आने वाले समय में भूमि अधिग्रहण के फेर में लटके सड़क निर्माण के कार्य जल्द से जल्द शुरू हो सकेंगे. दून समेत पूरे प्रदेश में भूमि अधिग्रहण और मुआवजे की प्रक्रिया को और आसान बनाए जाने की सरकार ने तैयारी कर ली है.

- कई बार मुआवजे के चक्कर में वर्षों बीत जाते हैं जमीन अधिग्रहण में

देहरादून, ब्यूरो: इसके लिए शासन स्तर पर कमेटी गठित की गई है। उम्मीद है कि कमेटी की रिकमंडेशन के बाद लैंड एक्यूजीशन और कंपेनसेशन प्रोसेस आसान हो जाएगी। इसके बाद सड़कों की लिए भूमि अधिग्रहण में अधिक समय नहीं लगेगा। कई बार कम मुआवजे के चक्कर में भी सड़क अधिग्रहण में समय अधिक लग जाता है। पब्लिक जल्दी से तैयार नहीं होती है। कमेटी के सुझाव पर खामियों को दूर किया जाएगा।

15 दिन में रिपोर्ट देगी कमेटी
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सड़कों के भूमि अधिग्रहण और मुआवजे की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए अपर सचिव न्याय एवं अपर सचिव राजस्व की एक कमेटी बनाई है। यह समिति 15 दिनों में राष्ट्रीय राजमार्गो के अतिरिक्त अन्य सड़कों में भी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए सुझाव देगी।

मलबा डंपिंग जोन को होगी स्टडी
सचिवालय में लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान अपर मुख्य सचिव रतूड़ी ने राज्य में डम्पिंग जोन के लिए उचित भूमि की कमी पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए इनोवेटिव और वृक्षारोपण जैसे पर्यावरणीय उपायों की संभावनाओं पर गम्भीरता से अध्ययन करने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।

रैम्प बन रहे सड़कों की मेंटेनेंस में बाधा
पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर शहरी क्षेत्रों में आवासीय मकानों एवं दुकानों के अतिक्रमण के कारण, रैम्प बनाये जाने से नाली निर्माण और मार्ग रख-रखाव में आ रही कठिनाइयों के समाधान के लिए नगर निकायों की कैपेसिटी बिल्डिंग और पीडब्ल्यूडी की ओर से निकायों को तकनीकी सहायता पर चर्चा की। नगर निकायों की सड़कों के रख-रखाव के लिए भी एक स्पष्ट और ठोस नीति निर्धारण पर त्वरित निर्णय की बात कही गई।

सड़कों की बार-बार कटिंग पर डीएम करेंगे कार्रवाई
इसके साथ ही एसीएस ने पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर अलग-अलग विभागों द्वारा निर्माण कार्य के लिए बार-बार कटिंग करने से पब्लिक को ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में सड़कों के रख-रखाव में आने वाली समस्याओं के निस्तारण के लिए डीएम अपने स्तर पर नियमित बैठकें कर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

वन भूमि हस्तांतरण पर भी हुआ मंथन
वनभूमि हस्तान्तरण के प्रकरणों के सम्बन्ध में क्षतिपूरक वृक्षारोपण के लिए दुगुनी उपयुक्त भूमि की जरूरत को लेकर भी बैठक में गहन मंथन हुआ। इस दौरान प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, प्रभारी सचिव दीपेन्द्र चौधरी, अपर सचिव विनीत कुमार और प्रदीप रावत आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।
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Posted By: Inextlive