Dehradun News: तारों के मकडज़ाल से घिरा करनपुर बाजार
देहरादून, (ब्यूरो): राजधानी दून में एजुकेशन हब के रूप में पहचान रखने वाले वाले करनपुर बाजार तारों के मकडज़ाल से घिरा हुआ है। बाजार में घुसते ही बिजली के खम्भे तारों के गुच्छे से भरे पड़े दिख जाते हैं। हर पोल का यही हाल है। बाजार ही नहीं करनपुर की हर गली में बिजली की तार के अलावा विभिन्न टेलीफोन कंपनियों के तारों से भरी पड़ी है। लेकिन पुलिस-प्रशासन के साथ ही ऊर्जा निगम भी सोया हुआ है। अग्नि दुर्घटना की बनी आशंका स्थानीय लोगों का कहना है कि इनसे लगातार दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है। कई बार पोल पर लदे तारों में स्पार्किंग होती है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। पूर्व में भी कई बार पोलों पर अग्नि दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। पब्लिक ने पोल से तारों के जाल को हटाने की मांग की है। तार हटाने का अभियान औपचारिकता
स्थानीय लोगों का कहना है कि पोल पर कई कंपनियों की इलीगल वायर लगी हुई हैैं। इन तारों के जाल को हटाने के लिए कई बार पुलिस-प्रशासन के साथ ही ऊर्जा निगम की ओर से अभियान चलाया जाता है, लेकिन इसका बहुत ज्यादा असर देखने को नहीं मिलता है। नाम मात्र के लिए अभियान चलाया जाता है। लोगों ने मांग की है कि दुर्घटनाओं को देखते हुए तारों के जाल पर कड़ा एक्शन लिया जाना चाहिए। हर महीने हो कार्रवाई करीब साल भर पहले पुलिस-प्रशासन ने ऊर्जा निगम के साथ तारों का जाल और लटक रही तारों को हटाने के लिए अभियान भी चलाया, लेकिन यह अभियान कागजों से आगे नहीं बढ़ पाया, जिसका खामियाजा व्यापारियों के साथ ही आम पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है। इसलिए खम्भों पर इलीगल तरीके से लगाए गए केबल के खिलाफ हर हफ्ते व हर माह कार्रवाई होनी चाहिए, तभी इस पर लगाम लग पाएगी। सिटी की स्मार्टनेस बिगाड़ रहे तारविनय कोली और अनुज गोयल का कहना है कि जिस काम के लिए मुहिम शुरू की गई वह परपज आज तक पूरा नहीं हुआ। लिहाजा आज भी बड़ी संख्या मे बिजली के खम्भों पर तारें लटक रही हैं और तारों के गुच्छे से पोल जकड़े हुए हैं। जो न केवल दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहे हैं, बल्कि शहर की सुंदरता पर भी दाग लगा रहे हैं। जिस तरह से शहर में तारों का कब्जा है वह भविष्य में हादसों का प्रमुख कारण बनेगा। एक खंभे पर दर्जन से अधिक केबल
बिजली के खंभों पर न केवल बिजली के तार गुजर रहे हैं, बल्कि कई केबल गुजर रही हैं। टेलीफोन के तार से लेकर जियो फाइबर की वायर, टीवी केबल नेटवर्क की केबल, बीएसएनल समेत कई कंपनियों के टेलीफोन और वाईफाई नेटवर्क के तारें गुजर रही है। पूरे शहर में खंभे तारों से भरे पड़े हैं, जिनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है। अंडरग्राउंड केबलिंग से मिलेगी निजातऊर्जा निगम दून की सड़कों से बिजली लाइनें अंडरग्राउंड करा रहा है। पहले फेज में सिटी की पांच सौ किलोमीटर लाइन को अंडर ग्राउंड किए जाने की योजना है। एडीबी से फंडिंग यह योजना कहां तक तारों के जाल को कम करने में सहायक सिद्ध होंगी यह तो आने वाले समय ही बताएग, लेकिन तार हटाने को लेकर जिस तरह की पुलिस-प्रशासन उदासीनता बरत रहा है वह दुर्घटनाओं को रोकने में नाकाफी है। ये है पोल पर तारों के गुच्छों के नुकसान -बंच केबल्स पर आग लगने का है ज्यादा खतरा-पक्षियों द्वारा घोंसला बनाए जाने से शॉर्ट सर्किट होने की आशंका-अधिक भार से झुक रहे पोल से हो सकता है कभी भी बड़ा हादसा -सड़क पर लटकती केबल्स से आए दिन दोपहिया वाहन हो रहे हादसे का शिकार-इलीगल केबल्स के विरुद्ध सख्त कार्रवाई न होने से कंपनियों की पौ बारह
-परमिशन के बाद मानकों के अनुरूप केबल्स को लेकर इंस्पेक्शन न किए जाने से ज्यादा दुश्वारियांतारों के मकडज़ाल पर सख्त एक्शन की जरूरतकरनपुर क्षेत्र में बिजली के पोलों पर तारों के मकडज़ाल से पब्लिक परेशान है। प्रशासन चैन की नींद सो रहा और ऊर्जा निगम लापरवाह। पुलिस-प्रशासन को इस पर जल्द कड़ा एक्शन लेना चाहिए।विनय कोहली पोल पर तारों का गुच्छा बनने से आग लगने का ज्यादा खतरा है। इसलिए स्थानीय पब्लिक से अपील है कि समाधान न होने तक हर मंच पर लगातार समस्या को पुरजोर तरीके से उठाते रहें। अनुज गोयल कम होने के बजाय बिजली खंभों पर तारों का जाल बढ़ता जा रहा है। जिस तेजी के साथ पोल तारों के बोझ से दब रहा है उससे कभी बड़े हादसे होने की आशंका है। समय रहते समस्या का समाधान होना चाहिए।गौतम शर्मा वायर नेट से हो रही दुर्घटनाओं को लेकर ऊर्जा निगम से लेकर हर संबंधित विभाग के सामने रखा, लेकिन आज तक समाधान नहीं हुआ। पब्लिक के पास अब आंदोलन का ही रास्ता बचा है।रोहित चुग
समय-समय पर पुलिस-प्रशासन की टीम के साथ संयुक्त अभियान चला इलीगल तारों को काटा कर जुर्माना भी लगाया जाता है। लेकिन बार-बार तारें जोड़कर इसमें व्यवधान आ रहा है। एन्फोर्समेंट की कमी दूर होते ही इस पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। गौरव सकलानी, अधिशासी अभियंता, सैंट्रल डिविजन, यूपीसीएल
dehradun@inext.co.in