राजधानी के एंट्री प्वाइंट आईएसबीटी पर स्थानीय जनता को पीडब्ल्यूडी की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ा। स्थिति ये रही चाहे बारिश हो या बारिश न हो इलाके में सड़क पर सीवर के ओवरफ्लो पानी ने लोग को जीना मुश्किल कर दिया था। जबकि प्रभावितों की ओर से ये शिकायत सीएम हेल्पलाइन तक भी पहुंचाई गई। नतीजा सिफर रहा। मजबूर होकर स्थानीय लोगों ने स्थानीय विधायक को अपनी आपबीती सुनाई तब जाकर करीब 15 दिनों पर सीवर की समस्या सुलझ पाई। मालूम चला कि पीडब्ल्यूडी विभाग ने अपने काम चमकाने के चक्कर में ईंट बजरी व टाइल्स तक सीवर लाइन में डाल दिए थे। जिस कारण लोगों को खामियाजा भुगतना पड़ा।

देहरादून (ब्यूरो)। आईएसबीटी क्षेत्र एक नहीं कई महीनों से सीवर के सड़क पर बहते पानी से प्रभावित रहा। आईएसबीटी से घंटाघर आने वाले रास्ते पर फ्लाई ओवर के नीचे बरसात हो या न हो, सीवर का सड़क पर बहता पानी लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ था। स्थानीय व्यापारियों व लोगों ने दिक्कत को देखते हुए सीएम हेल्पलाइन तक अपनी शिकायत दर्ज कराई। लेकिन, फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। स्थानीय लोगों ने आखिरकार क्षेत्र के विधायक विनोद चमोली तक शिकायत पहुंचाई। जिसके बाद विभाग हरकत में आए। लेकिन, इसमें भी 15 दिन से अधिक समय लग गया। हालांकि, अब जल संस्थान ने करीब 12 दिनों की मेहनत के बाद सीवर लाइन में ब्लॉकेज को ढ़ंूढ़ निकालते हुए ईंट, बजरी, टाइल्स बाहर निकाले हैं। लेकिन, जल संस्थान ने इसके लिए पीडब्ल्यूडी जिम्मेदार बताया है। जबकि, पीडब्ल्यूडी का कहना है कि जल संस्थान की सीवर लाइन ही ठीक नहीं बनी है। हर साल बरसात में सीवर लाइन ओवरफ्लो हो जाता है।

ये हैं विभागों के तर्क
पीडब्ल्यूडी---
-सीवर लाइन चोक होना हर बार का किस्सा।
-पीडब्ल्यूडी चिट्ठी लिख-लिखकर थका।
-तारकोल की सड़क सीवर के पानी से होती है डैमेज।
-एसटीपी ठीक नहीं है, इंस्पेक्शन भी कराया गया।

जल संस्थान---
-जहां पर सीवर लाइन ब्लॉक थी, वहां रॉ मैटेरियल मिला।
-12 दिन तक सीवर लाइन से ईंट, बजरी व टाइल्स बाहर निकाले गए।
-पीडब्ल्यूडी ने अपने सड़क का मलबा चैंबर होल में डाल दिया।
-पूरा आईएसबीटी एरिया सीवर लाइन ब्लॉक होने से रहा परेशान।
-सीवर लाइन ठीक करने के लिए लेबर व मशीनें यूपी तक से मंगानी पड़ी।

यूपी से मंगाई मशीनें और लेबर
स्थानीय व्यापारी एसके जैन के अनुसार पीडब्ल्यूडी लापरवाही से स्थानीय जनता को परेशानियां झेलनी पड़ी हैं। सीएम हेल्पलाइन से रिस्पांस न मिलने पर विधायक विनोद चमोली से शिकायत करनी पड़ी। बाकायदा, विधायक को रोज वीडियो फुटेज भेजने पड़े। दीपावली के दौरान दर्ज शिकायत पर अब जल संस्थान ने सीवर के ब्लॉकेज को ढूंढ़ निकाला। जल संस्थान के जेई बीएस नेगी ने बताया कि करीब 12 फीट गहरे सीवर लाइन में ब्लॉकेज को ढूंढने के लिए यूपी तक से मशीनें व श्रमिकों को बुलाना पड़ा। सफाई के लिए सीवर लाइन को एक हॉस्पिटल के पास में ब्लॉक तक करना पड़ा।

पीडब्ल्यूडी को चेतावनी भरे पत्र की तैयारी
आईएसबीटी से लेकर बल्लीवाला ईस्ट और वेस्ट तक सीवर लाइन ब्लॉकेज से प्रभावित रहा। जल संस्थान के इंजीनियरों के अनुसार अब पीडब्ल्यूडी को भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न किए जाने को लेकर चेतावनी भरा पत्र लिखा जाएगा।


एडीबी ने जल संस्थान की सीवर लाइन ही खराब बनाई है। हर बरसात में इस लाइन से पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बहने लगता है। कई बार पत्राचार भी किया जा चुका है। चैंबर टूट कर सीवर लाइन में गिर जाने के कारण सीवर लाइन चोक हो जाती होगी।
सुरेंद्र, एई, पीडब्ल्यूडी।

सीवर लाइन में ईंट, बजरी व टाइल्स गिरा हुआ मिला। जिस कारण पूरी सीवर लाइन चोक हो गई और आईएसबीटी से लेकर बल्लीवाला तक इसका असर देखने को मिला। अब पीडब्ल्यूडी को भविष्य में ऐसा न करने को लेकर पत्र लिखा जाएगा।
बीएस नेगी, जेई, जल संस्थान।

स्थानीय जनता की परेशानी को सीएम हेल्पलाइन तक में नहीं सुना गया। विधायक की मदद से अब सीवर का पानी सड़कों पर बहना रुक गया है। लेकिन, सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढ़े कब बन पाएंगे। दोबारा सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज की गई है।
एसके जैन, व्यापारी, आईएसबीटी।

Posted By: Inextlive