दून में हर बार बरसती है आफत की बारिश, शहर अस्त-व्यस्त
- शहर के कई इलाकों में बारिश बनी मुसीबत, घरों में घुसा पानी, कई जगह ढही दीवारें
- सड़कों पर रहा दिनभर जाम, जलभराव के चलते कई इलाकों में बच्चे नहीं जा स्कूल
देहरादून (ब्यूरो): सड़कों पर जल भराव से सड़कों पर दिनभर जाम की स्थिति बनी रही। लोगों का कहना है कि मानसून की शुरुआती बारिश में ही शहर का ये हाल होगा। वाटर ड्रेनेज के लिए विभागों की ओर से ठोस प्रयास नहीं किए जाने से लोगों में आक्रोश है। कई लोगों ने अपने-अपने घर, मोहल्ले और सड़कों के जल भराव की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की। पानी भरने से शहर में कई घरों बाउंड्री वॉल टूट गई। आईएसबीटी फ्लाईओवर में पानी भरने से आवाजाही घंटों बाधित रही। कई जगहों पर नालियों की सफाई न होने से भी जल भराव की समस्या आ रही है। बारिश के चलते कई नदियों पर खतरे के निशान के ऊपर बहने से नदी के आस-पास रह रहे लोगों को खतरा पैदा हो गया है।
इन इलाकों में हुआ जल भरावघंटाघर
एस्लेहॉल
पंचायती मंदिर दर्शन लाल चौक
सहारनपुर चौक
माता मंदिर
राजा रोड
माजरा
सेवला कलां
मोहकमपुर
बंजारावाला
यहां हुई बाउंड्रीवॉल क्षतिग्रस्त
मोहकमपुर, हरिपुर नवादा, उत्तरांचल एनक्लेव, गणेश एनक्लेव, मोहनी रोड, सांई मंदिर मोहकमपुर
बारिश से कई मार्ग बंद
बारिश के चलते भूस्खलन से स्टेट हाईवे समेत तीन मार्ग बंद हो गए। लोनिवि साहिया का स्टेट हाईवे साहिया-क्वानू मोटर मार्ग के किमी 31 व 32 पर मलबा आने से दसऊ के पास बंद है। लखस्यार लुधेरा क्यारी कचटा मोटर मार्ग किमी 17 व 18 क्यारी के पास मलबा आने के कारण बंद हो गया। अटाल पुल रोटा खड्ड मार्ग बंद होने से लोग परेशान हैं। प्रमुख मार्गों के बंद होने पर किसान समय पर अपनी उपज को मंडी तक नहीं ले जा पाए। नौकरीपेशा को भी दिक्कतें उठानी पड़ी। लोनिवि ने मार्ग खोलने के लिए जेसीबी मशीन लगाई हैं।
जोनल ऑफिसर किए तैनात
मानसून में सड़क मार्गों को दुरुस्त रखने के लिए डीएम सोनिका ने 22 स्थानों के लिए दो सुपर जोनल अधिकारी, 10 जोनल ओर 22 सेक्टर अधिकारियों को तैनात किया है। इसके साथ ही उन्होंने एमडीडीए सचिव को अपने स्तर से संबंधित अभियंताओं की तैनात करने के लिए निर्देशित किया है। डीएम ने शहर की सड़कों को गड्ढामुक्त रखने, सड़कों पर हो रही जलजमाव की समस्या से निजात दिलाने के लिए नालियों की कनेक्टिविटी बनाने, मलबा हटाने, बिजली और टेलीफोन के तारों को व्यवस्थित करने के लिए इन जोनल अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। इसके लिए एडीएम प्रशासन और वित्त एवं राजस्व को सुपर जोनल अधिकारी नामित किया है। साथ ही सीडीओ झरना कमठान को तैनात अधिकारियों से उनके दायित्वों के प्रति नियमित समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए। जोनल अधिकारी अपने क्षेत्रों की रिपोर्ट आपदा नियंत्रण कक्ष को देंगे। कहा कि सेक्टरों में सफाई निरीक्षकों और सुपरवाइजरों की तैनाती नगर निगम आयुक्त करेंगे।
ट्रांसफार्मर फुंका, 20 घंटे बत्ती गुल
ऊर्जा निगम के इंतजामों की पोल वर्षाकाल में खुलने लगी है। शहर के विभिन्न इलाकों में फॉल्ट के कारण बिजली की आंख-मिचौनी जारी है। जबकि, स्मिथनगर में 400 केवी का ट्रांसफार्मर फुंक गया, जिससे करीब 20 घंटे तक आसपास के बड़े क्षेत्र में बत्ती गुल रही। बार-बार ट्रांसफार्मर में खराबी आने से क्षेत्रवासियों में आक्रोश है। आरकेडिया ग्रामसभा की पूर्व उप प्रधान गीता बिष्ट ने मोहनपुर सब स्टेशन के बिजली अधिकारियों पर क्षेत्रवासियों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। कहा कि ट्रांसफार्मरों के रखरखाव के नाम पर सिर्फ कागजों में ही काम होता है। बताया कि मंगलवार रात को बारिश के दौरान बिजली कड़कने से स्मिथनगर मुख्य मार्ग में स्थित 400 केवी का ट्रांसफार्मर खराब हो गया, जिसकी वजह से क्षेत्रवासियों को अंधेरे में रहना पड़ा। बुधवार रात 9 बजे तक भी ट्रांसफार्मर नहीं बदला जा सका था। ट्रांसफार्मर खराब होने से शिवलोक कॉलोनी, सरस्वती एनक्लेव, संस्कृति विहार, राघव विहार, कृष्णा विहार, गडरिया मोहल्ला समेत आस-पास के तीन हजार से अधिक की आबादी को अंधेरे में रहना पड़ा। साथ ही इससे बुधवार को कई क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित रही।
झमाझम बारिश से नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया। दून की टोंस नदी खतरे के स्तर पर पहुंच गई है, जबकि यमुना में जल प्रवाह अभी खतरे के स्तर से दूर है। जल स्तर बढऩे से बिजली परियोजनाओं में विद्युत उत्पादन भी बेहतर हो रहा है। चकराता में 12.1 मिमी, कालसी में 16 मिमी, नागथात में 21 मिमी, विकासनगर में 50 मिमी वर्षा हुई। वर्षा के चलते इच्छाड़ी डैम में टोंस नदी का जलस्तर खतरे के स्तर 644.75 मीटर पर पहुंचा। जबकि डाकपत्थर बैराज में यमुना का जलस्तर 455 मीटर पर रहा, जबकि यमुना का खतरे का स्तर 455.37 मीटर पर है। वर्षाकाल में नदियों का जलस्तर घट-बढ़ रहा है, जिसके चलते नदियों के किनारे पर बसे गांवों भीमावाला, ढकरानी, नवाबगढ़ के ग्रामीणों ने भी सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है।
बिजली घर में जल भराव, चीफ इंजीनियर तलब
132 केवी माजरा सब स्टेशन में बारिश के कारण जल भराव हो गया, जिससे कार्मिकों को दिक्कतें पेश आई और विद्युत उपकरणों को भी खतरा पैदा हो गया। पिटकुल के एमडी पीसी ध्यानी ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए मुख्य अभियंता जितेंद्र चतुर्वेदी का स्पष्टीकरण तलब किया है। इसके साथ ही दोबारा इसकी पुनरावृत्ति न होने की चेतावनी भी दी है। घटना को गंभीरता से लेते हुए एमडी ने चीफ इंजीनियर जानपद जितेंद्र चतुर्वेदी को तीन दिन के अंदर समाधान के निर्देश दिए हैं। साथ ही जल भराव के कारण किसी भी प्रकार का शॉर्ट सर्किट होने और करंट लगने के कारण जनहानि होने पर उनकी जिम्मेदारी तय करने की चेतावनी दी है।
चंद्रबनी चोयला में 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश से मेन रोड सड़क नदी में तब्दील हो गई। जल भराव के चलते दोपहिया वाहन सड़क के बीच फंसने से आवाजाही प्रभावित रही। बाद में यहां पर सैकड़ों लोग जुट गए। दरअसल इस जगह पर हर साल जल भराव होता है। पिछली बार भी क्षेत्रीय विधायक सहदेव पुंडीर, मेयर सुनील उनियाल गामा समेत कई जनप्रतिनिधियों ने जलभराव के समाधान के लिए जल्द योजना बनाने का आश्वासन दिया, लेकिन पूरा साल बीत गया, लेकिन आश्वासनों पर कोई अमल नहीं हो पाया। इससे क्षेत्र के लोगों में भारी आक्रोश है। क्षेत्रीय पार्षद सुखबीर सिंह बुटोला ने गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि बरसात में यहां से गुजरना खतरनाक हो जाता है। अफसर जनप्रतिनिधियों की नहीं सुनते हैं, जिसका खामियाजा अल्टीमेट जनता को भुगतना पड़ता है। उन्होंने सीएम से क्षेत्रवासियों की इस समस्या के शीघ्र समाधान की गुहार लगाई है।