिया लोगों को गुमराह करके जमीन हड़पने का काम कर रहे हैं। पता चलने पर लोगों ने जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।

मुआवजा दिलाने का दिया झांसा
भू-माफिया जमीन कब्जाने के लिए किस तरह लोगों को जाल में फंसा रहे हैं। उसकी बानगी हैरत में डाल देगी। नागेंद्र सिंह रावत ने बताया कि भू-माफिया लोगों को गुमराह कर रहे उनकी जमीन कब्जा रहे हैं। वह एक दर्ज से अधिक लोगों की जमीन कब्जा चुके हैं। बताया कि माफिया उनकी जमीन सड़क चौड़ीकरण में कटने पर मुआवजे के लिए रजिस्ट्री ले ली। उन्हें धोखाधड़ी की जानकारी नहीं थी, तो उन्होंने रजिस्ट्री दे दी, इसके कुछ दिन बाद माफिया ने जमीन पर अपना बोर्ड लगा दिया, जिससे वह परेशान हैं। इसमें 200 वर्गमीटर से लेकर आधा-आधा बीघा जमीन तक शामिल है।

रजिस्ट्री लेकर कर दिया कब्जा
बताया गया कि माफिया ने पहले लोगों से प्लॉट्स की रजिस्ट्री सड़क मुआवजे के नाम पर अपनी पास ली। कुछ समय बाद पता चला कि उनकी बाद में प्लाटों पर 5-6 फीट ऊंची दीवारें लगा दी और साथ ही अपने नाम का भी बोर्ड लगा दिया। जब इस बारे में उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि यह जमीन उनकी है। उनके रजिस्ट्री दूसरे खसरे में दर्ज है।

मकान बनाने पहुंचे, प्लॉट पर मिला कब्जा
रजिस्ट्री देने के बाद लोग अब माफिया के आगे-पीछे घूम रहे हैं। पीडि़तों ने राजेंद्र सिंह रावत नाम के एक व्यक्ति पर जमीन कब्जाने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि जब प्लॉटिंग की गई होगी, तो सरकारी जमीन को भी इसमें मिला दिया। पहले उन्हें प्लॉट बेचे, अब दून-पांवटा हाइवे चौड़ीकरण में प्लाट कटने की बात कहकर गुमराह करके उनसे धोखाधड़ी की है। एक तरफ वह मकान बनाने की सोच रहे हैं, तो दूसरी तरफ उनकी जमीन पर कब्जा हो गया। अब उनके आगे-पीछे घूमने को मजबूर हैं।

दूसरी जगह जमीन देने की गुहार
भूमाफिया ने रजिस्ट्री के समय जो जमीन दिखाई उसका खसरा नंबर न डालकर नदी एरिया का खसरा नंबर डाल दिया। पड़ताल पर कई लोगों की जमीन सड़क, कई की नदी व कई की जंगल एरिया में आ रही है। पीडि़त अब भू-माफिया से उन्हें दूसरी जगह जमीन देने की गुहार लगा रहे हैं। पीडि़त जितेंद्र सिंह रावत, सुनील सिंह, सोबन सिंह, महिपाल सिंह, महाराज सिंह, जयपाल सिंह, कैलाश सिंह, भूपेंद्र मैठाणी ने डीएम को शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है।

18 किमी होगा ग्रीन फील्ड
दून के बल्लूपुर से लेकर हिमाचल प्रदेश के पौंटा तक बनने वाले 45 किमी लंबे इस मार्ग पर लगभग 22 किमी ग्रीन फील्ड होगा। जबकि 23 किमी पुराने हाईवे को चौड़ा करके फोर लेन बनाया जाएगा। सड़क की चौड़ाई 45 मीटर होगी।

25 गांवों की जमीन का अधिग्रहण
फोर लेन हाईवे चौड़ीकरण और निर्माण के लिए 25 गांवों की जमीन एक्वायरमेंट का कार्य अंतिम दौर में है। इसमें 21 गांव उत्तराखंड के हैं, जबकि 4 गांव हिमाचल के हैं। जमीन अधिग्रहण पर 550 करोड़ के लगभग खर्च हो रहा है।

प्रोजेक्ट पर एक नजर
45
किमी। है हाइवे की लंबाई
45
मीटर चौड़ाई
25
गांव के लोग प्रभावित
900
करोड़ है लागत
18
किमी। ग्रीन फील्ड बनेगा हाईवे
21
पुलों का किया जाएगा निर्माण

दो पैकेज में काम
बल्लूपुर से मेदनीपुर 22 किमी।
मेदनीपुर से पांवटा साहिब 23 किमी।

गुमराह कर ऐसी हड़पी जमीन
- दून-पांवटा हाईवे के चौड़ीकरण से जुड़ा है प्रकरण
- शीशमबाड़ा में रोड चौड़ीकरण के नाम पर मांग रजिस्ट्रयां
- मुआवजे के लिए मांग रजिस्ट्री के बाद किया कब्जा
- मुआवजे के बजाय प्लॉटों में लगा दिया अपने नाम का बोर्ड
- मुआवजा तो नहीं मिला, हाथ से प्लाट भी गंवा बैठे पीडि़त
- जमीन गंवाने के बाद मानसिक रूप से प्रताडि़त है पीडि़त
- पीडि़तों ने डीएम से लगाई न्याय की गुहार

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Posted By: Inextlive