राजधानी देहरादून भी गजब का शहर है. यहां न तो किसी को प्रशासन का डर है और न पुलिस का ही खौफ. शहर में कुछ भी करो कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है.

- चकराता रोड पर दूर-दूर तक नजर नहीं आता फुटपाथ।
- घंटाघर से बल्लूपुर तक फुटपाथ है,पर यूज में नहीं
देहरादून, ब्यूरो: नदियों में तो है ही अब फुटपाथों पर भी बस्तियां बसने लगी है। जी हां, इसकी एक बानगी हम आपको चकराता रोड की बताते हैं, जहां फुटपाथ पर बस्तियां ही बस गई, ये बस्ती रातों रात नहीं बसी, बल्कि लंबे अर्से कई परिवार फुटपाथ पर रह रहे हैं। फुटपाथ ही इन लोगों का आशियाना बन गया। बात फुटपाथ के कब्जे करने की नहीं हो रही है। बात फुटपाथ पर चलने की हो रही है। फुटपाथ पैदल चलने के लिए बनाए गए हैं, ताकि पब्लिक वाहन की चपेट में न आए और टैफिक भी प्रभावित न हो। लेकिन इस तरह न तो कभी पुलिस-प्रशासन ही ध्यान दे रहा है और न ही शहर का जिम्मा संभाले नगर निगम ही कोई सुध लेने को तैयार है। जो फुटपाथ दिखाई भी दे रहा है उन पर या तो स्लैब नहीं है या फिर वह टूट-फूट रखे हैं, जिनका वर्षों से मेंटेनेंस नहीं हुआ।

ब्लड बैंक के पास फुटपाथ पर बसी बस्ती
चकराता रोड पर आईएमए ब्लड बैंक के पास रोड पर खुले आम बस्ती बस गई और किसी को कानों-कान खबर तक नहीं है। फुटपाथ पर करीब 20 से अधिक परिवार कई सालों से फुटपाथ पर छप्पर बनाकर जीवन-यापन कर रहे हैं। ये परिवार राजस्थान के बताए जा रहे हैं। इनकी गाय भी फुटपाथ के ऊपर ही पल रही है। ये परिवार 15 साल से इस जगह पर रह रहे हैं,

15 साल से फुटपाथ पर रह रहे कई परिवार
फुटपाथ पर रह रहे राजस्थानी परिवारों का कहना है कि उन्होंने फुटपाथ पर अतिक्रमण नहीं कर रखा है वह मजबूरीवश खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं। जिलाधिकारी समेत नगर निगम को कई बार अन्यत्र बसाने की मांग की गई, लेकिन कोई नहीं सुन रहा है। आज ही हमें दूसरी जगह आशियाना मिल जाएगा, तो हम खुशी-खुशी चले जाएंगे। सिस्टम को न तो इन गरीबों का दर्द नजर आ रहा है और न ही शहर की उस पब्लिक की जान की परवाह है जो रोजाना जोखिम मोल लेकर फुटपाथ की जगह सड़क पर चल रहे हैं।

चकराता रोड पर कहीं नजर नहीं आते फुटपाथ
शहर का दिल कहे जाने वाले घंटाकर से लेकर चकराता रोड पर बल्लूपुर तक कहीं पर भी फुटपाथ नजर नहीं आ रहे हैं। घंटाघर से चकराता रोड पर शुरू होते ही फुटपाथ ही नहीं दिखाई दे रहे हैं। जबकि यह स्मार्ट रोड के रूप में डेवलप की जा रही है। इस स्मार्ट रोड पर फुटपाथ दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे। फुटपाथ के ऊपर या तो दुकानों के शटर डाल दिए गए हैं, या फिर दुकानों को फुटपाथ तक सज जाती है। बाकी बचे फुटपाथ पर दुकान पार्किंग के रूप में इस्तेमाल करते रहे हैं। नटराज सिनेमा हाल के पास तो फटपाथ पर रेस्टोरेंट बना दिया गया है।
फुटपाथों का मेंटेनेंस समय-समय पर किया जाता है। कुछ जगह पर फुटपाथ निर्माण दूसरे विभागों के पास है। जहां पर फुटपाथ बाधित है या टूटे-फूटे हैं उन्हें जल्द ठीक कर लिया जाएगा।
राजेश नैथानी, सहायक नगर आयुक्त, नगर निगम, देहरादून

Posted By: Inextlive